Find the Latest Status about एकवार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, एकवार.
vikash Kumar
एकवारी के बुढ़िया माई के जग होता भाई लोग एकवारी भोजपुर आरा
LotusMali
"कब तक रोकेंगें हम खुद को तुमसे अब इन हालातों में ए दिल है मेरा कोई अदालत नहीं जो सबूत माँगले हम तुम्हारी हरकतो का खुद आकर एकवारी हमसे प्यार से कह दो तुम अब जरा मुस्करा भी दो युँ खामोश क्या हो तुम ....." -LotusMali https://lotusshayari.blogspot.com/ ©LotusMali "कब तक रोकेंगें हम खुद को तुमसे अब इन हालातों में ए दिल है मेरा कोई अदालत नहीं जो सबूत माँगले हम तुम्हारी हरकतो का खुद आकर एकवारी ह
LotusMali
"कब तक रोकेंगें हम खुद को तुमसे अब इन हालातों में ए दिल है मेरा कोई अदालत नहीं जो सबूत माँगले हम तुम्हारी हरकतो का खुद आकर एकवारी हमसे प्यार से कह दो तुम अब जरा मुस्करा भी दो युँ खामोश क्या हो तुम ....." -LotusMali https://lotusshayari.blogspot.com/ ©LotusMali "कब तक रोकेंगें हम खुद को तुमसे अब इन हालातों में ए दिल है मेरा कोई अदालत नहीं जो सबूत माँगले हम तुम्हारी हरकतो का खुद आकर एकवारी ह
Sarita Prashant Gokhale
वृत्त --अर्कशेषा शीर्षक :- एक झेप एक झेप अंबरात टाकतात पक्षी रोज रोज अंतरात कोरतात नक्षी कल्पनेत आपल्याच एक स्वप्न रंगे तेच पंख वास्तवात जीवनास रक्षी घालमेल खोलखोल अंतरात जाते आपलीच रोज चोच दात ओठ खाते आर्त हाक ओंजळीत आसवात न्हाते एक गीत मैफिलीत भेटताच गाते मुक्त मौन जेरबंद पिंज-यात झाले एकवार मुक्तवास पाहण्या उडाले एक ध्येय गाठण्यास छंद लाभलेले रंगवून कंठमाळ वास्तवात आले स्मिता राजू ढोनसळे नान्नज, जिल्हा सोलापूर ©Smita Raju Dhonsale शीर्षक :- एक झेप एक झेप अंबरात टाकतात पक्षी रोज रोज अंतरात कोरतात नक्षी कल्पनेत आपल्याच एक स्वप्न रंगे तेच पंख वास्तवात जीवनास रक्षी घालम
Yugant Chindarkar
Divyanshu Pathak
हूण कुषाण शक मंगोल तुर्क ख़िलजी मुग़ल अंग्रेज सबने जोर अजमा लिए मेरे देश पर मेरे धर्म मेरे कर्म पर ! ज्ञान और विज्ञान हमसे लूट कर वो ले गए जो बच गया उसको जला दिया गया ! जंगली जीवनशैली का बीज भी वहीं से पड़ा ! आज विचारों की संकीर्णता और व्यवहारों का घटियापन पशुता जो हमारे बीच दिखाई देती है वहीं से आई ! वक्त रहते अपनी संस्कृति की ओर नहीं लौटे तो इससे भी भयंकर परिणाम सामने आएंगे ! 💕👨 : कुछ लोगों को तो आज तक पता ही नहीं चल सका कि मेरे इस आध्यात्मिक धर्म कर्म की भूमि पर अभी भी दैत्य क्यों अपना नांच कर रहे हैं !उन्हें तो
sandy
हर एक क्षणाला नाही पण ... ..कोणी तरी तुझा विचार करतं... दिसुन येत नाही कधी पण ... ...कोणी तरी तुझी काळजी करतं... जाणवत नसेल कधी तुला पण...
Divyanshu Pathak
जब मिले तुम तो ऐसा लगा एक पल सारी खुशियाँ जहां की मुझे मिल गयीं ! जाने कैसी हवा बहचली उस घड़ी फ़िर से सूखी हुई सब कली खिलगयीं ! छूके देखो कभी अनछुए फ़ूल को क्या पता फ़िर ये मधुवन मिले न मिले ! मेरी बहकी सी बातें अग़र हैं तो फ़िर भोले नैनों का ढंग क्यों शराबी हुआ ! ना कोई बात है ना ही बरसात है फ़िर ये चहरे का रंग क्यों गुलाबी हुआ ! लांघना ना कभी देहरी प्यार में चाहे मीरा को मोहन मिले न मिले ! :😊😊🌱☕☕☕💕💕🍉🍉🍉🍨🍨🍀🍀🍧🍉💕🍧👨 good morning ji Hv a nice day !😊 आओ एकवार फ़िर से तुम्हें देख लूं क्या पता फ़िर ये दर्पण मिले न मिले ! पास आ तन की गंधो
vishnu thore
......................... ©vishnu thore किस्सा मुखपृष्ठाचा ..अक्षरबंध मासिकात काळजीवाहू माणसांचे अंतरंग असलेले 'तल्की' - विष्णू थोरे पुण्यात प्रतिभासंगमचे साहित्य स