Find the Latest Status about न्याय from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, न्याय.
Avinash Gupta
हर बार झूठला कर देखा उन्होंने पर सच्ची निकली वो बात कचहरी के शोर गुल में फिर दबा दी गई एक आवाज -Mr.Avi ©Avinash Gupta #न्याय
अदनासा-
Deepa Didi Prajapati
किसी निर्दोष को इतना मत सताना,कि उसके करूण रुदन से प्रकृति भी छटपटा उठे। प्रकृति का नयाय बड़ा प्रचंड है। ©Deepa Didi Prajapati # प्रकृति # का न्याय
Manojkumar Srivastava
हाल ही में इलेट्राल बांड मामले में सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि इलेक्ट्राल बांड के जरिये राजनीतिक दलों को प्राप्त चंदे की जानकारी हासिल करने का हक आम जनता को है! इसकी सूचना उपलब्ध नहीं करायी जा रही है जो सूचना अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है! माननीय बतायेंगे कि न्यायपालिका को सूचना अधिकार अधिनियम से बाहर क्यों रखा गया है? क्या आम जनता को न्यायपालिका के कार्यकलाप और कार्यशैली के बारे में जानने का अधिकार नहीं है ?सोचिये मी लार्ड! ©Manojkumar Srivastava #relaxation #सूचना अधिकार कानून# न्यायपालिका#
Ghumnam Gautam
सब-के-सब जो चोर हैं,घूम रहे आज़ाद न्याय चखेंगे आप तो,निकलेगा बे-स्वाद ©Ghumnam Gautam #न्याय #चोर #आज़ाद #ghumnamgautam
अदनासा-
शुद्ध, श्वेत एवं सत्य पत्र जनता के लिए, जनता द्वारा, मात्र जन हित में। महान लोकतंत्र (Democracy) की सबसे महत्वपूर्ण रीढ़ (Foundation) हमारा संविधान (Constitution) है, परंतु हमारे इस संविधान को मजबूत बनाने हेतु, इन चतुर्थ (Fourth) स्तंभों (Pillars) का सशक्त होना भी अतिआवश्यक है, जो सौभाग्य से अनगिनत उतार चढ़ाव के बावजूद भी अब तक खड़ा है। परंतु प्रश्न है आख़िर कब तक ? हमारे लोकतंत्र का प्रथम स्तंभ है कार्यकारणी (Executive), द्वितीय स्तंभ है विधायिका (Legislature), तृतीय स्तंभ है न्यायपालिका (Judiciary) मगर यह जो चतुर्थ स्तंभ है, वह भले ही संविधान से जुड़ा हुआ ना हो, परंतु चतुर्थ स्तंभ का महत्व, संविधान के अन्य स्तंभों में इसलिए आवश्यक है कि यह किसी भी सत्ता को निरंकुश होने नही देती, इनके कड़वे सवाल ही हर सत्ता के लिए लगाम का कार्य करती है, वह है पत्रकारिता (Journalism) जो अत्यधिक महत्वपूर्ण है। वैसे वर्तमान की वास्तविकता यह है कि यहां तो पत्रकारिता ही सत्ता के साथ बेलगाम हो चुकी है, वो चैनल निजी है, परंतु यह भी धीरे-धीरे पूर्णतया सरकारी होते जा रहे है या यूं कहें कि दरबारी हो चुकी है, कहने का उद्देश्य यह की चतुर्थ स्तंभ की स्थिति दयनीय एवं चिंताजनक है, साथ ही जो प्रथम एवं द्वितीय स्तंभ है वह भी लगभग सत्ता के चरणों में नतमस्तक है। वर्तमान में हमारे लोकतंत्र के पास मात्र तृतीय स्तंभ ही है जो अब तक सरकार की जवाबदेही तय कर रही है, मुझे यह कहने में कोई भय या दबाव बिल्कुल नही है, इसलिए मैं यह कह सकता हूं कि, हमारे महान लोकतंत्र एवं महान संविधान की नींव, इज्ज़त, लाज, मान, सम्मान एवं सुरक्षा मात्र तृतीय स्तंभ न्यायपालिका पर ही निर्भर है। अच्छा लगे तो अपना लो अपना समझो बुरा लगे भी तो ठुकरा दो बेगाना समझो ©अदनासा- #हिंदी #लोकतंत्र #संविधान #कार्यकारणी #विधायिका #न्यायपालिका #पत्रकारिता #Instagram #Facebook #अदनासा
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी मजहब जाति भाषा से ऊपर सन्त और महात्मा होते है उनका तेज तपस्याऔर ज्ञान मानव जाति के कल्याण के लिये होते है राह जब शांति की बन्द नीती न्याय नैतिकता खो जाती है तब रविदास जैसे सन्त अवतरित होते है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #gururavidas नीति न्याय नैतिकता जब खो जाती है #nojotohindi
अदनासा-
जब-जब आंधी अनेकों आवारा हवाओं के साथ मिलकर, एक उग्र चक्रवात का रूप लेकर आगे बढ़ता है गांव और नगर को बर्बाद करने हेतु, तब-तब एक विशाल तपस्वी पर्वत अपने साथी पर्वतों की टोली संग, उस उग्र चक्रवात के समक्ष निडरता से खड़ा हो जाता है, तथा एक शांतचित्त चुनौती देता है, उसी क्षण वह उग्र घमंडी चक्रवात बिखरकर शांत हो जाता है। ©अदनासा- चित्र सौजन्य एवं हार्दिक आभार💐🌹🙏😊🇮🇳🇮🇳https://www.jagranjosh.com/web-stories/justice-dy-chandrachud-50th-chief-justice-of-india-38081 #भारत #