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रसिक उमेश
White चित्र नही चरित्र सुंदर होना चाहिए, दुर्योधन घर मेवा त्यागो साग विदुर घर खायो🌷 ©रसिक उमेश #Thinking भावना में भाव का महत्व है
#Thinking भावना में भाव का महत्व है
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White ख्वाबों का मासूम सा सवाल कुछ उम्मीद है बाकी या फ़िर टूट जाएं हम ©हिमांशु Kulshreshtha ख्वाबों का...
ख्वाबों का...
read moreKulvant Kumar
White ༺❤️"हर इंसान का महत्व होता है वो किसी न किसी के लिए खुदा होता है "❤️༻ ©Kulvant Kumar #Shiva ༺❤️"हर इंसान का महत्व होता है वो किसी न किसी के लिए खुदा होता है "❤️༻
#Shiva ༺❤️"हर इंसान का महत्व होता है वो किसी न किसी के लिए खुदा होता है "❤️༻
read moreNews by Prashant
White परिणाम अगर पक्ष में ना हो, तो दुनिया हमारे प्रयासों को कोई महत्व नहीं देती.. ©News by Prashant #Sad_Status परिणाम अगर हमारे पक्ष में ना हो, तो दुनिया हमारे प्रयासों को कोई महत्व नहीं देती..!! sad shayari
#Sad_Status परिणाम अगर हमारे पक्ष में ना हो, तो दुनिया हमारे प्रयासों को कोई महत्व नहीं देती..!! sad shayari
read moreAbdhesh prajapati
White मौन सबसे अच्छा उत्तर है किसी ऐसे व्यक्ति के लिए जो आपके शब्दों को महत्व नहीं देता..! ©Abdhesh prajapati महत्व नहींदेता
महत्व नहींदेता
read moreShailendra Anand
https://nojoto.page.link/JJsczरचना दिनांक 14 जनवरी 2025 वार मंगलवार समय सुबह ग्यारह बजे ्भावचित्र ् ्निज विचार ् ्शीर्षक ् छाया चित्र में जल ही जीवन में समुद्र में जलसृष्टि में , अलग पहचान और सोच का आयना नज़रिया सहज महज़ भण्डार है,, जहां चाह वहां राह दिखाने वाले मंगलमय रत्नों से खनिज पदार्थ से सजाया गया है।। ्् समन्दर में बहते हुए जल में प्रवाहित होने वाले तरंग में लहरों , में समुद्री नमक और तेल चित्रावलली ललितकलाचित्रणशैलीकलासाहित्य से, मनोररम सौंदर्य और जींव जगत के सुक्ष्म से सुक्ष्म पादप प्रजातियां पाई जाती है । जो जीवाणु और अनेक देशों में समुद्री तट पर स्थित पनडुब्बी और जहाज में पर्यटक में , मानसिक सम्प्रेषण शांति वार्ता से अन्य देशों में सामंजस्य स्थापित कर नव स्वपन कीओर ले जा रहे, मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास पूर्वक विचार कर मनाया जा रहा है।। हिन्दूस्तान में आदिकाल भक्तिकाल में मानसिक हलचल अंतर्गत आई अभिव्यक्ति अनुवाद जनसंख्या में वृद्धि और कमी विषय नहीं है,, विषय विश्व में आप और हम के बीच हिन्दूस्तान की संस्कृति सभ्यता और इतिहास चाहे, स्वामी विवेकानंद जी शिकागो में 13। 1वर्ष पुर्व अपने उद्बोधन में अपनी संस्कृति और सभ्यता इतिहास विद्वता से सारे विश्व में अपना दर्शन और प्रेम का आयना नज़रिया सहज महज़ प्रेम को अभिव्यक्त करने वाले शुन्य पर आधारित ईश्वर सत्य की आवृत्ति प्रवृत्ति निरन्तर प्रगति में देश सर्वोपरि है।। माना कि हिन्दूस्तान में कई राजा,सम़ाट सतयुग से कलयुग तक देवता और असुर के मध्य संग़ाम हुआ है ्तब धर्म और अधर्म पाप और पुण्य के बीच सतयुग त्रेता द्वापर युग परिवर्तन में सहस्त्रों वर्षों तक अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय का विवरण शास्त्र पुराण कथा साहित्य कथन सच्चाई में उपलब्ध है।।्् रहा सवाल कलयुग में कल कारखानों में ,श्रम और रोजगार में सर्वहारा वर्ग में दलित आदिवासी जीवन में वन जंगल पहाड़ धरती जल जीवन में विचरण करने वाले लोगों में अशिक्षा अंधश्रद्धा मंहगाई खात जात है जैसी मुल समस्या पर ध्यान देना चाहिए।। ््नाकि आम आदमी में मानसिक रूप से जीवन व्यतीत करते हैं आनेवाली पीढ़ी को राह दिखाने वाले खुशियों का आयना नज़रिया बदला जा सकता है,, यही सही मौका मिला है आपकी पोस्ट पढ़ने के बाद लिखने का बाकि आप समझदार है।। ,, ना हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा, इन्सान की औलाद है इंसान बनेगा,।। देश में संविधान है तो देश आगे बढ़ेगा,, विवाद है तर्क वितर्क तथ्य तर्क तथ्यों पर आधारित अदालत में न्याय पाओ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने पहले इन्सान बनाया है।। यही यथार्थ सत्य है इन्सान से प्रेम करने वाले अच्छे ख्यालात रहे,, यही सही और सटीक उत्तर भारत प्रजातांत्रिक देश में अवाम में खुशहाली और उसके परिणाम में सत्य कोण पूर्व मुख में सुर्य विराजमान हैं।। ््कवि शैलेंद्र आनंद ©Shailendra Anand भक्ति मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम अच्छे से जन्मा विचार सच है कवि शैलेंद्र आनंद
भक्ति मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम अच्छे से जन्मा विचार सच है कवि शैलेंद्र आनंद
read moreShailendra Anand
रचना दिनांक 14 जनवरी 2025 वार मंगलवार समय सुबह ग्यारह बजे ्भावचित्र ् ्निज विचार ् ्शीर्षक ् छाया चित्र में जल ही जीवन में समुद्र में जलसृष्टि में , अलग पहचान और सोच का आयना नज़रिया सहज महज़ भण्डार है,, जहां चाह वहां राह दिखाने वाले मंगलमय रत्नों से खनिज पदार्थ से सजाया गया है।। ्् समन्दर में बहते हुए जल में प्रवाहित होने वाले तरंग में लहरों , में समुद्री नमक और तेल चित्रावलली ललितकलाचित्रणशैलीकलासाहित्य से, मनोररम सौंदर्य और जींव जगत के सुक्ष्म से सुक्ष्म पादप प्रजातियां पाई जाती है । जो जीवाणु और अनेक देशों में समुद्री तट पर स्थित पनडुब्बी और जहाज में पर्यटक में , मानसिक सम्प्रेषण शांति वार्ता से अन्य देशों में सामंजस्य स्थापित कर नव स्वपन कीओर ले जा रहे, मकर संक्रांति पर्व हर्षोल्लास पूर्वक विचार कर मनाया जा रहा है।। हिन्दूस्तान में आदिकाल भक्तिकाल में मानसिक हलचल अंतर्गत आई अभिव्यक्ति अनुवाद जनसंख्या में वृद्धि और कमी विषय नहीं है,, विषय विश्व में आप और हम के बीच हिन्दूस्तान की संस्कृति सभ्यता और इतिहास चाहे, स्वामी विवेकानंद जी शिकागो में 13। 1वर्ष पुर्व अपने उद्बोधन में अपनी संस्कृति और सभ्यता इतिहास विद्वता से सारे विश्व में अपना दर्शन और प्रेम का आयना नज़रिया सहज महज़ प्रेम को अभिव्यक्त करने वाले शुन्य पर आधारित ईश्वर सत्य की आवृत्ति प्रवृत्ति निरन्तर प्रगति में देश सर्वोपरि है।। माना कि हिन्दूस्तान में कई राजा,सम़ाट सतयुग से कलयुग तक देवता और असुर के मध्य संग़ाम हुआ है ्तब धर्म और अधर्म पाप और पुण्य के बीच सतयुग त्रेता द्वापर युग परिवर्तन में सहस्त्रों वर्षों तक अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय का विवरण शास्त्र पुराण कथा साहित्य कथन सच्चाई में उपलब्ध है।।्् रहा सवाल कलयुग में कल कारखानों में ,श्रम और रोजगार में सर्वहारा वर्ग में दलित आदिवासी जीवन में वन जंगल पहाड़ धरती जल जीवन में विचरण करने वाले लोगों में अशिक्षा अंधश्रद्धा मंहगाई खात जात है जैसी मुल समस्या पर ध्यान देना चाहिए।। ््नाकि आम आदमी में मानसिक रूप से जीवन व्यतीत करते हैं आनेवाली पीढ़ी को राह दिखाने वाले खुशियों का आयना नज़रिया बदला जा सकता है,, यही सही मौका मिला है आपकी पोस्ट पढ़ने के बाद लिखने का बाकि आप समझदार है।। ,, ना हिन्दू बनेगा ना मुसलमान बनेगा, इन्सान की औलाद है इंसान बनेगा,।। देश में संविधान है तो देश आगे बढ़ेगा,, विवाद है तर्क वितर्क तथ्य तर्क तथ्यों पर आधारित अदालत में न्याय पाओ मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने पहले इन्सान बनाया है।। यही यथार्थ सत्य है इन्सान से प्रेम करने वाले अच्छे ख्यालात रहे,, यही सही और सटीक उत्तर भारत प्रजातांत्रिक देश में अवाम में खुशहाली और उसके परिणाम में सत्य कोण पूर्व मुख में सुर्य विराजमान हैं।। ््कवि शैलेंद्र आनंद ©Shailendra Anand मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम ईश कृपा प्राप्त होती है। कवि शैलेंद्र आनंद
मकर संक्रांति पर्व और विचार भक्ति से सजाया गया जिसे हम ईश कृपा प्राप्त होती है। कवि शैलेंद्र आनंद
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
अगर मर्यादा की सीमा को लांघकर, कोई भी आपके आत्मसम्मान पर प्रहार करेगा, तो फिर उससे आपका रिश्ता कुछ भी हो, उसे उसी की भाषा में जवाब देकर उसकी जुबान पर लगाम लगाना, आपका धर्म बन जाता है बहुत हुआ मान सम्मान अब आत्मसम्मान से कोई खिलवाड़ नहीं...! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) , आत्मसम्मान का महत्व 😊 #matangiupadhyay #Nojoto #Hindi #Life #my
, आत्मसम्मान का महत्व 😊 #matangiupadhyay #Hindi Life #my
read moreAnjali Jain
आज प्रजातंत्र,भीड़तंत्र में बदल चुका है भीड़, पहले नेतृत्व को विवश करती है अपनी सुख सुविधाओं के लिए.... फिर स्वयं विवश होती है अपने दुःख और दुविधाओं से...!! ©Anjali Jain आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
आज का विचार 08.12.24 आज का विचार
read moreonlinepuja
हवन अथवा यज्ञ का जीवन में विशेष महत्व है - #Homam #havan #onlinepuja #Trending #ViralVideo #Facts Hinduism
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