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Rajinder singh bhati
White आपको मेरा नमस्कार आज भी मैं आपके लिए उपयोगी बात बता रहा हूं मनुष्य के जीवन में कितनी बातें होती हैं जो उसके जनरल में काम आती है या कार्य करती हैं उन्हें लगभग सब मनुष्य एक दूसरे से जान लेते हैं या वंशानुगत समझ लेते हैं उन सब बातों का ज्ञान होते हुए भी यह मनुष्य उनको अपने जीवन में अप्लाई नहीं करता और बार-बार उन्हें गलतियों को दोहराता रहता है जो गलतियां वंशानुगत होती आ रही थी इस विषय में मैं आप सभी मनुष्य से अनुरोध करता हूं की अपनी बुद्धि और अपने विवेक और अपने स्वयं के अनुभवों के आधार पर निर्धारित करना चाहिए कि मेरे लिए क्या अच्छा है क्या बुरा है क्या मुझे करना चाहिए क्या नहीं करना चाहिए अगर सलाह लेनी है तो एक बहुत समझदार सिस्टम तुम्हारे अंदर है जिससे आप सलाह ले सकते हो उसकी सलाह कभी गलत नहीं होती ©Rajinder singh bhati आपके लिए उपयोगी बात
आपके लिए उपयोगी बात
read moreRajinder singh bhati
White आप सबको मेरा नमस्कार आज भी मैं आपको अध्यात्म से संबंधित उपयोगी बात बता रहा हूं इस पृथ्वी के ऊपर जितने भी और प्राणी है उन सब का जो संस्कार है वह उसके अनुरूप ही कार्य करते हैं अगर हम उनके संस्कार में कई व्यवधान पैदा करते हैं तो वह हम पर अटैक कर सकते हैं क्योंकि उनके संस्कार शाश्वत है जैसे बिच्छू का काम है अपनी आत्मरक्षा में डंक मारना सांप का भी यही काम है और जितने भी प्राणी है सब में यही एक संस्कार होता है लेकिन मनुष्य ऐसा प्राणी है जिसके संस्कारों को बदला भी जा सकता है नए संस्कारों का धारण करना भी हो सकता है क्योंकि यह चहुं दिस विकास के कार्य को कर सकता है परिवर्तन ला भी सकता है कर भी सकता है वह मनुष्य के ऊपर निर्भर करता है कि वह कैसे संस्कारों का चुनाव करता है ©Rajinder singh bhati आपके लिए उपयोगी बात
आपके लिए उपयोगी बात
read moreRahul Varsatiy Parmar
सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} बहुत सी नेकियाँ, बहुत से अच्छे काम अपने जीवन में, अपने लिए जरूर करो, ताकि अंत समय में Pachahtana न पड़े, युही पैदा और मर जाने के लिए ये जीवन नही मिला है, ये कर्म भूमि हैं, सत्य व अच्छा कर्म जीवन को दिशाहीन होने से बचाता है। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} बहुत सी नेकियाँ, बहुत से अच्छे काम अपने जीवन में, अपने लिए जरूर करो, ताकि अंत समय में Pachahtana न पड़े,
#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} बहुत सी नेकियाँ, बहुत से अच्छे काम अपने जीवन में, अपने लिए जरूर करो, ताकि अंत समय में Pachahtana न पड़े,
read moreRajinder singh bhati
White आपको मेरा नमस्कार आज भी मैं आपके लिए उपयोगी बात बता रहा हूं पड लिखकर आप बड़े अधिकारी बन सकते हो अगर आपने अपने अंदर उच्च कोटि के संस्कारों का गठन किया तो आप समाज में भी बड़े आदमी बन सकते हो और हमेशा ध्यान रखिए जो मनुष्य अपना काम छोड़कर आपका काम करता है उसको हमेशा अपने दिल में रखकर सम्मान दीजिएगा सबको अपना मानिए लेकिन दिल में किसी खास इंसान का दर्जा होता है उसी को रखिए अगर आपने किसी गलत इंसान या गलत धारणा या गलत सोच को दिल में बैठाया तो दिल की कार्य करने की क्षमता भी विगति में चली जाएगी तो इसलिए हमेशा सोच समझकर चुनाव कीजिए ©Rajinder singh bhati #good_night आपके लिए उपयोगीबात
#good_night आपके लिए उपयोगीबात
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