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Vaseem Qureshi
--- रहा नहीं गया #दिसंबर से भी... वक़्त रुखसत #रो पड़ा आख़िर...! --- 🫂 ©Vaseem Qureshi #दिसम्बर..🫂
#दिसम्बर..🫂
read moreऋतुराज पपनै "क्षितिज"
White थोड़ा सा ही बचा है,फिर भी सता रहा है। हाथ में थामे खंजर,वो दिसम्बर जा रहा है।। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज" #दिसम्बर #धोखेबाज_दोस्त
Parasram Arora
Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora कब?
कब?
read moresatish gupta
White कर भी क्या सकता हूं दिल का प्यारा हूं किस्मत का मारा हूं मां बाप का दुलारा हूं मन का हारा हूं जीने की राह में जीवन लगा है दांव में कितनों ने दिल थोड़े कितनों ने मुंह मोडे किस्मत भी साथ न छोड़े फिर भी हम न टूटे चलता हूं चलता रहूंगा मुसाफिर हू यारो सबसे लड़ूंगा राह की तकलीफें ही मंजिल का लक्ष्य है जब तक जीवित हू चलता रहूंगा मंजिल तो मेरी तय है बस चंद पलो की दूरी है जीतना जनता हूं और जीतना मेरी लक्ष्य की धूरी है। 👍 सतीश गुप्ता 👍 ©satish gupta #Sad_Status 9 दिसम्बर 2024
#Sad_Status 9 दिसम्बर 2024
read moreShashi Bhushan Mishra
दीप जलता है सदन में, अंधेरा है व्याप्त मन में, चलाता है श्वास सबका, वही रक्षक है भुवन में, प्रेम और विश्वास से ही, प्रकट होते ईश क्षण में, कर रहे गुणगान सारे, धरा से लेकर गगन में, सिंधु से जलश्रोत लेता, वही भरता नीर घन में, जागता है साथ हरपल, साथ रहता है सयन में, हृदय में है व्याप्त गुंजन, बसा ले उसको नयन में, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #दीप जलता है सदन में#
#दीप जलता है सदन में#
read moreSANIR SINGNORI
वही पल है, वही है शाम-ए-हज़ीं... आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में.. 🥀💯 . ©SANIR SINGNORI वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
read moreSANIR SINGNORI
वही पल है, वही है शाम-ए-हज़ीं.. आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में.. 🥀💯 . ©SANIR SINGNORI वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
वही पल है वही है शाम-ए-हज़ीं आज फिर बिछड़े हम दिसम्बर में
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