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Kiran Chaudhary
green-leaves एक एक करके सब छोड़ गए मुझे, और, मैंने भी अब खुदको अकेला कर दिया।। ©Kiran Chaudhary एक एक करके सब छोड़ गए मुझे..
एक एक करके सब छोड़ गए मुझे..
read moreहिमांशु Kulshreshtha
Unsplash बेहद मुख्तसर सी पसंद है हमारी एक तुम और पलकें झुका कर मुस्कुराना तुम्हारा ©हिमांशु Kulshreshtha एक तुम..
एक तुम..
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल आजादी के दीवानो को ठुकराया जा रहा है काला चेहरा सत्ताधीशो का अंग्रेजो जैसा बर्ताव जनता से किया जा रहा है बढ़ गया जोर जुर्म इनका टेक्सो से भुखमरी का शिकार बनाया जा रहा है नैतिकता संवेदना और सँविधान से ना इनका वास्ता हठधर्मिता से देश चलाया जा रहा है भगतसिंह सुभाष चन्द नेहरू अम्बेडकर सब गौण सिर्फ वीर सावरकर का गुणगान किया जा रहा है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Likho एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल
#Likho एजेंडे के तहत महापुरुष भी बे दखल
read moreManju Vashishtha
एक लड़की अपने मन के जज्बात किसी से बयां नहीं कर सकती चाहे वो प्यार के हो या नफरत के बीच में उसकी शर्म और दुनिया का डर आ जाता है ©Manju Vashishtha #एक लड़की
#एक लड़की
read moreBhupendra Rawat
White रोजगार शब्द मे 'बे' उपसर्ग जोड़कर बनाया गया एक नया शब्द, बेरोजगार शुरुआत मे 'बे' अक्षर के मायने थे, कुछ अलग जैसे कि दिलासा, सहानूभूति इत्यादि परंतु, गुजरते वक़्त के साथ बदलते गए मायने उपसर्ग 'बे' के इस अदने से अक्षर ने अपने अंदर समाहित किए अनगिनत अर्थ 'निठल्ला', आवारा, नकारा, कामचोर इत्यादि बन गयी विशेषता उपसर्ग 'बे' की इसी विशेषता ने आशाओं से भरे जीवन मे भर दी निराशाएं ©Bhupendra Rawat #sad_dp रोजगार शब्द मे 'बे' उपसर्ग जोड़कर बनाया गया एक नया शब्द, बेरोजगार शुरुआत मे 'बे' अक्षर के मायने थे, कुछ अलग जैसे कि दिलासा, सहानूभू
#sad_dp रोजगार शब्द मे 'बे' उपसर्ग जोड़कर बनाया गया एक नया शब्द, बेरोजगार शुरुआत मे 'बे' अक्षर के मायने थे, कुछ अलग जैसे कि दिलासा, सहानूभू
read moreआधुनिक कवयित्री
White आंसू भी सूख गए हैं, तेरे दूर जाने से। फुर्सत मिले तो लोट आना, कभी किसी बहाने से। हर गीत तुझ पे लिख दिया है, पर डर लगता है अब गाने से। कुछ राते यूं कट जाती है, कुछ यादों के अफसाने से। बिखर गया ये दिल, तेरे दिए हर तानों से। सुकून मिलता है अब, ख़ुद को अंधेरे में छुपाने से। हर कोई आंसू दे जाता है, हमारी नजरे भर मिलाने से। चैन आता है दुनियां को, बेवजह हमे रुलाने से। आज भी इंतजार में मशगूल हैं, दुनियां में लगते सब बेगाने से। ये जिंदगी वीरान ही रहेगी, नहीं भुलेंगे तेरे भुलाने से। ©आधुनिक कवयित्री एक इंतजार......।
एक इंतजार......।
read moreShashi Bhushan Mishra
बे-दखल चाहत हुई है, भावना आहत हुई है, प्रेम का मरहम लगाया, तब कहीं राहत हुई है, बेवज़ह बेचैन हो मन, समझ लो उल्फ़त हुई है, देखता हरबार मुड़कर, जब कोई आहट हुई है, ध्यान में बैठे हो जबसे, फिर कहां फ़ुर्सत हुई है, हो मनोरथ सिद्ध अपना, ऐसी कब किस्मत हुई है, मुस्कुराकर भूल जाना, अपनी तो आदत हुई है, याद तड़पाती है 'गुंजन', घर गये मुद्दत हुई है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #बे-दखल चाहत हुई है#
#बे-दखल चाहत हुई है#
read moreवैभव जैन
White *एक दिया जो भेद मिटाए,* *क्या तेरा क्या मेरा है?* *एक दिया जो याद दिलाये,* *हर रात के बाद सवेरा है |* ©वैभव जैन #एक दिया
#एक दिया
read morekrishnkant
White ज्यादातर हार्ट अटैक से मरने वाले लोग मर्द ही होते हैं क्योंकि हर कोई उन्हें नहीं समझ पाता ©krishnkant एक सत्य
एक सत्य
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