Find the Latest Status about matched summary of each chapter from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, matched summary of each chapter.
Srinivas
Each passing year is time’s way of reminding you: shed the past, embrace the present, and design a brighter tomorrow. ©Srinivas Each passing year is time’s way of reminding you: shed the past, embrace the present, and design a brighter tomorrow.
Each passing year is time’s way of reminding you: shed the past, embrace the present, and design a brighter tomorrow.
read moreAnuradha T Gautam 6280
🥀💯👀 नया साल नई शुरुआत I am ready for the New chapter of my life..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ 🥀♥╣[-💯-]╠♥🥀 2025 ©Anuradha T Gautam 6280 🥀💯👀 नया साल नई शुरुआत I am ready for the New chapter of my life..🖊️ #अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ 🥀♥╣[-💯-]╠♥🥀
🥀💯👀 नया साल नई शुरुआत I am ready for the New chapter of my life..🖊️ अनु_अंजुरी🤦🏻🙆🏻♀️ 🥀♥╣[-💯-]╠♥🥀
read moreM A.Majid
White khuda ne di hai aqal uska sahi istimal kyn nahi kartha bani banayi cheezo ko bhagwan samajtha hai uspe aqal kyn nahi istimal kartha bhagwan wo hai jisne sabko banaya hai wo Allah hai wo asmano ke uper arsh pe hai rehtha kabhi time nikal ke quran ko pad lena ye her tarjume milthi hai pad ke apni islah kar lena ©M A.Majid quran in hindi meaning chapter no 3 https://youtu.be/yaxSpnPosPY?si=uDAhgsJ3xFMLe4EB
quran in hindi meaning chapter no 3 https://youtu.be/yaxSpnPosPY?si=uDAhgsJ3xFMLe4EB
read moreDeeksha Pilania
love is so short, forgetting is so long. - Pablo Neruda ©Deeksha Pilania #love# respect for each other shayari on life
love# respect for each other shayari on life
read moreAadil Khan
White यादों का बाज़ार एक गुप्त गली में, दो भूले-बिसरे इमारतों के बीच, एक ऐसा बाज़ार था जिसे कोई दो बार नहीं ढूंढ सकता था। यह बाज़ार सिर्फ़ बारिश होने पर खुलता था। लोग इसकी चर्चा तो करते थे, पर ज्यादातर इसे केवल एक अफ़वाह मानते थे। जब तक कि एक दिन सलीम उसे नहीं ढूंढ पाया। वह पुराने गलियों में भीगता हुआ घूम रहा था, जब उसने एक धुंधली रोशनी को एक गली के अंत में देखा, जिसे उसने पहले कभी नहीं देखा था। जिज्ञासावश, वह अंदर चला गया। वहां मिट्टी की गंध और कुछ मीठा सा महसूस हो रहा था। गली के दोनों किनारों पर स्टॉल लगे थे, और हर दुकानदार कुछ ऐसा बेच रहा था जो दिखाई नहीं दे रहा था। एक दुकान बचपन के घर की महक बेच रही थी; दूसरी, पहली मोहब्बत का स्वाद। एक फटेहाल आदमी बिना रोक-टोक हंसने की कला बेच रहा था—वो हंसी जो दिल से आती है। लेकिन सलीम की नज़र एक कोने की दुकान पर पड़ी, जहाँ एक औरत बैठी थी जिसके आँखों में समय से भी अधिक उम्र थी। वो यादें बेच रही थी। "कोई एक चुन लो," उसने कहा, उसकी आवाज़ धीमी थी, पर प्रभावशाली। सलीम झिझका। "ये यादें किसकी हैं?" "उनकी ©Aadil Khan #story #foryou #each