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कवि नितेश उपाध्याय "अतिशीघ्र"
"मुझे खो दो गे तुम" ये धमकी मत देना कभी मुझे आदत है सब खो कर मुस्कुराने की #अतिशीघ्र #अतिशीघ्र
कवि नितेश उपाध्याय "अतिशीघ्र"
ऐसा क्या हुआ ! जो भरी बरसात में तपन है ये इल्ज़ामात है या फिर से दिल्लगी है।। #अतिशीघ्र #अतिशीघ्र
कवि नितेश उपाध्याय "अतिशीघ्र"
#OpenPoetry चल आ! बैठ मिलकर महफ़िल जमाते है तेरे पास वफ़ा है सुनाने और मेरे पास सदमे #अतिशीघ्र #अतिशीघ्र
कवि नितेश उपाध्याय "अतिशीघ्र"
कवि नितेश उपाध्याय अतिशीघ्र (नवीन कविता उर्दू हिंदी समावेश) *प्रेम में मेरी बदलती कहानी सुनो गिर के संभला हूँ मेरी रवानी सुनो होश ना ही रहा अब तो मेरा कही तुम भी मेरी उमड़ती जवानी सुनो। * डर था मुझको न होगी मुलाकात का मेरा तुझमे निहित होश इस बात का मैंने चूमा था मस्तक पर तेरे कभी अधरोंपल्लव गवाह मेरे जज्बात का * रोके तेरी भी आँख पिघल जायेगी लगा मुझको भी ये शाम ,ढल जायेगी पोंछ आंसू मेरे फिर यूँ उसने कहा तस्वीर दिल में तेरे मेरी गल जायेगी। * गजब था आना तेरा मेरे दिल में कभी भाग्य तेरा लिखा हस्ते-तिल में कभी मुस्कराना तेरा मेरी तकदीर है उकरी मूरत तेरी दृष्टी शिल में कभी। कवि नितेश उपाध्याय अतिशीघ्र #अतिशीघ्र
कवि नितेश उपाध्याय "अतिशीघ्र"
राज ग़र गहरे हो तो दिल में दबा दो लिबास के पहरे हों तो ज़ोरो से हवा दो हो जायेगा इक दिन दीदार ए मोहब्बत तुम तो नज़रो से मुहब्बत का गवाह दो #अतिशीघ्र नितेश उपाध्याय #अतिशीघ्र
कवि नितेश उपाध्याय "अतिशीघ्र"
तो देदे इस वफ़ा का मरहम कोई घाव कर गया वेबफा पर करम कोई अब क्या ढूंढते हो अपने जहन में हमारे निशां जज्बातों का तोड़ा गया भरम कोई उसके निशां पड़े थे मेरे जिश्म में कही वो हो गया मुझसे रुक्सत सनम कोई जो नहीं बन सका, कभी मेरा हमसफ़र ले जाओ उसे !करलो शामिल हरम में कोई। ,#अतिशीघ्र #अतिशीघ्र
कवि नितेश उपाध्याय "अतिशीघ्र"
अगर तुम रहती मेरे पास दौलत,शौहरत,और जग जीवन,है मेरे भी पास(अगर तुम....) पग भी धरु मैं जब भी अपने,हो हाथों में हाथ (अगर तुम......) अधरौ पल्लव छूकर तेरे,दिल,धड़कन एक श्वांस(अगर तुम...) होता जीवन सुगम समागम,एक मेरी भी आस(अगर तुम.....) मनन करूँ में जब भी तेरा,एक कलम रहे है साथ(अगर तुम....) #अतिशीघ्र #अतिशीघ्र
कवि नितेश उपाध्याय "अतिशीघ्र"
#OpenPoetry तो करो बगावत ,मगर असर तो हो मुझ पर यूँ ही गजब ढाने से जुगनू नहीं मिलते ✍✍अतिशीघ्र✍✍ #अतिशीघ्र