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Vijay Singh Dane Walia
असीं सहर तेरे विच फिरदे वांग फकीरा दे ©Vijay Singh Dane Walia असी सहर तेरे विच फिरदे वांग फकीरा दे
Komal Pardeshi
Komal Pardeshi
Tera Sukhi
mere vehde lgeya drakht jhad rahe ne pate tute pateya wang hi aithe tut rahe ne rishte pae chale bapun de pairan ch krde kamaiya put ladle nashe ch aaj apni umran gvaiya smjh ni aundi hun tk tuc akhan bnd kr kive sute टूटे पत्तियाँ वांग #ਪੱਤੀਆਂ #collab #yqbhaji #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Bhaji #terasukhi #terasukhiquotes #terasukhishaya
Pankaj Singh Chawla
बैठ के दरिया किनारे जदो असी गल्ला करिये, इक दूजे दी वल तकिये, आँख नाल आँख नु मिला के, हाथ विच हाथ थाम के प्यार दिया गल्ला करिये, ज़िन्दगी दे कुछ पल एक दूजे दे नाम करिये, दरिया दे ठंडे शांत पानी वांग, एक दूजे दी रूह नु अपने नाम कर दिल नु शांत करिये।। वांग -तरह गल्ला - बाते तकिये - देखना #दरिया #दिल #रूह #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo #yqpaaji #pchawla16
ek kavi asahi..
याच्या नजरेतल जग कस असेल...? आयुष्य दुःखानी भरलेलं कि आठवणींनी...? याची पण काही स्वप्न असतील....?
Pankaj Singh Chawla
कदे हरे-भरे दरख्त वांग हुंदे सी असी, हवा संग झुमदे सी असी, परिंदया वांग उड़दे सी असी, नाचढे टपदे दिन बिताउंडे सी असी, ज़िन्दगी ने इहो जेहा रुख बदलिया, सुक्खे पतेया वांग रूल गए आ, दर-दर दी ठोकर खा रहे आ, बेजान शाखा वांग रह गए आ हुन इको ही आस आ उस रब तो, ओह मिह बरसावेगा, सुखिया शाखावा विच जान पावेगा, ज़िन्दगी नु फिर तो खुशहाल बनावेगा, मेरी ज़िन्दगी विच फिर सावन लौट आवेगा, इह "पंकज" रब दा लख-लख शुकर मनावेगा।। दरख्त- पेड़ वांग-उसकी तरह मिह-बारिश कदे हरे-भरे दरख्त वांग हुंदे सी असी, हवा संग झुमदे सी असी, परिंदया वांग उड़दे सी असी, नाचढे टपदे दिन बिता
Pankaj Singh Chawla
हां जी, मैं कुड़ी आ मनु इदा क्यों तकदे ओ, की क़सूर आ मेरा, जो ऐसी निगाह वांग तकदे ओ, मैंनु वी हक ए खुल के जिऊं दा, की तुसी अपनी घर दी धी नु वी इदा तकदे ओ।। निक्की जेहि कुड़ी कुड़ी- लड़की धी - बेटी तकदे- देखना वांग- इस तरह निगाह- नज़र
Pankaj Singh Chawla
तुर जाणगी धीयां इक दिन चिड़ियां वाँग, रौनक घर दिया लगियां जिन्हा दे नाल, बाबुल दी लाडली धीयां तुर जाणगी इक दिन चिड़ियां वांग।। आ जावी नी धीये मिलन ली तेरे बाबुल दा बुआ हर वेले खुला वा, जदो तक बैठा तेरा बाबुल तू कदे संघी ना।। तुर जा - चले जाना आ जावी - आ जाना वांग - उसकी तरह धीयां - बेटी बाबुल - पिता बुआ - दरवाजा संघी - शर्माना
Vishal Vaid
ਟੂਟੀ ਪਤੀਆਂ ਵਾਂਗ ਅਸੀਂ ਫ਼ੇਰ ਨਹੀਂ ਜੁੜਨਾ ਗਏ ਜੇ ਇਕ ਵਾਰ ਅਸੀਂ ਫੇਰ ਨਹੀਂ ਮੁੜਨਾ ਯਾਦ ਕਰਕੇ ਤੈਨੂੰ ਤੇਰੀ ਹੀ ਅੱਖਾਂ ਤੋਂ ਵਹਿ ਜਾਣਾ ਬਰਸਾਤ ਦੇ ਪਾਣੀ ਵਾਂਗ ਹਰ ਥਾਂ ਨਹੀਂ ਰੁੜਨਾ टूटे पत्तियाँ वांग हमने फिर नही मुड़ना गए जो एक बार हम्म फिर नही मुड़ना तुझे याद कर तेरी ही आंखों से बह जाना बरसात के पानी जैसे हर जगह नही गिर