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Mangala banapur
White ಬಯಸದೆ ಬಳಿ ಬಂದೆ ಬಯಕೆಯ ಸಿರಿ ತಂದೇ ನಿನ್ನ ಅಂದಕ್ಕೆ ಬೆರಗಾದೆ ©Mangala banapur #Camera B Channavira Anshu writer Rakesh Srivastava Gurmailsingh Ek Lamba safer with Adarsh upadhyay
Jashvant
ज़मीं की गोद में इतना सुकून था 'नक्श' कि जो गया वो सफ़र की थकान भूल गया ©Jashvant #GoldenHour PФФJД ЦDΞSHI vineetapanchal Ek Alfaaz Shayri Andy Mann Rakesh Srivastava
#GoldenHour PФФJД ЦDΞSHI vineetapanchal Ek Alfaaz Shayri Andy Mann Rakesh Srivastava #Life
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White नहीं नहीं मैं बहुत ख़ुश रहा हूँ तेरे बग़ैर यक़ीन कर कि ये हालत अभी अभी हुई है ©Jashvant हालात दिल Ek Alfaaz Shayri Rakesh Srivastava Parul (kiran)Yadav narendra bhakuni POONAM GUPTA
हालात दिल Ek Alfaaz Shayri Rakesh Srivastava Parul (kiran)Yadav narendra bhakuni POONAM GUPTA #Life
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Red sands and spectacular sandstone rock formations गुलों में रंग भरे बाद-ए-नौ-बहार चले चले भी आओ कि गुलशन का कारोबार चले क़फ़स उदास है यारो सबा से कुछ तो कहो कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले कभी तो सुब्ह तिरे कुंज-ए-लब से हो आग़ाज़ कभी तो शब सर-ए-काकुल से मुश्क-बार चले बड़ा है दर्द का रिश्ता ये दिल ग़रीब सही तुम्हारे नाम पे आएँगे ग़म-गुसार चले जो हम पे गुज़री सो गुज़री मगर शब-ए-हिज्राँ हमारे अश्क तिरी आक़िबत सँवार चले हुज़ूर-ए-यार हुई दफ़्तर-ए-जुनूँ की तलब गिरह में ले के गरेबाँ का तार तार चले मक़ाम 'फ़ैज़' कोई राह में जचा ही नहीं जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले ©Jashvant Good Morning friends Ek Alfaaz Shayri Mukesh Poonia vineetapanchal Rakesh Srivastava Aariya writer
Good Morning friends Ek Alfaaz Shayri Mukesh Poonia vineetapanchal Rakesh Srivastava Aariya writer #Life
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तू मेरा है तेरे मन में छुपे हुए सब दुख मेरे हैं तेरी आँख के आँसू मेरे तेरे लबों पे नाचने वाली ये मासूम हँसी भी मेरी तू मेरा है हर वो झोंका जिस के लम्स को अपने जिस्म पे तू ने भी महसूस किया है पहले मेरे हाथों को छू कर गुज़रा था तेरे घर के दरवाज़े पर दस्तक देने वाला हर वो लम्हा जिस में तुझ को अपनी तन्हाई का शिद्दत से एहसास हुआ था पहले मेरे घर आया था तू मेरा है तेरा माज़ी भी मेरा था आने वाली हर साअ'त भी मेरी होगी तेरे तपते आरिज़ की दोपहर है मेरी शाम की तरह गहरे गहरे ये पलकों साए हैं मेरे तेरे सियाह बालों की शब से धूप की सूरत वो सुब्हें जो कल जागेंगी मेरी होंगी तू मेरा है लेकिन तेरे सपनों में भी आते हुए ये डर लगता है मुझ से कहीं तू पूछ न बैठे क्यूँ आए हो मेरा तुम से क्या नाता है ©Jashvant #Gulaab# तू मेरा है Ek Alfaaz Shayri vineetapanchal narendra bhakuni Anshu writer Rakesh Srivastava
Jashvant
White ये कौन सख़ी हैं जिन के लहू की अशरफ़ियाँ छन-छन, छन-छन, धरती के पैहम प्यासे कश्कोल में ढलती जाती हैं कश्कोल को भरती हैं ये कौन जवाँ हैं अर्ज़-ए-अजम ये लख-लुट जिन के जिस्मों की भरपूर जवानी का कुंदन यूँ ख़ाक में रेज़ा रेज़ा है यूँ कूचा कूचा बिखरा है ऐ अर्ज़-ए-अजम, ऐ अर्ज़-ए-अजम! क्यूँ नोच के हँस हँस फेंक दिए उन आँखों ने अपने नीलम उन होंटों ने अपने मर्जां उन हाथों की ''बे-कल चाँदी किस काम आई किस हाथ लगी'' ऐ पूछने वाले परदेसी ये तिफ़्ल ओ जवाँ उस नूर के नौ-रस मोती हैं उस आग की कच्ची कलियाँ हैं जिस मीठे नूर और कड़वी आग से ज़ुल्म की अंधी रात में फूटा सुब्ह-ए-बग़ावत का गुलशन और सुब्ह हुई मन-मन, तन-तन, उन जिस्मों का चाँदी सोना उन चेहरों के नीलम, मर्जां, जग-मग जग-मग रुख़शां रुख़शां जो देखना चाहे परदेसी पास आए देखे जी भर कर ये ज़ीस्त की रानी का झूमर ये अम्न की देवी का कंगन! ©Jashvant अमन की देवी Nîkîtã Guptā Rakesh Srivastava PФФJД ЦDΞSHI Ek Alfaaz Shayri Andy Mann
अमन की देवी Nîkîtã Guptā Rakesh Srivastava PФФJД ЦDΞSHI Ek Alfaaz Shayri Andy Mann #Life
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