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PoojaKulshrestha
White हालातों से लड़ना आ जाए तो आफरीन भी मिल जाता है, भूखे बच्चे को निवाला कभी ताजा तारीन भी मिल जाता है । मायूस न होना मेरे दोस्त जो जिंदगी छीन ले कुछ हाथ से , कुछ बेहतर अगर छूटता है तो बेहतरीन भी मिल जाता है। ©PoojaKulshrestha #shayri#hindi
Biharibabu Abhinav*
White काश जानवर पहली बार में ही मोहब्बत समझ जाते.. काश मेरे पास बहोत सारा खाना होता। और जानवरो को प्यार करने की कोई सुकून भरी जगह होती.. इस जमाने से परे कोई। सुना है...!! भले ही नासमझ हैं, मूक हैं, पर वे लोग बड़े वफादार हैं। और टेक्नोलॉजी के इस जमाने में.. बेचारे खतरे में भी। ___ Adv. Abhinav Anand Biharibabu ©Biharibabu Abhinav* #wallpaper
Deepak Lohar
White मैंने आज़ाद कर दिया , हर वो रिश्ता हर वो इंसान , जो सिर्फ़ अपने मतलब के लिए मेरे साथ था ..!!😣 ©Deepak Lohar #sad_shayari hindi shayri sad love shayari sad shayari sad shayri hindi single boy shyri
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read moreDEV FAIZABADI
कातिल अदाओं से तुम ढाती हो कहर। उफ ये आपकी आँखे बिल्कुल कतई जहर। -देव फैजाबादी ©DEV FAIZABADI #shayri #Love #Hindi
Sashank
Radha Krishna 🤞🤞 ©Sashank Radhekrishna..Love.. #Love #Trending #Krishna #God #wallpaper #Hindi #Popular
DrNidhi Srivastava
White “चांद तन्हा ही रहा” चांद तन्हा ही रहा, सफर करता रहा। मंजिल मिली नहीं कभी, फिर भी चलता ही रहा। चांद तन्हा ही रहा। सूरज से मिली जलन, कभी दिखाता नहीं। अपने शीतल किरन, जग को देता ही रहा। चांद तन्हा ही रहा। टूट कर जब सिमटने लगा, खुद को बिखरने से रोकने लगा। अमावस से निकल आंसुओं को मिटा, पूनम की छटा बिखेरने लगा। चांद तन्हा ही रहा।। ©® डा०निधि श्रीवास्तव “सरोद” ©DrNidhi Srivastava #good_night #chaand #hindi shayri
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read moreAkash Kedia
अच्छा हुआ के बस कहानी का किरदार रहे, इश्क़ मलंगा शायर का अधूरा सा इज़हार रहे, हासिल हुआ जो खोने पर, मिलने से छूठ जाता, है अर्ज़ मेरी कहानी में ये सिलसिला हर बार रहे। जुड़े हुए थे तुमसे जो; पूरे ख़्वाब अगर हो जाते वो, एहसास नजाने कितनो से ये मुलाकातें न होती, नज़र बिछाई राहों पर तुम मेरी ओर चलकर आते तो, अल्फ़ाज़ों की मेरे हिस्से में फ़िर ये बरसातें न होती। कब सुना है दिल दिमाग़ की; ये अक्सर ही लड़ते रहे, बढ़ न पाये कभी तुमसे आगे; तुम में ही उलझे रहे, हर बात हज़ारों सफ़र परे तुम तक आकर ठहर गई, देखा जब भी शीशे में ख़ुद में भी तुम ही मिलते रहे। चाहतें हर रोज़ तुम्हारी गलियों से गुज़रने की, अपने ही घर की राहों का ठिकाना भुलाने लगी, हावी हुए ऐ साकी तुम मुझपर जो इस तरह, मेरी रूह भी मुझे ख़ुद से फ़िर बेगाना बुलाने लगी। मग़र नींद तो खुलनी थी काली रात के ढलने पर, अंधेर ख़्वाबों को सुलगना था आफ़ताब के जलने पर, राब्ता तो उनसे महज़ ख़ुदको बिखेरने तक का था, ये इल्म हुआ एक हरजाई का आकाश के मरने पर। इश्क़ में राख़ होकर सुनो ये आशिक़ दिलदार कहे, हर दीवाना इस जहान में ऐसी मोहब्बत सौ बार करे, जब टूटकर टुकड़े मिलते हैं तो ऐसा कमाल लिखते हैं, के टकरा जाएं जब भी किसीसे तो बिछड़ना हर बार रहे। ©Akash Kedia #wallpaper poetry in hindi love poetry in hindi #writerscommunity #writing #poem #Hindi #yqbaba #yqdidi
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