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Arora PR
White हाला कि इसअजनबी का चेहरा काफी घिसा हुआ है फिर भी मै इसे पहचान गया हु ये अजनबी किसी व्यस्त शहर का बेबस इंसान है जो तमाम उम्र जिंदगी में संघर्ष करता हुआ खुद क़ो काफ़ी घिसा चुका है ©Arora PR घिसा हुआ चेहरा ri
Jaymala Bharkade
White कणखर जमात चैत्र आला ग सयांनो शेतकरी राज्या चं माळरानी केशरी पळसची फुले बहरूनी गाते निसर्ग या चैत्राची ग गाणी या पैनगंगेच्या ग तिरावरी उभ कस जंगल भयाण उन्हाच्या झळांनी साग पळस धावंडा झाली अशी पाणगळ अशा भर उन्हाळ्यात असे फुलले हे चारं - मोहाची ग झाडी सडा पडला पालापाचोळ्यात काळे - पिवळी फळ फुल झाडाखाली भल्या भल्या ग रामपारी जाती वेचायला ही फुले माळरानी जंगलाचा काना कोपऱ्यातूनी आणती आंध - बंजारी ही बाई-माणसे जंगली श्वापदे हिंडते पाण्याचं शोधात माळरानं आरोळ्या ही घुमे ही वना- वनात भय असे श्र्वापदांचे ग मनात परि उदरनिर्वाहाचे ग साधन घाम गाळून ओझे आणती दूरडीत असे कष्टाची शिदोरी ग अंगी अशी ही कणखर ग जमात वसे पैनगंगेच्या नदीच्या खोरे ©Jaymala Bharkade #tribes*living around पैनगंगा
Salu Mehra
Jay maa katyayani janmi tum dharti par ban insaan tum ho meti maa maiya ri ab par bhi kara di meri naiya ri ©Salu Mehra #navratri #meri maira ri
BANGLE TIMES
'ভারতের জনতাই নিশ্চিত করবে অবাধ নির্বাচন', রাষ্ট্রসংঘের উদ্বেগ ওড়ালেন জয়শংকর ভারতের নির্বাচন সুষ্ঠুভাবে ভয়মুক্ত পরিবেশে হবে কিনা তা নিয়ে পরোক্ষে সংশয় প্রকাশ করেছিল রাষ্ট্রসংঘ। রাষ্ট্রসংঘের মহাসচিব অ্যান্তনিও গুতেরেসের মুখপাত্র স্টিফান ডুজারিচ জানিয়েছিলেন, ''আমরা আশা রাখছি ভারতে সবার অধিকার সুরক্ষিত থাকবে।” তাঁর সেই মন্তব্যের জবাব দিলেন বিদেশমন্ত্রী এস জয়শংকর। জানিয়ে দিলেন, ভারতে নির্বাচন যেন সুষ্ঠু ও অবাধ হয় তা রাষ্ট্রসংঘকে মনে করিয়ে দিতে হবে না। ভারতের জনতাই তা নিশ্চিত করবে। বিজেপি প্রার্থী রাজীব চন্দ্রশেখরে হয়ে প্রচারে এসেছিলেন জয়শংকর (S Jaishankar)। সেখানেই সাংবাদিকদের সঙ্গে কথা বলার সময় এই বিষয়ে প্রতিক্রিয়া জানান তিনি। রাষ্ট্রসংঘের আধিকারিকের মন্তব্যের উত্তরে বিদেশমন্ত্রী বলেন, ''আমাদের নির্বাচন (Lok Sabha Election 2024) অবাধ ও সুষ্ঠু হওয়া উচিত, এটা বলার জন্য আমার রাষ্ট্রসংঘের প্রয়োজন নেই। ভারতের মানুষ আমাদের সঙ্গে আছে। ভারতের জনগণ নিশ্চিত করে দেবেন নির্বাচন অবাধ ও সুষ্ঠু হবে। সুতরাং, এটা নিয়ে চিন্তা করবেন না।'' ©BANGLE TIMES #Indian
R Raj
मादा एक संभोग के बाद दूसरे को तैयार है इसी नियम पर दुनिया के वेश्याघर चलते हैं .... जबकि नर के दो संभोगों के बीच अंतराल होगा ही होगा.....वो पहले संभोग के बाद झटके से मादा अलग हटेगा और सो जाना चाहेगा ये उसकी प्रकृति है। जबकि मादा की प्रकृति इसके बिल्कुल विपरीत है वो संभोग के तुरंत बाद उसके मुँह से वो शब्द सुनने को आतुर होती हैं जो उसे गुदगुदा दें......वो ये नहीं जानती कि नर प्रेम के बाद प्रेम नहीं कर सकता वो युद्ध के बाद प्रेम को लालायित हो सकता हैं वो मूल रूप से शिकारी की भूमिका ही अदा करता है हाँ सभ्य समाज में उसकी इस प्रवृत्ति को खुबसूरत लिबासों में ढका जाता है। दुनिया का सबसे बड़ा तानाशाह हिटलर रोजाना पाँच सौ आदमियों को कटवा कर अपनी प्रेमिका की गोद में सर रख कर प्रेमगीत लिखता था उससे जुदाई के बीते लम्हों का वर्णन करते उसके गाल भीगते थे ..... अशोक कलिंग युद्ध में हुई मारकाट से दग्ध होकर प्रेमालिंगन को तड़प उठा था ... उसने बौद्ध दर्शन को अपने अंदर यूँ समाहित किया आज अशोक और बौद्ध दर्शन को अलग किया ही नहीं जा सकता नेपोलियन बोनापार्ट भी अपने बख़्तरबंद कवच को उतार प्रेम रस में डूबता था इतना रोमांटिक या प्रेयसी को समर्पित होता था इस समय जितना कोई कवि शायर या मासूम दिल का नर भी समर्पित नही हो सकता। सामान्य नर इस प्रकार के न युद्ध कर सकता हैं ना ही प्रेमातुर हो सकता है.....वो न घृणा के चरम पर जाएगा न प्रेम तल की गहराई में आएगा....वो कुछ दस मिनट का खेल करेगा जो उसे किसी रूप संतुष्ट नहीं करेगा......इसी संतुष्टि प्राप्ति हेतु वो साथी को बदलने को उत्सुक हो सकता है....जहाँ जहाँ सामाजिक बंधन कमजोर ये बदलाव लगभग छह महीने के अंदर हो जाता है.....पर इन बदलावों से न परिस्थिति बदलती है न उसकी मनोरचना ...यानि वो प्रेम पाने में प्रेम करने में असफल रहता है। यदि नर के जंगली पन को निकलने का रास्ता बन जाएँ तो वो प्रेम कर सकता हैं पा सकता है दे सकता है.....यही एक कारण है मादा हमेशा समाजिक रूप सभ्य की अपेक्षा उद्दंड नर की तरफ झुकती है .... इसलिए बिगड़े हुए लड़कों को समर्पित प्रेमिकाएँ मिलती है बजाएं सामाजिक दृष्टि से सभ्य का टैग पाएँ लड़कों को ... 💕❤️🌹 R Raj ©R Raj n@r or n@ri ke bich k@ s@mb@ndh@@&##