Find the Latest Status about ताजगी गेम from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ताजगी गेम.
h
मैं फाल्गुन मास में पेड़ से गिरा वो अकेला पत्ता हूँ जो ऊपर देखता है बाक़ी ताजे पत्तों को सुनहरी धूप में खिलते हुए, और हां मैं शिशिर में पेड़ पे लगा वो अकेला ताजा पत्ता हूँ जो नीचे देखता है बाक़ी साथी पत्तों को सड़क पर सोने की परत बनाते हुए ; जो मेरी प्रेमिका के पैर के नीचे कुचले जाते है और मुस्कुराते है जैसे उन्हें एक नई ताजगी मिल गई हो। #ताजगी
Writer_Sonu
आज का प्रेरक व्यक्तित् *!! हार-जीत का फैसला !!* बहुत समय पहले की बात है। आदि शंकराचार्य और मंडन मिश्र के बीच सोलह दिन तक लगातार शास्त्रार्थ चला। शास्त्रार्थ में निर्णायक थीं- मंडन मिश्र की धर्म पत्नी देवी भारती। हार- जीत का निर्णय होना बाक़ी था, इसी बीच देवी भारती को किसी आवश्यक कार्य से कुछ समय के लिये बाहर जाना पड़ गया। लेकिन जाने से पहले देवी भारती ने दोनों ही विद्वानों के गले में एक- एक फूल माला डालते हुए कहा, ये दोनों मालाएँ मेरी अनुपस्थिति में आपके हार और जीत का फैसला करेंगी। यह कहकर देवी भारती वहाँ से चली गईँ। शास्त्रार्थ की प्रकिया आगे चलती रही। कुछ देर पश्चात् देवी भारती अपना कार्य पुरा करके लौट आईं। उन्होंने अपनी निर्णायक नजरों से शंकराचार्य और मंडन मिश्र को बारी-बारी से देखा और अपना निर्णय सुना दिया। उनके फैसले के अनुसार आदि शंकराचार्य विजयी घोषित किये गये और उनके पति मंडन मिश्र की पराजय हुई थी। सभी दर्शक हैरान हो गये कि बिना किसी आधार के इस विदुषी ने अपने पति को ही पराजित करार दे दिया। एक विद्वान नें देवी भारती से नम्रतापूर्वक जिज्ञासा की- हे ! देवी आप तो शास्त्रार्थ के मध्य ही चली गई थीँ फिर वापस लौटते ही आपने ऐसा फैसला कैसे दे दिया ?? देवी भारती ने मुस्कुराकर जवाब दिया- जब भी कोई विद्वान शास्त्रार्थ में पराजित होने लगता है, और उसे जब हार की झलक दिखने लगती है तो इस वजह से वह क्रुध्द हो उठता है और मेरे पति के गले की माला उनके क्रोध की ताप से सूख चुकी है जबकि शंकराचार्य जी की माला के फूल अभी भी पहले की भांति ताजे हैं। इससे ज्ञात होता है कि शंकराचार्य की विजय हुई है। *सदैव प्रसन्न रहिये।* *जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।* ©KAVI.SONU KADERA ताजगी #सबूत
RAJ KUMAR MONDAL
फूलों सी ताजगी भौरों सा बानगी का जब प्रीत होता है सबको प्रेममय कर देता है। #ताजगी #प्रेम
(तरूण तरंग)तरूण.कोली.विष्ट
खेल मनाना, सताना ये रूठना छोड़ो तुम बिन जा जाती है पल पल ये अज़मना छोड़ो #गेम #