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अद्वैतवेदान्तसमीक्षा
हम, भारत के लोग एसा मानते हैं कि- Speaking lips can reduce any problem close lips avoid some problem but smiling lips can solve any problem forever? बोलने वाले होंठ किसी भी समस्या को कम कर सकते हैं बंद होंठ कुछ समस्या से बचते हैं लेकिन मुस्कुराते हुए होंठ किसी भी समस्या को हमेशा के लिए हल कर सकते है। अतः एव राष्ट्रीय चिन्ह में अशोक का अर्थ प्रसन्नता ही है क्योंकि शोक का विलोम प्रसन्नता ही होता है भारतीय विचार पद्धति
Shravan Goud
हमारी संस्कृति, हमारी विरासत है। आभार: आयुष संजीवनी हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति जो प्राकृतिक रुप से उपचार करती उसको अपनाए और अन्य को भी प्रेरित कीजिए।
Anjana Gupta Astrologer
भारत के किस वेद में मिलता है चिकित्सा सम्बन्धी ज्ञान? ऋग्वेद : ऋक अर्थात् स्थिति और ज्ञान। ऋग्वेद सबसे पहला वेद है जो पद्यात्मक है। इस वेद की 5 शाखाएं हैं - शाकल्प, वास्कल, अश्वलायन, शांखायन, मंडूकायन। इसमें भौगोलिक स्थिति और देवताओं के आवाहन इसमें जल चिकित्सा, वायु चिकित्सा, सौर चिकित्सा, मानस चिकित्सा और हवन द्वारा चिकित्सा आदि की भी जानकारी मिलती है। ऋग्वेद के दसवें मंडल में औषधि सूक्त यानी दवाओं का जिक्र मिलता है। इसमें औषधियों की संख्या 125 के लगभग बताई गई है, जो कि 107 स्थानों पर पाई जाती है। औषधि में सोम का विशेष वर्णन है। ऋग्वेद में च्यवनऋषि को पुनः युवा करने की कथा भी मिलती है। वेद और चिकित्सा
Anjana Gupta Astrologer
भारत के किस वेद में मिलता है चिकित्सा सम्बन्धी ज्ञान? सामवेद : साम का अर्थ रूपांतरण और संगीत। सौम्यता और उपासना। इस वेद में ऋग्वेद की ऋचाओं का संगीतमय रूप है। इस वेद को संगीत शास्त्र का मूल माना जाता है। इसमें सविता, अग्नि और इंद्र देवताओं के बारे में जिक्र और मन की चिकित्सा का संबंध है। वेद और चिकित्सा
Anjana Gupta Astrologer
भारत के किस वेद में मिलता है चिकित्सा सम्बन्धी ज्ञान? यजुर्वेद : यजुर्वेद का अर्थ : यत् + जु = यजु। यत् का अर्थ होता है गतिशील तथा जु का अर्थ होता है आकाश। श्रेष्ठतम कर्म की प्रेरणा। यजुर्वेद में यज्ञ की विधियां और यज्ञों में प्रयोग किए जाने वाले मंत्र हैं। यज्ञ के अलावा तत्वज्ञान, इस वेद की दो शाखाएं हैं शुक्ल और कृष्ण। कृष्ण :वैशम्पायन ऋषि का सम्बन्ध कृष्ण से है। कृष्ण की चार शुक्ल : याज्ञवल्क्य ऋषि का सम्बन्ध शुक्ल से है। शुक्ल की दो शाखाएं हैं।, दिव्य वैद्य और कृषि विज्ञान का भी विषय.और चिकित्सा हैं। वेद और चिकित्सा
Anjana Gupta Astrologer
भारत के किस वेद में मिलता है चिकित्सा सम्बन्धी ज्ञान? अथर्वदेव : थर्व का अर्थ है कंपन और अथर्व का अर्थ अकंपन। ज्ञान से श्रेष्ठ कर्म करते हुए मोक्ष। इस वेद में रहस्यमयी विद्याओं, जड़ी बूटियों, चमत्कार और आयुर्वेद आदि का जिक्र है। इसके आठ खण्ड हैं जिनमें भेषज वेद और धातु वेद। यह धातुओं से चिकित्सा के लिए बताया गया है। चिकित्सा और वेद