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Shravan Goud
ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥🙏
Arsh
अशेष_शून्य
°_श्रीरुद्राष्टकं_° तुलसीदास कृत "शिव रुद्राष्टकम्" (रुद्र + अष्टक) रुद्र ( शिव) के आठ श्लोकों के समूह में से षष्ठम श्लोक -🌸 ________°°°°°🌸🌷🌸°°°°°_________ कल्याण स्वरुप, दु:ख हरने वाले, भोलेनाथ को नमस्कार ________°°°°°🌸🙏🌸°°°°°_________ श्लोक ::- कलातीत कल्याण क
Kusum Sharma
🌺 नवरात्रि की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं 🌺 देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य । प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य ।। ......अर्थात...... देवता बोले.... शरणागत की पीड़ा दूर करने वाली देवी ! हम पर प्रसन्न होओ । सम्पूर्ण जगत की माता ! प्रसन्न होओ । विश्वेश्वरी ! विश्व की रक्षा करो । देवी ! तुम्हीं चराचर जगत् की अधीश्वरी हो * श्रीदुर्गासप्तशती * एकादशोअध्याय.... श्लोक ३ 👏👏👏 बाहर की शक्ति की पूजा के साथ साथ अपने अंदर की शक्ति को भी जाग्रत करो ये समय संधि का समय है... एक मौसम जाता है तो दूसरा आता है.... तीज त्योहार आते हैं जिनमें गरिष्ठ भोजन भी खा लेते हैं.......अतः अपने आहार, विचार, मनन चिंतन से इस समय अपने शरीर रूपी मंदिर को स्वस्थ रख सकते हैं कुसुम..✍ 🌺 नवरात्रि की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं 🌺 देवि प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य । प्रसीद विश्वेश्वरी पाह
Vikas Sharma Shivaaya'
माता लक्ष्मी का बीज मंत्र-ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।। “मैया री मोहिं माखन भावै -मधु मेवा पकवान मिठा मोंहि नाहिं रुचि आवे। ब्रज जुवती इक पाछें ठाड़ी सुनति स्याम की बातें -मन-मन कहति कबहुं अपने घर देखौ माखन खातें। बैठें जाय मथनियां के ढिंग मैं तब रहौं छिपानी-सूरदास प्रभु अन्तरजामी ग्वालि मनहिं की जानी।। “ यहां कृष्ण माता यशोदा से कह रही हैं कि मुझे माखन बहुत अच्छा लगता है, मुझे शहद, मेवे ,पकवान और मीठा पसंद नहीं है। ब्रज की एक युवती पीछे से सुन रही है और मन में कह रही है कि कभी उसके घर में उसने माखन खाया है, मैं मथनी के पीछे छुप गई, तब कृष्ण वहां आते हैं और माखन खाने लगते हैं। सूरदास कहते हैं कि प्रभु एक पारलौकिक व्यक्ति हैं और वह उस युवती के मन को जानते हैं। 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' माता लक्ष्मी का बीज मंत्र-ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।। “मैया री मोहिं माखन भावै -मध
अशेष_शून्य
°_श्रीरुद्राष्टकं_° तुलसीदास कृत "शिव रुद्राष्टकम्" (रुद्र + अष्टक) रुद्र ( शिव) के आठ श्लोकों के समूह में से सप्तम श्लोक -🌸 ____________🌷 ॐ🌷_______________ 🙏हे कल्याणकारी परमेश्वर तुम्हें नमन🙏 ____________🌷 ॐ🌷_______________ श्लोक ::- न यावद् उमानाथपादारविन्दं
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KP GK SAGAR GK questions in Hindi video short Film ©KP STORY CREATOR साथ ही वह जीवन में सभी सुख🕉️-🕉️🕉️ सुविधाओं को प्राप्त करते हैं। ज्योतिष में शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित माना गया है। इसलिए हम आपक
parineeta
सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने.....। विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोSस्तु ते....।। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺— % & वसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं.......।। या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना। या ब्रह्मा
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस या धनत्रयोदशी कहते हैं। दीवाली की शुरुआत धनतेरस से ही होती है और इस दिन धातु की चीजें खरीदने का रिवाज है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन ही देवताओं के वैद्य धन्वंतरि समुद्र मंथन से हाथ में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इसे धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है। धनतेरस के दिन श्री गणेश, धन के देवता कुबेर, औषधि के देवता धन्वंतरि तथा सुख, समृद्धि तथा वैभव की देवी महालक्ष्मी की पूजा विधि विधान से एक साथ की जाती है। इस दिन सुख, संपत्ति के साथ बेहतर स्वास्थ्य के लिए पूजा करने का विधान है। धनतेरस के मौके पर लोग माता लक्ष्मी और धन देवता कुबेर को प्रसन्न करने के लिए तत्पर रहते हैं लेकिन भगवान धन्वंतरि को भूल जाते हैं जिनकी कृपा से स्वास्थ्य और दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी लक्ष्मी के साथ भगवान धन्वंतरि भी अमृत कलश के साथ सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। यही कारण है दीपावली के पहले, यानी धनतेरस से ही दिवाली का आरंभ हो जाता है। धनतेरस पर एक साथ होती है गणेश, लक्ष्मी, कुबेर व धनवंतरि देव की पूजा. जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की किसी भी पूजा को आरंभ करने से पूर्व भगवान गणेश की पूजा की जाती है क्योंकि वह सबके आराध्य हैं: वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की श्री गणेश की पूजा करने के बाद आयुर्वेद के संस्थापक भगवान धन्वंतरि की पूजा : ॐ नमो भगवते महा सुदर्शनाया वासुदेवाय धन्वन्तरये अमृत कलश हस्ताय सर्व भय विनाशाय सर्व रोग निवारणाय त्रैलोक्य पतये, त्रैलोक्य निधये श्री महा विष्णु स्वरूप, श्री धन्वंतरि स्वरुप श्री श्री श्री औषध चक्र नारायणाय स्वाहा जीवन चक्र ने मुझे सिखाया कीकुबेर देव को धन का अधिपति कहा जाता है। कुबेर देव की पूजा सूर्य अस्त के बाद प्रदोष काल में करनी चाहिए: ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दापय। आखिर में एक ही बात समझ आई की धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी की पूजा सूर्य अस्त होने के बाद प्रदोष काल में करनी चाहिए: ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥ बाक़ी कल , अपनी दुआओं में याद रखियेगा 🙏सावधान रहिये-सुरक्षित रहिये ,अपना और अपनों का ध्यान रखिये ,संकट अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरुरी ...! 🌹सुप्रभात🙏 "🔱विकास शर्मा'शिवाया '"🔱 जयपुर-राजस्थान ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📇जीवन की पाठशाला 🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस या धनत्रयोदशी कहते हैं। दीवाली की शुरुआत
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KP NEWS HD कंवरपाल प्रजापति समाज ओबीसी for ©KP NEWS HD यह एक चाल थी जो अच्छी तरह से काम कर गई. पहले रवींद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) ने धनंजय डी सिल्वा को अपना शिकार बनाया. फिर, हार्दिक ने महेश ती