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theABHAYSINGH_BIPIN
किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस्कान, खिला नहीं कोई गुलाब भी कब से। सवालों का पिटारा है मेरे दिल में, पर पूछने की इजाजत नहीं उससे। नज़रों से सवाल कर जाती है, अब नज़र मिलती नहीं मेरी उससे। देखकर मेरे बगल से गुजर जाती है, सोचता हूँ, सजा दूँ बालों में गजरे। कैसी बेताबी है, उसे क्या ख़बर, देख ले इश्क़, जो मिल जाए नज़रे। किस कदर सब्र का चोला पहना, इसी हाल में जी रहा 'अभय' कब से। ©theABHAYSINGH_BIPIN किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस
किस कदर बेखबर है वो मुझसे, एक साया है मगर साथ कब से। ढूंढने की कोशिश में उलझा हूँ, जाने कहाँ खो गई है वो हमसे। अरसा हुआ, उसके चेहरे पर मुस
read moreAnjali Singhal
White "नज़र कहाँ से आए जब नज़र में ही आप समाए! नज़र की ये चोट है गहरी आपकी प्रीत ही शायद इसे भर पाए!!" ©Anjali Singhal "नज़र कहाँ से आए जब नज़र में ही आप समाए! नज़र की ये चोट है गहरी आपकी प्रीत ही शायद इसे भर पाए!!" #AnjaliSinghal #nojoto
"नज़र कहाँ से आए जब नज़र में ही आप समाए! नज़र की ये चोट है गहरी आपकी प्रीत ही शायद इसे भर पाए!!" #AnjaliSinghal nojoto
read moreParasram Arora
Unsplash मेरी बिगड़ेल चाहतो से मुझे राहत मिलेगी कब? मेरे शरारती स्वार्थी तत्व आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ? मेरा मौन चिल्लाना चाहता है युगो से आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब? ©Parasram Arora कब?
कब?
read moreLalit Saxena
Unsplash मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं तारीफ़ तो मेरे बेवफ़ा हालातों की है जो मुझे लिखने के लिए हर पल, हर लम्हा बेताब करते है।।।।। गर ये लम्हे ये हालात ये अफसाने ना होते ..............तो क्या मैं लिखता? कोई कवि, शायर, गजलकार, या फनकार कलम कही पड़ी होती किसी कोने में और कागज़ हवा में उड़ रहे होते कैसा लगता....ख्वाबों में गोते लगाना डूब कर अंधेरों में कही दफ़न हो गए होते। मै लिखता हूं.....इसमें तारीफ़ नहीं!!! ©Lalit Saxena #Book दिल से
#Book दिल से
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
स्वलिखित शायरी शीर्षक रिश्तों का शीशमहल विधा शायरीनुमा भाव वास्तविक रिश्तों का शीशमहल कब मकान में बदल गया पता न चला, भावुकता कब ईंट पत
read moreनवनीत ठाकुर
तेरे प्यार की जो कभी शमा जलती थी मेरे अंदर, वही शमा राख हो गई है, और अब जल रहे हैं हम। वो तुझसे मिलकर जो रास्ते थे रोशन, अब उसी अंधेरे में खुद को खोते हैं हम। खुदा से अब क्या मांगें नवनीत, ये लम्हे कहाँ जाएं, जो कभी थे मोहब्बत, अब वही तमाशा बने हैं हम। ©नवनीत ठाकुर #खुदा से अब क्या मांगें नवनीत, ये लम्हे कहाँ जाएं, जो कभी थे मोहब्बत, अब वही तमाशा बने हैं हम।
#खुदा से अब क्या मांगें नवनीत, ये लम्हे कहाँ जाएं, जो कभी थे मोहब्बत, अब वही तमाशा बने हैं हम।
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी कब छटेगे दुविधाओं के बादल साफ कभी अरमानो का आसमान होगा खता हमने कुछ की नही फिर कहर कियो हम सत्ता का झेल रहे है कण कण में भगवान रहते फिर सर्वे कर गुमराह कियो है सियासी दाँव मजहब बन गया इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #sad_quotes इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा
#sad_quotes इंसानियत का आसमान कब तक साफ होगा
read moreDR. LAVKESH GANDHI
Maa कहाँ हो लिखो माँ कभी तो मिलो माँ कैसी हो बताओ माँ मिलने तो आओ माँ कितनी दूर हो माँ मेरे पास आओ माँ हर सांस पर कर्ज है तेरा माँ फिर से चुकाने का मौका दो माँ जिंदगी में नहीं सोचा था कभी माँ आप भी मुझे छोड़ कर चलीं जाएंगी माँ ©DR. LAVKESH GANDHI #माँ # #मेरी माँ कहाँ हो #
माँ # मेरी माँ कहाँ हो #
read moreIndian Kanoon In Hindi
पत्नी को भरण-पोषण कब नहीं मिलेगा !When will the wife not get maintenance!
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