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Altifa
Kushal - कुशल
White इस बे-फरेब प्यार के रस्ते में चन्द रोज, अगर हम तुम्हारे साथ रहे भी तो क्या रहे, कुछ ऐसे मोड़ आये मोहब्बत की राह में, हम बदनसीब मिलके भी तुमसे जुदा रहे!! ©Kushal - कुशल इस बे-फरेब प्यार के रस्ते में चन्द रोज, #Road #Poetry #Shayari #Quotes #Thoughts #Nojoto #Hindi
Ramji Mishra
Lee Kalpana Kp Yadav
न जाने कितने जरिये थे पर मुझ तक आना ही नही था उसे न जाने कितना चाहा मैने उस चाहत का एहसास ही नही था उसे मैं नींद में भी उसका नाम लेती हुँ मेरा नाम कभी याद ही नहीं था उसे मेरे जख़्म कब भरेगें पता नहीं मेरे दूर जाने का दर्द ही नहीं था उसे ©Lee Kalpana Kp Yadav #धोखा #फरेब #बेवफ़ाई
Tripti singh
जब किसी पुरुष को किसी लड़की से प्रेम होता है तो वो उसे दिलरुबा, रानी और कईं नामों से संबोधित करता है☺ मगर वही मर्द की जब प्रेमिका से अनबन हो जाए तो वो उसे गालियाँ देने में संकोच तक नहीं करता 🙂 वाह रे प्रेम...... 🙂 ©Tripti singh #ChaltiHawaa #धोखा #फरेब #शायरी
Kamal Vishwakarma
चलो तुम्हे आज फिर लिखूं..!! एक नज़्म लिखूं, एक वक्त लिखूं या एक मोहब्बत लिखूं..? सही है फरेब लिखूं, चलो तुम्हे आज फिर लिखूं.... ©Kamal Vishwakarma #aaina फरेब #Life #SAD #fareb #ishaq #No_caption harshita joshi lalit kumar Kajal ... in . Kavita Mehta unknown_writer_14k op Arun 444 Geet
THE TWEEN CHORA
Prince Kumar
फरेब आंखों वाली ने फसा लिया मुझे नही तो हम भी आंखों पे ऐतबार किया करते थे। ऐसे ही नहीं निगाहें मिला उनसे पहले आंखों में डूबा फिर जाके फसा उनसे। उसने नजर के तीर से घायल किया हमे जिसका इलाज भी उसके सिवा कोई नही। हर बार मेरी आंखे खता कर जाती है और हर बार इसकी सजा दिल भुगतता है। "कुमार" आंखों ने ही लूटा है तुझे अब फिर से किसी को आंखें भर के ना देखना।। ©Prince Kumar #फरेब आंखें#
Neha Bhargava (karishma)
बहुत अखरता है अपना कहकर कोई साथ छोड़ दे बहुत अखरता है वादा करके कोई तोड़ दे बहुत अखरता है जिम्मेदारी लेकर मुंह फेर ले बहुत अखरता है.... अपना कहकर ,जब कोई बेगाना कर जाता है साथी बनकर,खुद ही शूल बनाता है थोड़ी उलझनों पर ,रिश्ते में जब दोष लगाता है सचमुच.... बहुत अखर जाता है विश्वास की डोर पर रिश्ते बनाए जाते है मोती मोती प्यार के पिरोए जाते है तब जाकर रंगत लाते है पल पल निखरते जाते है डगमग डगमग नाव नहीं होती धूप बेशक होती है पर कही न कही छांव भी होती ... क्या यही है प्यार की भाषा या कल्पनाओं पर बनी है इसकी परिभाषा प्यार नाम की कोई चीज होती भी है.... क्या....कल्पनाओं में चलती जैसी हकीकत में होती नही वैसी ©Neha Bhargava (karishma) #प्यार हकीकत या फरेब