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seema patidar
मैं पुराने खयालों की शख्स हु जनाब सबको रास नहीं आऊंगी इत्मीनान भरा वक्त चाहिए मुझे समझने और मेरी सोहबत में आने के लिए....... ©seema patidar मैं पुराने खयालों की शख्स हूं ❣️
मैं पुराने खयालों की शख्स हूं ❣️
read moreAshok Verma "Hamdard"
White अभी मिट्टी से जुदा हुआ नहीं हूँ, थका हूँ पर कहीं रुका नहीं हूँ। गिराया वक्त ने, संभलता गया मैं, हारा जरूर हूँ, मगर झुका नहीं हूँ। तेरी राहों का राही बनूं कैसे, मैं कारवां हूँ, मगर रास्ता नहीं हूँ। बिखरने की सज़ा वक्त ने दी है, मगर ख़ुद में मैं अब तक मिटा नहीं हूँ। पिता का अक्स हूँ, पहचान यही है, पर अब तक खुद को तराशा नहीं हूँ। मंजिल मेरी भी होगी एक दिन, सफ़र में हूँ, पर अभी ठहरा नहीं हूँ। भूखा हूँ पर गैर का लूटूं ये मुमकिन नहीं, मैं मेहनत का हूँ, सौदा सस्ता नहीं हूँ। तुम संग हूँ, पर दिल से दूर हूँ शायद, खुद का भी हूँ, तेरा भी पूरा नहीं हूँ। अशोक वर्मा "हमदर्द " ©Ashok Verma "Hamdard" मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं
मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं
read moreParasram Arora
White जिनको आदत हैँ अँधेरों मे रहने की अच्छा नहीं लगता उनके मुख से कि वे उजालो की चर्चा करें जिन इलाकों मे हमेशा बर्फ गिरती हो. उनके लिए अच्छा हैँ कि वे धूप को ढूंडे....संग्रह करें और उसका कारोबार भी करें ©Parasram Arora जिनको आदत हैँ
जिनको आदत हैँ
read moreKiran Chaudhary
मैं कोई एक बहुत अच्छी ज़िन्दगी नहीं चाहती, मैं बस एक ज़िन्दगी चाहती हूँ, शांति वाली।। ©Kiran Chaudhary मैं बस एक ज़िन्दगी चाहती हूं..
मैं बस एक ज़िन्दगी चाहती हूं..
read mores गोल्डी
कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वाली सबसे अलग है...! 💔😥 ©s गोल्डी कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वली मुझे से ही शादी करेंगी...!💔😥
कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वली मुझे से ही शादी करेंगी...!💔😥
read moreAjay Tanwar Mehrana
पागल हूं क्योंकि प्यार पाया है मैंने तुम सयाने तो बहुत कुछ खो बैठे । शौला हूं क्योंकि शौर्य पाया है मैंने तुम शीतल बर्फ बेवजह पिघल बैठे । गंवार हूं क्योंकि शहर गंवाया है मैंने तुम तो गांव को छोड़ शहर जा बैठे । रुग्ण हूं क्योंकि वो रोग पाया है मैंने जिसे सब लोग अपराध कह बैठे । जिद्दी हूं क्योंकि जिस्म पाया है मैंने तुम सहज शील खुद को ही खो बैठे । ©Ajay Tanwar Mehrana poetry in hindi पागल हूं मैं
poetry in hindi पागल हूं मैं
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