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Vijay pnditrao Wadhekar
ROHAN KUMAR SINGH
केवल यही आदमी दुनिया को वर्ल्ड वॉर से बचा सकता है।😂😂😂 #इलेक्ट्रिकल इंजीनियर #गेंडा स्वामी के पापा😂😂 guriya kumari Pranshi Singh Kђusђi SiŇgђ
JALAJ KUMAR RATHOUR
कृष्ण गोपाल, इलेक्ट्रिकल इंजिनीयर,वोल्वो वाला,कैप्टन,अटेंडेंस का कर्ता धर्ता,टॉपर, मथुरावासी ये शक्स शक्ल से जितना सीधा दिखता है उतना है नही🤣, मल्टीमीडिया और आर्ट्स फैक्ल्टी के चक्करो से हमारे विचार मिले और 🤣क्लासे बंक कर स्पाइडर मैन मूवी देख और क्रिकेट खेल, व्यवहार, यार हमारी जिंदगी में आने के लिंए तेरा शुक्रिया, हमे इलेक्ट्रीकल को समझाने और हमारे DHA जमा करने के लिए तेरा शुक्रिया, इंजीनियर में हुई मुलाकात और आपसी विश्वास से जुड़े हम आज भी साथ है और उम्मीद है आगे भी रहेंगे, तुझे वो सब मुकम्मल हो जिसकी तु ख्वाहिश करता है बस खुदा से यही आजमाईश है जन्म दिन मुबारक गोपाल ... #जलज राठौर #moonlight कृष्ण गोपाल, इलेक्ट्रिकल इंजिनीयर,वोल्वो वाला,कैप्टन,अटेंडेंस का कर्ता धर्ता,टॉपर, मथुरावासी ये शक्स शक्ल से जितना सीधा दिखता है
Divyanshu Pathak
न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-दिनों घर में किसी की कहाँ बनती है! छोटी-छोटी बातों पे हो जाती तक़रार है। कोई छोटा और न बड़ा रह गया रिश्ता । लिहाज़ रखते नहीं हया भी ज़ार-ज़ार है। वालिद तोड़ता रहा उम्र भर बदन अपना, बच्चों को लगता है कि खज़ाना अपार है। कुछ कमाओं तो पता चले तुम लोगों को । कौन किस चीज़ का कितना हक़दार है ? ये गैजेट्स और गिज़्मो से चिपके रहते हो। समझते हो कि 'पंक्षी' बस यही संसार है। #cinemagraph शीर्षक- बस यही संसार है। ( एक ग़ज़ल ) न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-दिनों
Divyanshu Pathak
न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-दिनों घर में किसी की कहाँ बनती है! छोटी-छोटी बातों पे हो जाती तक़रार है। कोई छोटा और न बड़ा रह गया रिश्ता । लिहाज़ रखते नहीं हया भी ज़ार-ज़ार है। वालिद तोड़ता रहा उम्र भर बदन अपना, बच्चों को लगता है कि खज़ाना अपार है। कुछ कमाओं तो पता चले तुम लोगों को । कौन किस चीज़ का कितना हक़दार है ? ये गैजेट्स और गिज़्मो से चिपके रहते हो। समझते हो कि 'पंक्षी' बस यही संसार है। न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-दिनों घर में किसी की कहाँ बनती है! छोटी-छोटी बातों पे हो
Divyanshu Pathak
न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-दिनों घर में किसी की कहाँ बनती है! छोटी-छोटी बातों पे हो जाती तक़रार है। कोई भी छोटा न बड़ा रह गया आजकल। लिहाज़ रखते नहीं हया भी ज़ार-ज़ार है। वालिद तोड़ता रहा उम्र भर बदन अपना। बच्चों को लगता है कि खज़ाना अपार है। कुछ कमाओं तो पता चले तुम लोगों को। कौन किस चीज़ का कितना हक़दार है ? गैजेट्स-गिज़्मो से चिपके रहते हो तुम । 'पंक्षी' तुम समझते हो कि यही संसार है। #cinemagraph #पाठकपुराण की ओर से #शुभरात्रि साथियो। : न दिलों में इश्क़ न किसी के लिए प्यार है। ये तो केवल रिज़्क़ तक सीमित बाज़ार है। इन-द
KP EDUCATION HD
KP NEWS for the same for me to get the ©कंवरपाल प्रजापति टेलर यह ब्लॉग पोस्ट रिक्तियों, आवेदन प्रक्रिया, चयन प्रक्रिया और बहुत कुछ के बारे में आवश्यक विवरण प्रदान करता है। रिक्ति विवरण: बैंक नोट प्रेस,
JALAJ KUMAR RATHOUR
खट्टी-मीठी ज़िंदगी प्रेम, ये वो वाला प्रेम नही है ये हमारे हॉस्टल का प्रेम है, बिहार के जहानाबाद का प्रेम है, गुड्स फ्रेन्ड का प्रेम है हमारे रूम के पड़ोस वाला प्रेम है, ये हमारे क्लास वाला प्रेम है,ये शक्ल से सीधा दिखने वाला शख़्स कितना कमीना है ये हम हॉस्टल वाले ही जानते है अपनी बातो से मोटीवेट करने वाला ये इलेक्ट्रिकल इंजीनियर भले ही आज हम से मीलों दूर है, मगर सच मे यार तू हमेशा हमारे करीब रहेगा,सच मे यार कितने खुश थे हम ,लोगो को #दीदी के डर से डरा कर ,सीनियर्स को उनके निक नामे से चिढ! कर, शुक्ला को एक नयी मौसी देकर, और ट्रुथ एंड डेयर के बहाने अपना दिल हल्का कर, रातों मे जागकर, किसी के हाथो की मैगी खाकर, सोयाबीन को पनीर कहकर, भंडारघर मे रात भर जागकर, मगर शायद यार अब ये वक़्त वापस नही आएगा, हम में से कोई नही अब शायरी के महफ़िल सजाएगा माल है भाई माल है.... वाले नारे अब कोई नही लगाएगा, GPL के बिन अब हर कोई जन्मदिन मनाएगा बस इतना ही कहूंगा की शुक्रिया तेरा यार हमारी जिंदगी मे आने के लिए, पेड़े,ठेकुए खिलाने के लिए मुझे इटावा का चोर कहने के लिए, मधु जी का ख्याल रखने के लिए, हमारी बकचोदियो को झेलने के लिए, और हमारे तीन सालो की इस गाड़ी को ढकेलने के लिए शुक्रिया यार जन्म दिन मुबारक मेरे दोस्त प्रेम सत्संगी .जलज कुमार राठौर प्रेम, ये वो वाला प्रेम नही है ये हमारे हॉस्टल का प्रेम है, बिहार के जहानाबाद का प्रेम है, गुड्स फ्रेन्ड का प्रेम है हमारे रूम के पड़ोस वा
Subhasish Pradhan
हम लोग ऐसे हैं...!!👤 (कविता caption में है।।) हम लोग ऐसे हैं...!!👤 हम लोग ऐसे हैं "जो पेट्रोल डीज़ल की बढ़ते दाम याद रखते हैं"।। हम लोग ऐसे हैं "जो पत्थरबाज से प्यार किया करते हैं"।। हम ल