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Kulvant Kumar
White ll जब तक लोग मुझ तक पहुंचेंगे, हम आगे जा चुके होगे ll 🇦 🇱 🇴 🇳 🇪 🇧 🇴 🇾 ©Kulvant Kumar #sad_ll जब तक लोग मुझ तक पहुंचेंगे, हम आगे जा चुके होगे ll 🇦 🇱 🇴 🇳 🇪 🇧 🇴 🇾
#sad_ll जब तक लोग मुझ तक पहुंचेंगे, हम आगे जा चुके होगे ll 🇦 🇱 🇴 🇳 🇪 🇧 🇴 🇾
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी मनसूबे किया है जंगल जहाँ को बना देंगे सभ्यसमाज की हिला दी शिला खोदकर बुल्डोजरो से सब कुछ इंसानियत की मिशाल बुझा देगे धर्म की आड़ में लूटकर भिखारी जनता को बना देंगे बजट तक नही होता इंतजार हर महीने दाम बढ़ा देगे सरकार हो गयी बनिया की दुकान नफा नुकसान की भरपाई में कोई भी फार्मूला लगा देंगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #good_night बजट तक नही होता इंतजार
#good_night बजट तक नही होता इंतजार
read moreवीrendra yadav
White ye रास्ते मकबूल होते गए हम भी अपने आप में खोते गए पहुंचने की कवायद में गुमनाम रास्तों से एक लंबे सफर में दिन बिताते हुए चलते रहे मगर पहुंच न सके उस इंतकाम तक जो किसी से लेना था हमें ©वीrendra yadav # appriciat #सदा
# appriciat #सदा
read moreDivuu.writes
White हम जो जिए जा रहे हैं किसी को याद कर कर के उन्हें फर्क तक नहीं पड़ता हम जिन्दा भी हैं या मर गए ©Divuu.writes #love_shayari फर्क तक नहीं पड़ता
#love_shayari फर्क तक नहीं पड़ता
read moreHimanshu Prajapati
लगाव तब तक अच्छा है, जब तक घाव ना दे..! ©Himanshu Prajapati #Lifelight लगाव तब तक अच्छा है, जब तक घाव ना दे..! #36gyan #hpstrange
#Lifelight लगाव तब तक अच्छा है, जब तक घाव ना दे..! #36gyan #hpstrange
read moreShiv Narayan Saxena
White जोबन मद रमणी तजे, रिश्ते नाक चढ़ाय। सब दिन रहें न एक से, प्रौढ़ भये पछताय।। चार दिनों की बात है, क्यों करता अभिमान। सब दिन रहें न एक से, सबका हो अवसान।। सब ही हैं भगवान के, सब में ही भगवान। इसी भॉंति जीवन जिये, हरिजन सोई जान।। जो आया सो जायगा, चार दिनों की शान। किसके रोके रुक सका, विधि का यही विधान।। ©Shiv Narayan Saxena #Sad_Status सदा रहे न एक सि hindi poetry
#Sad_Status सदा रहे न एक सि hindi poetry
read moreनवनीत ठाकुर
वक्त की आगोश में खोए लम्हों की सदा दिन का उजाला काली रात में जब घुल सा जाता है, काले बालों पर सफेदी का रंग यूं धीरे-धीरे छाता है। दरख़्तों को देखता हूँ, जो कभी थे हरियाली की मिसाल, अब बिन पत्तों के खड़े हैं, वक्त का ये भी एक हाल। ग्रीष्म में जो राहगीरों को ठंडक पहुंचाते थे हर बार, आज वो सूखे ढेरों में बदल गए, जैसे वक्त ने की है मार। तब सोचता हूँ, तेरी खूबसूरती का क्या होगा अंजाम, इस वक्त के साये में, रहेगा क्या तेरा कोई नाम? वक्त की धार हर हुस्न को मिटा के जाती है, नई खुशबू के संग पुरानी यादों को दबा जाती है। वक्त की दराँती से कौन बच सका है यहाँ, किसे है खबर इस सफर की आखिरी मंजिल है कहां? पर एक उम्मीद है, जो तेरी बनाए रखेगी पहचान, जो तेरा नाम यूं ही रोशन करेगी, वो है तेरी संतान। ©नवनीत ठाकुर #वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा
#वक्त के आगोश में खोए लम्हों की सदा
read moreF M POETRY
White तुम्हारे प्यार में मैं दिल जला कर बैठ जाऊंगा.. चले आना जहाँ तक रौशनाई तुमको ले आये.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #चले आना जहाँ तक रौशनाई.....
#चले आना जहाँ तक रौशनाई.....
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