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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

जिस मुखडे पर वह बनकर ठहरा दरबाँ । वह इतनी सुंदर गालों का तिल क्या जाने ।।४ ३१/०३/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर #कविता

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जिस मुखडे पर वह बनकर ठहरा दरबाँ ।
वह इतनी सुंदर गालों का तिल क्या जाने ।।४













३१/०३/२०२३      -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR जिस मुखडे पर वह बनकर ठहरा दरबाँ ।
वह इतनी सुंदर गालों का तिल क्या जाने ।।४

३१/०३/२०२३      -    महेन्द्र सिंह प्रखर

Om Shivam Upadhyay

"जिनको आँखों का खंजर कहते हो तुम, दिल मे कभी बसाया है उस मुखडे को.....!! " #ओम 'मलंग' "Jinko Aankhon Ka Khanjar Kahte Ho Tum, Dil Me Kabhi

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"जिनको आँखों का खंजर कहते हो तुम,
दिल मे कभी बसाया है उस मुखडे को.....!! "
#ओम 'मलंग'


"Jinko Aankhon Ka Khanjar Kahte Ho Tum,
Dil Me Kabhi Basaya Hai Us Mukhde Ko......!! "
#Om 'Malang' "जिनको आँखों का खंजर कहते हो तुम,
दिल मे कभी बसाया है उस मुखडे को.....!! "
#ओम 'मलंग'


"Jinko Aankhon Ka Khanjar Kahte Ho Tum,
Dil Me Kabhi

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

आसमान से आई हो , सुर्ख तेरा परिधान, गोरे गोरे मुखडे पे बिँदिया को गुमान , लाज और शर्म से तो लगती तुम कमाल जैसे इस दुनिया में #कविता

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आसमान से आई हो ,
सुर्ख  तेरा परिधान,
गोरे गोरे मुखडे पे
बिँदिया को गुमान ,

लाज और शर्म से तो
लगती तुम कमाल 
जैसे इस दुनिया में
तुम हो अनजान ,

झुके झुके नैन तेरे
उलझे हुए केश ये
और कैसे हम करें
रूप का बखान ,

सुनो ये चूडिय़ां तुम
किस लिए बजाती हो
तोड मेरे सपनो को
कहलाती नदान ,,

         महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR आसमान से आई हो ,
सुर्ख  तेरा परिधान,
गोरे गोरे मुखडे पे
बिँदिया को गुमान ,

लाज और शर्म से तो
लगती तुम कमाल 
जैसे इस दुनिया में

xyz

Pic Credit: Google Round- 1, Task- 1 Team: PWniceSimiles Topic: मृगनयनी से नयन ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ घुँघटा काढ़े करके रूप का श्रृंगार, #EnglishProverbsWorld #PWcontest #PWsimWriMoTuc #tishiyapa #pwnicesimiles

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घुँघटा काढ़े करके रूप का श्रृंगार,
चली किधर, इठलाती चंचल नार।

नागिन सी तेरी बलखाए कमरिया,
नादान दिलों पर गिराए बिजुरिया।

तेरे होने से महकती है सारी बहार,
तेरा हुस्न धारदार जैसे तेज़ कटार।

मुखड़े पर छायी चाँद सी लालिमा,
चुराए काहे मेरा दिल, ओ ज़ालिमा।

ओ मतवाली! तेरे मृगनयनी से नयन,
ज़ुल्फ़ों की घटा करे दिन में भी रैन।

गोरी मुझको तू बना ले अपना सैंया,
दिल चाहे बनूँ तेरे जीवन का खेवैया। Pic Credit: Google

Round- 1, Task- 1
Team: PWniceSimiles
Topic:  मृगनयनी से नयन
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
घुँघटा काढ़े करके रूप का श्रृंगार,

एक इबादत

#miss_you_ladli Special for you #my_life_partner_ 🌷 दुर्गाष्टमी की खूब सारी शुभकामनाऐं लाया हूँ माता के दर पर आपकी खुशियों की फरियाद करने आय #दुर्गाष्टमी_की_हार्दिक_बधाई_शुभकामनाऐं_🌷 #माता_रानी_की_आसीम_कृपा_आप_पर_बनी_रहें #जय_माँ_भवानी_🙏

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jaan #miss_you_ladli
Special for you #my_life_partner_ 🌷
दुर्गाष्टमी की खूब सारी शुभकामनाऐं लाया हूँ
माता के दर पर आपकी खुशियों की फरियाद करने आय

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

खंजर पर जो लहूँ लगा ग़ाफिल क्या जाने । किसका दिल होता घायल बातिल क्या जाने ।।१ बोल रहे जो नेता दर दर हिन्दू मुस्लिम । वह भी इंसा है ये उनका #कविता

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खंजर पर जो लहूँ लगा ग़ाफिल क्या जाने ।
किसका दिल होता घायल बातिल क्या जाने ।।१

बोल रहे जो नेता दर दर हिन्दू मुस्लिम ।
वह भी इंसा है ये उनका दिल क्या जाने ।।२

खूँ को कब पहचाना खंजर देखो मुडकर ।
कहता अब मरने वाला कातिल क्या जाने ।।३

जिस मुखडे पर वह बनकर ठहरा दरबाँ ।
वह इतनी सुंदर गालों का तिल क्या जाने ।।४

क्या होती सूरज की किरणें तुम मत पूछो ।
रातों को रोशन करते झिलमिल क्या जाने ।।५

जो घर के कामों में देखो उलझी रहती ।
उससे ही मेरा आँगन झिलमिल क्या जाने ।।६

दिल का मेरे चैन चुराकर जो बैठी है ।
उससे सजती है दिल की महफिल क्या जाने ।।७

लूट हमें जो खाता कल वह भी निर्धन था ।
अब चोरो में है वह शामिल क्या जाने ।।८

कितना प्यार प्रखर करता उससे मत पूछो ।
वो तो देखे हर पल दर्पण दिल क्या जाने ।।९

३१/०३/२०२३      -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR खंजर पर जो लहूँ लगा ग़ाफिल क्या जाने ।
किसका दिल होता घायल बातिल क्या जाने ।।१

बोल रहे जो नेता दर दर हिन्दू मुस्लिम ।
वह भी इंसा है ये उनका
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