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Naina Chandravanshi

#be_positive हर मंजिल की एक रह तो होती ही है।।।।।।🖤🤞🤞 बस रेंगने कि देर है.....****

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इस कमबख्त जहां को ईखतिला करो,,
जो जमी को छोड़ आसमां में उड़ने के....
हर वक्त ख़वाब सजा रही है।।
की आख़िर इन.…...
परों के थक जानें के बाद,
आसमां पे आराम के लिए ज़मी नसीब नहीं होगी।।।

©Naina Chandravanshi #be_positive  हर मंजिल की एक रह तो होती ही है।।।।।।🖤🤞🤞 बस रेंगने कि देर है.....****

amir khan

पता करो कौन है वो जिसने हमारे मिशन और मनसोको को नाकाम किया है हमसे टकराने की जुर्रात तो आसमान के फ़रिश्तों ने नहीं की तो ये ज़मीन पर रेंगने

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पता करो कौन है वो जिसने हमारे मिशन और मनसोको को नाकाम किया है हमसे टकराने की जुर्रात तो आसमान के फ़रिश्तों ने नहीं की तो ये ज़मीन पर रेंगने

neerajthepoet

चीखने वाले बच सकते है लड़ने वालों की जीत होगी जो अपाहिज़ है.. उनकी भी जान बच सकती है! रेंगने वाले कीड़े भी बच जाएंगे मुमकिन है अंधों को छोड़ दिय #poem #nojotopoetry #hindipoetry #nojotoapp #NojotoWriter #nojotowriting #ज़िंदगी #neerajthepoet #दंगा

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चीखने वाले बच सकते है
लड़ने वालों की जीत होगी
जो अपाहिज़ है..
उनकी भी जान बच सकती है!
रेंगने वाले कीड़े भी बच जाएंगे
मुमकिन है अंधों को छोड़ दिया जाए….
सबकुछ में से बहुत कुछ बच सकता है!!
पर दंगे में वो लोग नही बचेंगे
जिनकी ज़ुबाँ पर ताले है
और
रूह बंद है एक कमरे में..!!! चीखने वाले बच सकते है
लड़ने वालों की जीत होगी
जो अपाहिज़ है..
उनकी भी जान बच सकती है!
रेंगने वाले कीड़े भी बच जाएंगे
मुमकिन है अंधों को छोड़ दिय

gopal Bajag

अब तक 48 करोड़ वन्य जीवों, पक्षियों को नुकसानचार महीने पहले ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग अब तक बुझाई नहीं जा सकी है। यूनिवर्सिटी ऑफ सिडन #India #Love #ishq #Shayari #trend #भारत #nojoto_hindi #2words

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""आज की ताजा खबर""

आस्ट्रेलिया के जंगलों में
 लगी भयानक करीबन 50 
करोड़ जानवरों की मारें जाने की 
संभावना है 
so sad 😔 अब तक 48 करोड़ वन्य जीवों, पक्षियों को नुकसानचार महीने पहले ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग अब तक बुझाई नहीं जा सकी है। यूनिवर्सिटी ऑफ सिडन

tehzibasheikh👩‍💻

भय fear children emotional बाल्यावस्था में पाया जाने वाला सामान्य संवेग हें कुछ विशेष भय कुछ विशेष अवस्थाओं में ही पाया जाता हैं अतः इन्हे

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fear children emitional
fear they normal momentum found in childhood are certain fear found only in certain conditions, so call them lacshnik fear conditions such as are fears that internal sensation भय fear children emotional
बाल्यावस्था में पाया जाने वाला सामान्य संवेग हें
 कुछ विशेष भय कुछ विशेष अवस्थाओं में ही पाया जाता हैं
 अतः इन्हे

Brijendra Dubey 'Bawra,

चल बढ़ा दे तू इतने घनघोर अँधेरे कि मुझे मेरा अक्स भी ढूँढने से ना मिले चल बढ़ा दे तू इतने कफ़स मेरे कि जेहन में रेंगने के भी #alone #शायरी

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चल बढ़ा दे तू 
इतने घनघोर अँधेरे
कि मुझे मेरा अक्स भी 
ढूँढने से ना मिले

चल बढ़ा दे तू 
इतने कफ़स मेरे
कि जेहन में रेंगने के भी 
ख़्याल ना रहे

चल मिटा दे तू मेरी हस्ती 
मुझे
गुमनाम कर दे
लगा-लगाकर इल्ज़ामात
जितना हो बदनाम कर दे

मुझे मालूम है मेरे हौसले
मेरे जज़्बे
मुझे पता मेरे जलने की
ख़्वाहिश

मैं जलूँगा बेशक़ मगर
तेरे अँधेरे ख़ाक कर दूँगा
खुद कफ़स में आ गया 
तो कितनों को आजाद कर दूँगा

मेरा जिस्म जल-जल कर
उजाले फेंके
मेरे दिल जल-जल कर 
खुशबुयें बिखेरे

मुझे जलाकर भी खुद 
ही हार जाओगे
कफ़स में मुझे रखकर
खुद ही मात खाओगे

©Brijendra Dubey 'Bawra, चल बढ़ा दे तू 
इतने घनघोर अँधेरे
कि मुझे मेरा अक्स भी 
ढूँढने से ना मिले

चल बढ़ा दे तू 
इतने कफ़स मेरे
कि जेहन में रेंगने के भी

Neelam Modanwal

#thepredator हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जाते हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जाते जान होती तो मिरी जान लुटाते जाते अब तो हर हाथ का पत्थ #ज़िन्दगी

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हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जाते
हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जाते 
जान होती तो मिरी जान लुटाते जाते 
अब तो हर हाथ का पत्थर हमें पहचानता है 
उम्र गुज़री है तिरे शहर में आते जाते 
अब के मायूस हुआ यारों को रुख़्सत कर के 
जा रहे थे तो कोई ज़ख़्म लगाते जाते 
रेंगने की भी इजाज़त नहीं हम को वर्ना 
हम जिधर जाते नए फूल खिलाते जाते 
मैं तो जलते हुए सहराओं का इक पत्थर था 
तुम तो दरिया थे मिरी प्यास बुझाते जाते 
मुझ को रोने का सलीक़ा भी नहीं है शायद 
लोग हँसते हैं मुझे देख के आते जाते 
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे 
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते|

©Neelam Modanwal #thepredator हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जाते
हाथ ख़ाली हैं तिरे शहर से जाते जाते 
जान होती तो मिरी जान लुटाते जाते 
अब तो हर हाथ का पत्थ

Akanksha Bhatnagar

शीर्षक - “तवायफ़” #RDV18 hindi क्या कहुँ मैं इस शब्द के बारे में ये शब्द बड़ा ही नाजायज़ है कोई लड़की अगर आपके हाथ आए तो ठीक और अगर आप #nojotohindi

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शीर्षक - “तवायफ़”
#RDV18
#Nojotohindi

क्या कहुँ मैं इस शब्द के बारे में
ये शब्द बड़ा ही नाजायज़ है
कोई लड़की अगर आपके हाथ आए तो ठीक
और अगर आप

N S Yadav GoldMine

सांप और मेढकों की कहानी :- {Bolo Ji Radhey Radhey} 🃏 एक बार एक कुएं में गंगदत्त नाम का एक मेंढक रहा करता था। वह उसी कुए में मौजूद अपने रिश् #dost #जानकारी

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सांप और मेढकों की कहानी :-
 {Bolo Ji Radhey Radhey}
🃏 एक बार एक कुएं में गंगदत्त नाम का एक मेंढक रहा करता था। वह उसी कुए में मौजूद अपने रिश्तेदारों से बहुत परेशान था। इसलिए वह एक दिन कुए से बाहर आ गया और सोचने लगा कि अपने रिश्तेदारों से अपने अपमान का बदला किस प्रकारलिया जाये। तभी उसे चलतेचलते एक सांप का बिल दीखता है।

🃏 मेंढक ने सोचा कि मैं इस बिल में रहने सांप को अपना मित्र बनाकर अपने रिश्तेदारों का नाश करवा दूंगा। यह सोचकर वह सांप के बिल के आगे खड़े होकर जोर जोर से कहने लगा- मित्र मैं तेरे द्वार पर तेरा मित्र बनाने आया हूँ सांप ने यह सुन सोचा कि अवश्य ही मुझे फासने के लिए कोई मुझे आवाज लगा रहा है। 

🃏 डर के मारे सांप अंदर से ही कहता है-मुझे विश्वास नहीं होता कि एक सांप और किसी दूसरे जिव की मित्रता भी हो सकती है। यहाँ सुनकर गंगदत्त कहता है-तुम्हारा कहना सही है तू मेरा दुश्मन जरूर है, परन्तु मैं अपने रिश्तेदारों से परेशान होकर तुम्हारा मित्र बनने आया हूँ ताकि तुम मेरे साथ रहकर मेरे रिश्तेदारों को खा कर खत्म कर दे।

🃏 यह सुनकर सांप सोचता है कि इसमें मेरा ही फायदा है मैं बिना मेहनत करके मेंढको को खाता रहूँगा। यह सोचकर सांप मेढक से पूछता है- तू कहाँ रहता है? गंगदत्त कहता है- मैं कुए में रहता हूँ तू भी उसी में रहना। 

🃏 सांप कहता है-तू तो ऊँची ऊँची झलांग लगा कर कुए में घुस जाता है पर मैं तो बिना पैरों का रेंगने वाला जिव हूँ, मैं कुए में कैसे घुसूंगा? मेढक कहता है-तू इसकी चिंता मत कर मैं किसी तरह तुझे उसमे घुसा दूंगा और धीरे-धीरे तू सभी मेंढकों को खा लेना। 

🃏 मेंढक ने किसी तरह सांप को कुए में घुसाया और सांप धीरे-धीरे गंगदत्त के सभी रिश्तेदारों को खा गया। लेकिन सांप सभी मेंढक खाने के बाद गंगदत्त से कहता है- मित्र मैंने तेरे सभी रिश्तेदारों को खा लिया है पर अब मैं कैसे अपना पेट भरूंगा। मेंढक ने कहा-मैं तुम्हारे लिए दूसरे मेंढकों का इंतजाम करता हूँ। 

🃏 गंगदत्त मेंढक किसी तरह मेढकों का इंतजाम करके सांप को खिला देता है अगले दिन सांप फिर गंगदत्त को कहता है- अरे मित्र ये मेंढक भी समाप्त हो गए इसलिए तुम और मेंढको का इंतजाम करो। अगले दिन जब गंगदत्त को सांप के लिए भोजन नहीं मिला तो सांप ने उसके पुत्र को ही खा डाला।  

🃏 गंगदत्त सांप को अपना मित्र बनाकर बहुत पछताया और अपने पुत्र के मरने का शोक करने लगा। सांप ने कहा–मित्र आज तो मेरी भूक मिट गई तू कल मेरे लिए दूसरे मेंढकों का इंतजाम करना। मेंढक ने सोचा कि एक दिन ऐसा आएगा जब सारे मेंढक समाप्त हो जायेंगे और ये मुझे खा जायेगा। 

🃏 यह सोचकर मेढक ने सांप से छुटकारा पाने का एक उपाय सोचा और मेढकने सांप से कहा–तू चिंता मत कर मैं अभी कुए से बाहर जाकर कल के लिए मेढकों का इंतजाम करके लाता हूँ। यह कहकर मेंढक अपनी जान बचाकर वहां से चला जाता है और कभी भी उस कुए में वापिस नहीं आता। 

कहानी की शिक्षा :-🃏 जो अपने से बलवान शत्रु को अपना मित्र बनाता है उसका अपना ही नुकसान होता है जैसे मेढक ने सांप को अपना मित्र बनाया और सांप उसके पुत्र को ही खा गया।

©N S Yadav GoldMine सांप और मेढकों की कहानी :-
 {Bolo Ji Radhey Radhey}
🃏 एक बार एक कुएं में गंगदत्त नाम का एक मेंढक रहा करता था। वह उसी कुए में मौजूद अपने रिश्

Vikas Sharma Shivaaya'

✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 एक बार एक आदमी रेगिस्तान में कहीं भटक गया। उसके पास खाने-पीने की #समाज

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✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

एक बार एक आदमी रेगिस्तान में कहीं भटक गया। उसके पास खाने-पीने की जो थोड़ी-बहुत चीजें थीं वो जल्द ही ख़त्म हो गयीं और पिछले दो दिनों से वो पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहा था...,

वह मन ही मन जान चुका था कि अगले कुछ घंटों में अगर उसे कहीं से पानी नहीं मिला तो उसकी मौत पक्की है पर कहीं न कहीं उसे ईश्वर पर यकीन था कि कुछ चमत्कार होगा और उसे पानी मिल जाएगा...,

तभी उसे एक झोपड़ी दिखाई दी! उसे अपनी आँखों यकीन नहीं हुआ पहले भी वह मृगतृष्णा और भ्रम के कारण धोखा खा चुका था पर बेचारे के पास यकीन करने के आलावा को चारा भी तो न था आखिर ये उसकी आखिरी उम्मीद जो थी...,

वह अपनी बची-खुची ताकत से झोपडी की तरफ रेंगने लगा जैसे-जैसे करीब पहुँचता उसकी उम्मीद बढती जाती और इस बार भाग्य भी उसके साथ था, सचमुच वहां एक झोपड़ी थी...,

पर ये क्या? झोपडी तो वीरान पड़ी थी! मानो सालों से कोई वहां भटका न हो। फिर भी पानी की उम्मीद में आदमी झोपड़ी के अन्दर घुसा अन्दर का नजारा देख उसे अपनी आँखों पे यकीन नहीं हुआ…,

वहां एक हैण्ड पंप लगा था, आदमी एक नयी उर्जा से भर गया पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसता वह तेजी से हैण्ड पंप चलाने लगा। लेकिंग हैण्ड पंप तो कब का सूख चुका था आदमी निराश हो गया उसे लगा कि अब उसे मरने से कोई नहीं बचा सकता…वह निढाल हो कर गिर पड़ा...,

तभी उसे झोपड़ी के छत से बंधी पानी से भरी एक बोतल दिखी! वह किसी तरह उसकी तरफ लपका! वह उसे खोल कर पीने ही वाला था कि तभी उसे बोतल से चिपका एक कागज़ दिखा उस पर लिखा था...,

इस पानी का प्रयोग हैण्ड पंप चलाने के लिए करो और वापस बोतल भर कर रखना नहीं भूलना...,

ये एक अजीब सी स्थिति थी, आदमी को समझ नहीं आ रहा था कि वो पानी पिए या उसे हैण्ड पंप में डालकर उसे चालू करे...,

उसके मन में तमाम सवाल उठने लगे अगर पानी डालने पे भी पंप नहीं चला अगर यहाँ लिखी बात झूठी हुई और क्या पता जमीन के नीचे का पानी भी सूख चुका हो लेकिन क्या पता पंप चल ही पड़े क्या पता यहाँ लिखी बात सच हो वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे...,

फिर कुछ सोचने के बाद उसने बोतल खोली और कांपते हाथों से पानी पंप में डालने लगा। पानी डालकर उसने भगवान् से प्रार्थना की और पंप चलाने लगा एक-दो-तीन और हैण्ड पंप से ठंडा-ठंडा पानी निकलने लगा...,

वो पानी किसी अमृत से कम नहीं था… आदमी ने जी भर के पानी पिया,उसकी जान में जान आ गयी, दिमाग काम करने लगा। उसने बोतल में फिर से पानी भर दिया और उसे छत से बांध दिया। जब वो ऐसा कर रहा था तभी उसे अपने सामने एक और शीशे की बोतल दिखी। खोला तो उसमे एक पेंसिल और एक नक्शा पड़ा हुआ था जिसमे रेगिस्तान से निकलने का रास्ता था...,

आदमी ने रास्ता याद कर लिया और नक़्शे वाली बोतल को वापस वहीँ रख दया। इसके बाद वो अपनी बोतलों में पानी भर कर वहां से जाने लगा कुछ आगे बढ़ कर उसने एक बार पीछे मुड़ कर देखा फिर कुछ सोच कर वापस उस झोपडी में गया और पानी से भरी बोतल पे चिपके कागज़ को उतार कर उस पर कुछ लिखने लगा...,

*उसने लिखा- मेरा यकीन करिए ये काम करता है!*
                  *शिक्षा*
दोस्तों, ये कहानी संपूर्ण जीवन के बारे में है। ये हमे सिखाती है कि बुरी से बुरी स्थिति में भी अपनी उम्मीद नहीं छोडनी चाहिए और इस कहानी से ये भी शिक्षा मिलती है कि कुछ बहुत बड़ा पाने से पहले हमें अपनी ओर से भी कुछ देना होता है। जैसे उस आदमी ने नल चलाने के लिए मौजूद पूरा पानी उसमे डाल दिया।देखा जाए तो इस कहानी में पानी जीवन में मौजूद अच्छी चीजों को दर्शाता है, कुछ ऐसी चीजें जिसकी हमारी नजर में कीमत है। किसी के लिए ये ज्ञान हो सकता है तो किसी के लिए प्रेम तो किसी और के लिए पैसा! ये जो कुछ भी है उसे पाने के लिए पहले हमें अपनी तरफ से उसे कर्म रुपी हैण्ड पंप में डालना होता है और फिर बदले में आप अपने योगदान से कहीं अधिक मात्रा में उसे वापस पाते हैं....!

अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो 
विकास शर्मा'"शिवाया" 
🔱जयपुर -राजस्थान🔱

©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️

🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

एक बार एक आदमी रेगिस्तान में कहीं भटक गया। उसके पास खाने-पीने की
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