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pradkavi_0301
मन जिंकायचंय ना तुला आधी स्वतः हरण्याची तुझ्यात हिंमत पाहिजे ... विसरून माफ करायचंय कोणाला तेव्हा अहंकाराची किंमत शून्य पाहिजे... आठवण तर सगळ्यालाच येते म्हणूनच कोणाच्या आठवणीत राहायला हृदय पण तेवढंच श्रीमंत पाहिजे ..... निरागस मन
Yogeshwari Mukta
कोमल कळीचे जेव्हा उमलणे सुरू झाले गुलाबात कितीतरी काटे झाले होते, झाली जाणीव जेव्हा त्याच्या निरागसतेची आले कळून की इवल्याश्या कोमल कळीचे ते प्रेमळ गुलाब झाले होते.... ©Yogeshwari Mukta प्रेम निरागस #निरागसता #निरागस #प्रेम #goodsoul #innocent #innocence #Rose #कळी
Sanket Chaudhary
सूर निरागस या ह्रदयाचे..... प्रेमगीत तू गाशील का.. स्पंदनांचा ध्यास घेऊनी...... संगीत मला देशील का... सर्वाच्या चुकवून विनवण्या प्रेमाच्या.... सांग ना तू माझी होशील का... प्रश्न उत्तर पूरे कर आता... माझी प्रेम पत्रिका सोडवशील का... #निरागस निरागस हृदयाचे निरागस दृश्य तुमच्या समोर प्रस्तुत...... #collab #yqtaai #yourquoteandmine Collaborating with YourQuote Taai #yqqu
Yogeshwari Mukta
बेधुंद असा तो आणि उनाड ती अशी प्रेमाच्या प्रवाहात पाऊल ठेवले होते, गंध तो समजलाच होता माणुसकीचा बंधन ते जाती - धर्माच्या पलीकडचे होते…. ©Yogeshwari Mukta प्रेम निरागस #प्रेम #prem #निरागस #माणुसकी #जात #जातीधर्म #intercaste #interreligious #मोहब्बत #प्यार
जयश्री_RAM
एक बार ऐसा व्यक्ति, चेहरा कुछ खास नहीं कतई बेहुदा कपटी, उससे सारा गाँव परेशान था। उसकी उपस्थिति में जीना मुहाल था। नये-नये ढंग की शरारत में उसे बेहद मजा आता था। लोगों का सिर छोड़ो, उससे सारा गाँव चकराता था। लेकिन अचानक एक दिन सारा गाँव और भी डर गया। वो जान का दुश्मन व्यक्ति जाने कैसे मर गया। परन्तु शैतान इन्सान मर कर भी शैतानी कर गया। उसने अपनी अंतिम इच्छा वसीयत में छोड़ दी। पूरे गाँव में, पहले मैं पहले मैं ऐसी होड़ थी। कृपया मान्यवर मेरी एक प्रार्थना सुन लें। कोई चार तन्दुरूस्त व्यक्ति चुन लें। जो बारी-बारी मुझे शमशान तक ले जायेगें, सबसे ज्यादा जो जितना मुझे घसीटेगा। सबसे बड़ा पुण्य वही लपेटेगा। बस फिर तो लाश को कभी पैर से कभी हाथ से पकड़ कर घसीटा जाने लगा। ऐसा करके लोगों को जीवन भर का आनन्द आने लगा। इस अवसर पर पहली बार बड़े स्तर पर गाँव में चहल-पहल हुई। लेकिन बात में अजीब रहस्य था फैल गयी। सुनकर चौकी के सोते सिपाही गाडी़ में भरकर आये। किसी को दी गाली किसी पर डन्डे बरसाये। बोले-जिन्दा तो कुछ कर नहीं सके मरे को खींच रहे हो। लाश को घसीटने का पौधा सींच रहे हो। आप लोग अपनी हँसी में, लाश घसीटने की खुशी में। बिल्कुल बुद्धि से मंद हो गये। थानेदार सभी को लाया थाने और उस मरे आदमी की आदत से सभी जेल में बन्द हो गये। ®राम उनिज मौर्य® बनबसा जिला-चम्पावत. #हास्य