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SONA DEVI
White प्रतिवर्ष 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर देश डॉ. बिधानचन्द्र रॉय की जयंती और पुण्यतिथि पर उन्हें याद करता हैं। इस वर्ष 33वें राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर जानें कि कैसे संत रामपाल जी महाराज की सतभक्ति रूपी दवा जन्म-मरण के दीर्घ रोग से मुक्ति दिला सकती है। डॉक्टरों का योगदान अमूल्य है, और उनके बिना समाज की कल्पना असंभव है। आइए, इस विशेष दिन पर अपने डॉक्टरों को धन्यवाद दें। पढ़ें पूरी जानकारी: https://bit.ly/3OQwiuo ©SONA DEVI #love_shayari #लव #शायरी #कविता #viral #Love #भक्ति #वीडियो #कॉमेडी #प्यार प्रतिवर्ष 1 जुलाई को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर देश डॉ. बिधानचन्
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White {Bolo Ji Radhey Radhey} दुर्गुण - दुराचारों से ही मनुष्य चौरासी लाख योनियों एवं नरकों में जाता है, और दु:ख पाता है। अत: जन्म- मरण के चक्र से छूटने के लिये दुर्गुण- दुराचारों का त्याग करना परम् आवश्यक है। ©N S Yadav GoldMine #goodnightimages {Bolo Ji Radhey Radhey} दुर्गुण - दुराचारों से ही मनुष्य चौरासी लाख योनियों एवं नरकों में जाता है, और दु:ख पाता है। अत:
#goodnightimages {Bolo Ji Radhey Radhey} दुर्गुण - दुराचारों से ही मनुष्य चौरासी लाख योनियों एवं नरकों में जाता है, और दु:ख पाता है। अत: #मोटिवेशनल
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White {Bolo Ji Radhey Radhey} सुभ कर्म का संकल्प मात्र संस्कार भी कालान्तर में आत्मा व शरीर को जन्म - मरण के चक्कर से बचाने का कारण बना लेता है।। जय श्री राधे कृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #Free {Bolo Ji Radhey Radhey} सुभ कर्म का संकल्प मात्र संस्कार भी कालान्तर में आत्मा व शरीर को जन्म - मरण के चक्कर से बचाने का कारण बना
Death_Lover
White राम हुई सकल माया में, इस जग से प्रीत कहीं न कबीर मरे, न रहीम मरे अंत मरे है हाड़-मास का शरीर॥ ◆मेरे_राम◆ ©Death_Lover #ramnavmi #मेरे_राम #प्रेम #जगत #जीवन #मरण #यथार्थ #जागृति #माया #भौतिकवाद
Mahadev Son
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म "मन" का, मरण " तन" का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी त्याग देगा भर जायेगा "मन", इस तन से "मन" चंचल पर अज़र बस निर्भर कर्मों पर कर्म होंगें जैसे "मन" जन्म का "तन" पायेगा वैसे जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू हिसाब किताब सब यहाँ होता पैसों से वैसे मन का होता वहाँ सब कर्मों से पायेगा क्या भोगेगा क्या फिर से चंचल "मन" को भी न मालूम वर्ना छोड़ता न कभी इस "तन" को ...! ©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी त्याग देगा भर जायेग
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना तय उसका सफर यही तक का यही तेरी ही भूल थी त्याग देगा भर जायेग #Life
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आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना भी तय उसका सफर यही तक का था ये तेरी भूल थी त्याग देगा तन भर जायेगा मन, इस तन से मन चंचल पर अज़र है बस निर्भर है कर्मों पर कर्म होंगें जैसे मन जन्म भी तन का पायेगा वैसे जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू हिसाब किताब यहाँ पैसों से होता जैसे वहाँ कर्मों से गणित मन का होता पायेगा क्या भोगेगा क्या फिर से मन को भी न मालूम होता..... वर्ना छोड़ता न कभी इस तेरे तन को... ©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना भी तय उसका सफर यही तक का था ये तेरी भूल थी त्याग देगा तन भर
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ सृजन हुआ जिसका नष्ट होना भी तय उसका सफर यही तक का था ये तेरी भूल थी त्याग देगा तन भर #Life
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आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ यही जीवन चक्र सृजन हुआ जिसका नष्ट भी होना तय उसका सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी त्याग देगा, भर जायेगा, मन इस तन से मन तो अज़र है बस कर्मों पे निर्भर है कर्म अच्छे होंगें जितने तन पायेगा वैसा जैसे जेब में पैसे होते वैसे वस्त्र खरीदता तू गणित यहाँ माया का वहाँ कर्मों का हिसाब किताब जैसा वैसा तन पायेगा भोगेगा क्या फिर से मन को भी न मालूम वर्ना छोड़ता न कभी इस तन को ©Mahadev Son आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ यही जीवन चक्र सृजन हुआ जिसका नष्ट भी होना तय उसका सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी त्याग द
आत्मा थी अज़र है अमर रहेगी जन्म मन का, मरण तन का हुआ यही जीवन चक्र सृजन हुआ जिसका नष्ट भी होना तय उसका सफर यही तक ये तेरी ही भूल थी त्याग द #Bhakti
read morePФФJД ЦDΞSHI
कहाँ से आऐ थे कहाँ क़ो जाऐगे एक दिन हम भी अपने पूर्वजो की तरह मिट्टी मे मिल जाऐगे इस दुनियां से उड़नछू हो जाऐगे, कुछ नहीं बचेगा ना शरीर ना रुतबा, दौलत, सुंदरता सब यही धरे के धरे रह जाऐगे हे मानव अच्छे कर्म कर और फल पा शायद वो कर्म के फल तुझे किसी और जन्म मे काम आऐगे क्यो कि धरती पर ही सब लौटते हैं जन्म लेते हैं ये जन्मो जन्म का चक्कर चलता रहता हैं पर किसी क़ो याद नहीं रहता कुछ बिरले ही होते हैं जो पुनर्जन्म याद रख पाते हैं बाकी इस चलती फिरती दुनियां मे आते जाते हैं और जन्म लेते और मरते जाऐगे.. ©PФФJД ЦDΞSHI #skylining #जीवन #मरण #pujaudeshi Andy Mann SATYA NARAIN SWAMI @Hardik Mahajan परिंदा खामोशी और दस्तक वंदना .... Anil Ray Raj Guru s i v
#skylining #जीवन #मरण #pujaudeshi Andy Mann SATYA NARAIN SWAMI @Hardik Mahajan परिंदा खामोशी और दस्तक वंदना .... Anil Ray Raj Guru s i v #विचार
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