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Shubham Singh
मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है, पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है । मैं फिर भी तुझी को चाहूँगा🙏💕💕
MUKESH KUMAR
Dan Singh HolkaR
Saani
तुमसा हसीन होंगे जमाने में कहीं मगर। हो दिल मांगता तुझी को,तो हम क्या करें।। ©Md Shaukat Ali "Saani" तुमसा हसीन होंगे जमाने में कहीं मगर। हो दिल मांगता तुझी को,तो हम क्या करें।। (सानी) #walkingalone
Tension ko do Pension
भटकता फिर रहा था गम, लिपटकर मुझसे ये बोला, कहा जाउ,तुझी को शहर भर में जानता हुॅ। भटकता फिर रहा था गम, लिपटकर मुझसे ये बोला, कहा जाउ,तुझी को शहर भर में जानता हुॅ। #भटकता #लिपटकर #गम #शहर #जानता
Sumeet Pathak
छूटे थे हम या फ़िर... फ़िर एक हुए ..? सूनी सी रातों में चाहत के दिये क्यूँ जले ..? ( अनुशीर्षक में ) DQ : 383 कैसे बताऊँ क्या मुझको लगा है अभी यूँ , मिलके तुझी से मचलने लगा है ये दिल क्यूँ !? छूटे थे हम या फ़िर... फ़िर एक हुए ..?
Kunal Thakur
लड़ते हैं झगड़ते हैं पर दिन रात बस तुझी को याद करते हैं और तू नहीं पास तों तेरि तस्वीर को निहारते हैं दिलाएँ तुझे यकिन कैसें के तुझसे कितना प्यार करतें हैं ॥ Dil Se...........Written By Kunal.......... ©Kunal Thakur लड़ते हैं झगड़ते हैं पर दिन रात बस तुझी को याद करते हैं और तू नहीं पास तों तेरि तस्वीर को निहारते हैं दिलाएँ तुझे यकिन कैसें के तुझसे कितना
राजेश गुप्ता'बादल'
मिले जो तुमसे हम सनम हम तो खुद से मिलना भूल गये। नशा तेरी आंखों का ऐसा कि फूल भी खिलना भूल गये। कि चांद भी खुद शर्मिंदा है जब से देखा उसने तुझको, जमीं पर देख तुझी को सितारे हिलना डुलना भूल गये। मिले जो तुमसे हम सनम हम तो खुद से मिलना भूल गये। नशा तेरी आंखों का ऐसा कि फूल भी खिलना भूल गये। कि चांद भी खुद शर्मिंदा है जब से देखा
vishnu prabhakar singh
मेरी पंखुड़ियों का मेल प्रेम में चाहत का खेल आस्था रंग रूप प्यारा हाँ,ना का गुलाब तुम्हारा लगाती हूँ तुझे टीका.. उन्ग्लिया मेरी महक जाती है.. तेरी छुअन हवा सी है सोचू उससे पहले ही रमक जाती है.. तुझसे दूर रहकर भी.. पास तुझी को
myself_arun24
Miss You Quotes क्यूँ तुझी को देखना चाहती है मेरी आँखें क्यूँ ख़ामोशीयां करती बस है तेरी बातें क्यूँ इतना चाहने लगा हूँ तुझको मैं की तारे गिनते हुये कटती है मेरी रातें आपको भूल जाये वो नज़र कहाँ से लाएँ किसी और को चाह ले वो जिगर कहाँ से लाएँ नहीं रह सकते आपके बिना उफ़ भी ना निकले… वो ज़हर कहाँ से लाएँ ARadhu ©myselfarun24 क्यूँ तुझी को देखना चाहती है मेरी आँखें क्यूँ ख़ामोशीयां करती बस है तेरी बातें क्यूँ इतना चाहने लगा हूँ तुझको मैं की तारे गिनते हुये कटती है