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Anuradha T Gautam 6280
#दयावान मुझे नहीं चाहिए धन और दौलत,महल अटारी मेरे कोई काम नहीं मुझे इंसान चाहिए किसी का अहसान नहीं ईमान निभा सको पर सच्चा मेहरबान वही
read moreMiMi Flix
"मोंटू, चुटकी और हुकु की रहस्यमयी यात्रा" में तीन दोस्तों की अनोखी और रोमांचक कहानी है, जो जंगल के खतरनाक रास्तों से गुजरते हुए एक गुफा के र
read moreबेजुबान शायर shivkumar
जिवन् एक् ©बेजुबान शायर shivkumar बिल्कुल, यह #जीवन की एक #सच्चाई है । हम अक्सर किसी नए काम या एक नए #चुनौती के लिए तैयार नहीं होते, लेकिन जब हम उसे करना शुरू करते हैं,
बिल्कुल, यह जीवन की एक सच्चाई है । हम अक्सर किसी नए काम या एक नए चुनौती के लिए तैयार नहीं होते, लेकिन जब हम उसे करना शुरू करते हैं,
read moreSarfaraj idrishi
ज़िंदगी मे आपका असल मक़ाम वही है जिसका इज़हार लोग आपकी गैर मौजूदगी मे करते हैं ©Sarfaraj idrishi #Thoughts ज़िंदगी मे आपका असल मक़ाम वही है जिसका इज़हार लोग आपकी गैर मौजूदगी मे करते हैं Islam gudiya बाबा ब्राऊनबियर्ड Achman Chitranshi
Thoughts ज़िंदगी मे आपका असल मक़ाम वही है जिसका इज़हार लोग आपकी गैर मौजूदगी मे करते हैं Islam gudiya बाबा ब्राऊनबियर्ड Achman Chitranshi
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} इस दुनिया में वही सुखी व भाग्यवान हैं, जिसके पास भोजन के साथ भूख हो, बिस्तर के साथ नींद, धन के साथ धर्म व संस्कार हैं। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #life_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} इस दुनिया में वही सुखी व भाग्यवान हैं, जिसके पास भोजन के साथ भूख हो, बिस्तर के साथ नींद, धन के साथ ध
#life_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} इस दुनिया में वही सुखी व भाग्यवान हैं, जिसके पास भोजन के साथ भूख हो, बिस्तर के साथ नींद, धन के साथ ध
read moregudiya
White ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं, बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है । नवीन आंखों में जो नवीन सपने हैं वे ग़ालिब के सपने हैं । गालिब ने खोली गांठ जटिल जीवन की, बात और वह बोली नपीतुली थी, हल्के पान का नाम नहीं था। सुख की आंखों ने दुख देखा और टिटौली की, यों जी भर बहलाया। बेशक दाम नहीं था उनकी अंटी में, दुनिया से काम नहीं था लेकिन उस को सांस सांस पर तौल रहे थे । अपना कहने को क्या था, धन-धान नहीं था सत्य बोलता था जब मुंह खोल रहे थे । ग़ालिब होकर रहे जीत कर दुनिया छोड़ी कवि थे, अक्षर में अक्षर की महिमा जोड़ी। -त्रिलोचन ©gudiya #sad_shayari #Nojoto #nojotophoto #nojotoquote #nojotohindi ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं, बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है । नव
#sad_shayari nojotophoto #nojotohindi ग़ालिब गैर नहीं है ,अपनों से अपने हैं, बंगाली की बोली ही आज हमारी बोली है । नव
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
White किसी के दुखों को जो पल में हर लेता है शब्दों के मोतियों को जो सुरों में पिरोता है अनकही आंखों के सवालों को जो पढ़ लेता है असल में वहीं गुमनाम शायर होता है ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #शायरी किसी के दुखों को जो पल में हर लेता है शब्दों के मोतियों को जो सुरों में पिरोता है अनकही आंखों के सवालों को जो पढ़ लेता है असल में
शायरी किसी के दुखों को जो पल में हर लेता है शब्दों के मोतियों को जो सुरों में पिरोता है अनकही आंखों के सवालों को जो पढ़ लेता है असल में
read moreबेजुबान शायर shivkumar
"अस्तित्व" सिर्फ़ पेड़ होना ही काफ़ी नहीं घना और विशाल भी बनना पड़ता है। एक वृक्ष को सम्मान पाने के लिए.. नदी नहीं मानी जाती है । नदीजब तक प्रवाह में उफ़ान न हो और जल में शीतलता नही आती । मनुष्य का सिर्फ मनुष्य होना भी काफ़ी नहीं है । सत्कार पाने के लिए ज़रूरी है । बाहों में बल, चेहरे पर चमक उच्च कुल, श्रेष्ठ पदनही तो कम से कम पर्याप्त धन । नैसर्गिक मनुष्य द्वारा ही बनाए गए समाज में सिर्फ़ एक नैसर्गिक मनुष्य होने का कोई अस्तित्व नहीं ! ©बेजुबान शायर shivkumar " #अस्तित्व " सिर्फ़ पेड़ होना ही काफ़ी नहीं घना और विशाल भी बनना पड़ता है। एक #वृक्ष को #सम्मान पाने के लिए.. नदी नहीं मानी जाती है । न
" अस्तित्व " सिर्फ़ पेड़ होना ही काफ़ी नहीं घना और विशाल भी बनना पड़ता है। एक वृक्ष को सम्मान पाने के लिए.. नदी नहीं मानी जाती है । न
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