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Stories related to दीपावली कब है 2018

Himanshu Prajapati

#GoodMorning अपना छोटापन, कब बड़ापन बन जाता है, पता ही नहीं लगता..! #36gyan #hpstrange Aaj Ka Panchang

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White अपना छोटापन, 
कब बड़ापन बन जाता है,
पता ही नहीं लगता..!

©Himanshu Prajapati #GoodMorning अपना छोटापन, 
कब बड़ापन बन जाता है,
पता ही नहीं लगता..! 
#36gyan #hpstrange Aaj Ka Panchang

बेजुबान शायर shivkumar

तुम हो तो लगता है,
जगमग करता ये मेरा मन,
साथ में सुख दुख बांटे तुमसे,
नहीं कोई ख्वाहिश अब उस रब से
खुशियां सारी साथ मनाली,
मानो हर दिन रहती मेरी तुमसे दिवाली ।

©बेजुबान शायर shivkumar #Diwali #दिवाली #दीपावली #Nojoto

Anjali Singhal

Love "जाने कब मिलेगी उनकी यादों से रिहाई! भरकर रख दी है दिल में यादों ने तन्हाई!!" #AnjaliSinghal #Shayari nojoto

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"जाने कब मिलेगी उनकी यादों से रिहाई!
भरकर रख दी है दिल में यादों ने तन्हाई!!"

©Anjali Singhal #Love 

"जाने कब मिलेगी उनकी यादों से रिहाई!
भरकर रख दी है दिल में यादों ने तन्हाई!!"

#AnjaliSinghal 
#shayari  
#nojoto

रिपुदमन झा 'पिनाकी'

#कब

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White ज़िन्दगी  पूछती  है  ज़िन्दगी  जियोगे  कब।
स्वाद इस ज़िन्दगी की मौज का चखोगे कब।
ऊम्र अपनी बिता रहे हो फंँस के उलझन में -
आसमाँ  पर  उड़ानें सपनों की  भरोगे  कब।

आप खुद  से बताओ  यार अब  मिलोगे कब।
क़ैद कर रखा है खुद को जो तुम खुलोगे कब।
पालते हो  क्यूँ  दिल में  ग़म  उदास  रहते  हो-
रंग  जीवन में अपने खुशियों की  भरोगे  कब।

जी रहे हो घुटन में खुल के साँस लोगे कब।
दुःख के दुश्मन को हौसलों से मात दोगे कब।
कुछ  नहीं  मिलता  है औरों  के लिए जीने से-
हो चुके  सब  के  बहुत अपने बता  होगे कब।

रिपुदमन झा 'पिनाकी' 
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #कब

Himanshu Prajapati

#love_shayari तुझे चाहूं तुझे देखूं कब तक, तुझे बुलाऊं तुझे तराशूं कब तक, तु तो रहतीं हैं अब किसी और के जहां में.. तुझे अपनाऊं या भुल जाऊ कब

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White तुझे चाहूं तुझे देखूं कब तक,
तुझे बुलाऊं तुझे तराशूं कब तक,
तु तो रहतीं हैं अब किसी और के जहां में..
तुझे अपनाऊं या भुल जाऊ कब तक..!

©Himanshu Prajapati #love_shayari तुझे चाहूं तुझे देखूं कब तक,
तुझे बुलाऊं तुझे तराशूं कब तक,
तु तो रहतीं हैं अब किसी और के जहां में..
तुझे अपनाऊं या भुल जाऊ कब

Himanshu Prajapati

#CloudyNight हद्द होती है यार किसी चीज की, मैं कब तक लोगों को परेशान करता रहूंगा..! #36gyan #hpstrange

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हद्द होती है यार किसी चीज की,
मैं कब तक 
लोगों को परेशान करता रहूंगा..!

©Himanshu Prajapati #CloudyNight हद्द होती है यार किसी चीज की,
मैं कब तक 
लोगों को परेशान करता रहूंगा..!
#36gyan #hpstrange

theABHAYSINGH_BIPIN

दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे, जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे। खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा, पड़ी ज़ंजीरों से ख़

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दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे,
जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे।
खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा,
पड़ी ज़ंजीरों से ख़ुद को कब तक बाँधोगे।

वक़्त के साथ बेहिसाब ग़लतियाँ की हैं तुमने,
सलाखों के पीछे ख़ुद को कब तक छुपाओगे?
जो कभी साथ छांव सा था, वह अब छूट गया,
आख़िर खुद से ये जंग कब तक लड़ोगे।

लोग माफ़ी देते हैं एक-दूसरे को अक्सर,
आख़िर तुम खुद को कब तक सताओगे।
रिहाई जुर्म से नहीं मिलती, यह तो मालूम है,
आख़िर ग़लतियों पर कब तक पछताओगे।

प्रकृति में सूखी डालें भी बहार में पनपती हैं,
खुद को सहलाने का वक़्त कब तक टालोगे।
वक्त हर नासूर बने ज़ख्मों को भी भरता है,
आख़िर ज़ख्मों को भरने से कब तक डरोगे।

©theABHAYSINGH_BIPIN दुखों का घड़ा सिर पर रख कब तक घूमोगे,
जज़्बातों से भरा है दिल तेरा, कब बोलोगे।
खुद की बंदिशों में दम अब घुट रहा है मेरा,
पड़ी ज़ंजीरों से ख़

Yuvraj Koli

#SunSet 'ગુજરાતી શાયરી दीपावली'

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a-person-standing-on-a-beach-at-sunset दर्द जब दिल में हो तो 💔 दवा कीजिए, दिल ही जब दर्द हो तो 😔 क्या कीजिए।

©Yuvraj Koli #SunSet  'ગુજરાતી શાયરી दीपावली'

theABHAYSINGH_BIPIN

#love_shayari वक़्त के तराजू पर कब तक तौलते, बुरे वक्त की आहट को कब तक टालते। एहसासों को रखकर हाशिये पर, प्यार से यूँ ही कब तक भागते। हर

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White वक़्त के तराजू पर कब तक तौलते,
बुरे वक्त की आहट को कब तक टालते।
एहसासों को रखकर हाशिये पर,
प्यार से यूँ ही कब तक भागते।

हर दर्द के पीछे कोई बात होती है,
हर खामोशी में एक आवाज़ होती है।
पलकों के साए से कब तक छिपोगे,
दिल की पुकार से कब तक बचोगे।

प्यार बुरा है, ये बहाना कब तक,
खुद से दूरी का फसाना कब तक।
वक्त की इस रेत पर नाम लिखो,
एक बार प्यार से अपनी राह चुनो।

©theABHAYSINGH_BIPIN #love_shayari 

वक़्त के तराजू पर कब तक तौलते,
बुरे वक्त की आहट को कब तक टालते।
एहसासों को रखकर हाशिये पर,
प्यार से यूँ ही कब तक भागते।

हर

Parasram Arora

कब?

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Unsplash मेरी बिगड़ेल  चाहतो 
से मुझे राहत मिलेगी कब?

मेरे शरारती स्वार्थी तत्व 
आखिर कब समझ पायगे जीवन का यथार्थ?

मेरा मौन  चिल्लाना चाहता है युगो से 
आखिर उनकी आवाज़ मै सुन पाऊंगा कब?

©Parasram Arora कब?
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