Find the Latest Status about ढूंढता हूं from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ढूंढता हूं.
Rohan Roy
White आस्था में डूबा हुआ मन, चारों तरफ ईश्वर को ढूंढता है। लेकिन प्रेम में जगा हुआ मन, अपने भीतर ही ईश्वर को पा लेता है। इसलिए मीरा ने खुद को प्रेम में समर्पण कर, अपने भीतर ही ईश्वर को पाया। और हम आस्था में डूब कर भी, ईश्वर को समझ ना सके। ©Rohan Roy आस्था में डूबा हुआ मन, चारों तरफ ईश्वर को ढूंढता है। | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | positive
आस्था में डूबा हुआ मन, चारों तरफ ईश्वर को ढूंढता है। | #RohanRoy | #dailymotivation | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | positive
read moregaTTubaba
White हमको कहां आता हैं तुमसे बिछड़ना दूर भी तुझसे हूं पास भी तेरे हूं ©gaTTubaba #love_shayari हमको कहां आता हैं तुमसे बिछड़ना दूर भी तुझसे हूं पास भी तेरे हूं
#love_shayari हमको कहां आता हैं तुमसे बिछड़ना दूर भी तुझसे हूं पास भी तेरे हूं
read moreAshok Verma "Hamdard"
White अभी मिट्टी से जुदा हुआ नहीं हूँ, थका हूँ पर कहीं रुका नहीं हूँ। गिराया वक्त ने, संभलता गया मैं, हारा जरूर हूँ, मगर झुका नहीं हूँ। तेरी राहों का राही बनूं कैसे, मैं कारवां हूँ, मगर रास्ता नहीं हूँ। बिखरने की सज़ा वक्त ने दी है, मगर ख़ुद में मैं अब तक मिटा नहीं हूँ। पिता का अक्स हूँ, पहचान यही है, पर अब तक खुद को तराशा नहीं हूँ। मंजिल मेरी भी होगी एक दिन, सफ़र में हूँ, पर अभी ठहरा नहीं हूँ। भूखा हूँ पर गैर का लूटूं ये मुमकिन नहीं, मैं मेहनत का हूँ, सौदा सस्ता नहीं हूँ। तुम संग हूँ, पर दिल से दूर हूँ शायद, खुद का भी हूँ, तेरा भी पूरा नहीं हूँ। अशोक वर्मा "हमदर्द " ©Ashok Verma "Hamdard" मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं
मिट्टी से जुड़ा हुआ हूं मैं
read moreM.K Meet
दिल को पत्थर बनाने की कशमकश में हूं! के वह बार-बार तोड़े,और मुझे दर्द भी न हो . ©M.K Meet दर्द से राहत का उपाय ढुंढता हूं पागल हूं मैं ये क्या ढुंढता हूं 😂😂😂😂😂😂😂😂
दर्द से राहत का उपाय ढुंढता हूं पागल हूं मैं ये क्या ढुंढता हूं 😂😂😂😂😂😂😂😂
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
White बहुत लोग हैं मेरे साथ, फिर भी आज मैं तन्हा हूं, जाने क्यों खुली आसमां से ,व्यथा आज कहता हूं। हमें आदत थी हमेशा आग और बर्फ पर चलने की, आज सर्द हवाओं के सर्दी से भी जाने क्यों बचता हूं। धधकती आग तो दूर, आज आग के धुएं से भी डरता हूं।। कोई चोटिल न हो जाए मेरे खट्टे मीठे शब्दों से , आज जुबान से निकलने वाली हर शब्द से डरता हूं। कौन सक्स कब हमें कह दे गुनहगार। आज हर सक्स के नजरों से डरता हूं। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र डरता हूं
डरता हूं
read more