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somnath gawade
अधिकारी मित्रांनो, पदाबरोबर येणारा अहंकार 'कुरवाळत' बसाल तर तुमच्या नात्यांमधील ओलावा कधी 'वाळत'जाईल हे कळणार सुद्धा नाही. विशेषतः पोलीस खात्यासाठी
Sunita D Prasad
#वर्तमान के अतिरिक्त.... जीवन पर अनेक दर्शनशास्त्र तब कम पड़ जाते हैं जब अतीत के विकल्प के अभाव में वर्तमान में बढ़ती रिक्तता से स्मृतियों की आमद बढ़ जाती है। . . मोक्ष देह और आत्मा से अधिक इन्हीं स्मृतियों से छूटने का प्रयास रहा। विशेषतः जिनकी पुनरावृत्ति से पीड़ा बार-बार मँझकर उभर आती हो। . . गत गुजरकर भी कहीं नहीं जाता आगत ढाँढ़स बँधाता तो है पर इस सत्य के साथ . . कि . . 'वर्तमान के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं..!!' --सुनीता डी प्रसाद💐💐 #वर्तमान के अतिरिक्त.... जीवन पर अनेक दर्शनशास्त्र तब कम पड़ जाते हैं जब अतीत के विकल्प के अभाव में
Sujata Darekar
मी सांताक्लाॅज असते तर केली असती अशी जादू विखूरले असते दव स्नेहाचे उमटले असते गोड हसू निरागस, गोंडस बाळमुखी चैतन्याझरा वाहता असता कोमल, निर्मल, मांगल्याचा उणेपणा कधी दिसला नसता विश्वाची एक बाग फुलवून पेरले असते विविधांगी फुले जात, पात, वर्ण, प्रांत सारून झुलले असते स्वच्छंद झुले नदी, नाले, पाट, समुद्राच्या पाण्याची झुळझुळती गाणी तैसे विश्वात या बंधुत्वाची लहरली असती मंजुळ वाणी सर्वत्र रंगबिरंगी क्रांतीचे पसरले असते शीत वारे हृदय-हृदयाशी नाते जडता बहरले असते नाते न्यारे एक होता सकल जन दुःखाची मग तमाच नसती दया, क्षमा, शिल, शांतीने सुखाची तेथे नांदी असती सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों💕 नाताळ सणाच्या सर्वांना भरभरुन शुभेच्छा. आता नाताळ सणाविषयी थोड जाणुन घेऊयात. नाताळ किंवा क्रिसमस हा एक प्रमु
yogesh atmaram ambawale
मी नाताळ बाबा असतो तर, रडणाऱ्यांच्या चेहऱ्यावर कायमचे हास्य आणले असते. दुःखी आहेत जे,त्यांना कायमचे सुख वाटले असते. सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों💕 नाताळ सणाच्या सर्वांना भरभरुन शुभेच्छा. आता नाताळ सणाविषयी थोड जाणुन घेऊयात. नाताळ किंवा क्रिसमस हा एक प्रमु
yogesh atmaram ambawale
मी नाताळ बाबा असतो तर.. सर्व YQ लेखक मित्र मैत्रिणींना.. नाताळच्या दिवशी एक दिवस.. मोफत subscription दिलं असतं.. सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों💕 नाताळ सणाच्या सर्वांना भरभरुन शुभेच्छा. आता नाताळ सणाविषयी थोड जाणुन घेऊयात. नाताळ किंवा क्रिसमस हा एक प्रमु
yogesh atmaram ambawale
आली रे आली होळी आली, पेटविण्या टाकू त्यात नैराश्याची मोळी. उधळूनी रंग,लावूयात गाली, होळी रे होळी पुरणाची पोळी. पेटताच होळी देऊयात आरोळी, होळी रे होळी पुरणाची पोळी साहेबाच्या ....बंदुकीची गोळी. बदलल्या जरी कितीही ओळी, साहेबाच्या...हीच आमची कायमची बोली. (होळीच्या सर्वांना रंगमय शुभेच्छा) सुप्रभात मित्र आणि मैत्रिणीनों आज फाल्गुन पौर्णिमा आहे. या सणाची सर्वं लेखक मित्र आणि मैत्रिणींना खुप शुभेच्छा. आजचा विषय आहे होळी रे होळी..
N S Yadav GoldMine
महाभारत: स्त्री पर्व अध्याय: श्लोक 38-44 N S Yadav...... {Bolo Ji Radhey Radhey} 📗 नरेश्वर। विशाल नेत्रों वाली कुन्ती ने शोक से कातर हो रोती हुई द्रुपदकुमारी को उठाकर धीरज बंधाया और उसके साथ ही वे स्वयं भी अत्यन्त आर्त होकर शोकाकुल गान्धारी के पास गयीं। 📗 उस समय उनके पुत्र पाण्डव भी उनके पीछे-पीछे गये। वैशम्पायनजी कहते हैं- जनमेजय। गान्धारी ने बहू द्रौपदी और यशस्विनी कुन्ती से कहा- बेटी। इस प्रकार शोक से व्याकुल न होओ। 📗 देखो, मैं भी तो दु:ख में डूबी हुई हूं। मैं समझती हूं, समय के उलट-फेर से प्रेरित होकर यह सम्पूर्ण जगत् का विनाश हुआ है, जो स्वभाव से ही रोमान्चकारी है। 📗 यह काण्ड अवश्यम्भावी था, इसीलिये प्राप्त हुआ है। जब संधि कराने के विषय में श्रीकृष्ण की अनुनय-विनय सफल नहीं हुई, उस समय परम बुद्धिमान विदुर जी ने जो महत्वपूर्ण बात कही थी. 📗 उसी के अनुसार यह सब कुछ सामने आया है। जब यह विनाश किसी तरह टल नहीं सकता था, विशेषतः जब सब कुछ होकर समाप्त हो गया, तो अब तुम्हें शोक नहीं करना चाहिये। 📗 वे सभी वीर संग्राम में मारे गये हैं, अतः शोक करने के योग्य नहीं है। आज जैसी मैं हूं, वैसी ही तुम भी हो। हम दोनों को कौन धीरज बंधायेगा? मेरे ही अपराध से इस श्रेष्ठ कुल का संहार हुआ है। ©N S Yadav GoldMine #JallianwalaBagh महाभारत: स्त्री पर्व अध्याय: श्लोक 38-44 N S Yadav...... {Bolo Ji Radhey Radhey} 📗 नरेश्वर। विशाल नेत्रों वाली कुन्ती ने
N S Yadav GoldMine
आज जैसी मैं हूं वैसी ही तुम भी हो। हम दोनों को कौन धीरज बंधायेगा पढ़िए महाभारत !! 📄📄 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: स्त्री पर्व पत्र्चदश अध्याय: श्लोक 38-44 {Bolo Ji Radhey Radhey} 🎀 नरेश्वर। विशाल नेत्रों वाली कुन्ती ने शोक से कातर हो रोती हुई द्रुपदकुमारी को उठाकर धीरज बंधाया और उसके साथ ही वे स्वयं भी अत्यन्त आर्त होकर शोकाकुल गान्धारी के पास गयीं। 🎀 उस समय उनके पुत्र पाण्डव भी उनके पीछे-पीछे गये। वैशम्पायनजी कहते हैं- जनमेजय। गान्धारी ने बहू द्रौपदी और यशस्विनी कुन्ती से कहा- बेटी। इस प्रकार शोक से व्याकुल न होओ। 🎀 देखो, मैं भी तो दु:ख में डूबी हुई हूं। मैं समझती हूं, समय के उलट-फेर से प्रेरित होकर यह सम्पूर्ण जगत् का विनाश हुआ है, जो स्वभाव से ही रोमान्चकारी है। 🎀 यह काण्ड अवश्यम्भावी था, इसीलिये प्राप्त हुआ है। जब संधि कराने के विषय में श्रीकृष्ण की अनुनय-विनय सफल नहीं हुई, उस समय परम बुद्धिमान विदुर जी ने जो महत्वपूर्ण बात कही थी, 🎀 उसी के अनुसार यह सब कुछ सामने आया है। जब यह विनाश किसी तरह टल नहीं सकता था, विशेषतः जब सब कुछ होकर समाप्त हो गया, तो अब तुम्हें शोक नहीं करना चाहिये। 🎀 वे सभी वीर संग्राम में मारे गये हैं, अतः शोक करने के योग्य नहीं है। आज जैसी मैं हूं, वैसी ही तुम भी हो। हम दोनों को कौन धीरज बंधायेगा? मेरे ही अपराध से इस श्रेष्ठ कुल का संहार हुआ है । ©N S Yadav GoldMine #Parchhai आज जैसी मैं हूं वैसी ही तुम भी हो। हम दोनों को कौन धीरज बंधायेगा पढ़िए महाभारत !! 📄📄 {Bolo Ji Radhey Radhey} महाभारत: स्त्री पर्व
अशेष_शून्य
Music 🎶 is the ultimate Magic of this universe.— % & छत के कोने पर खड़ी थी अचानक पक्षियों के झुंड की चहचहाट ने ध्यान खींचा अपनी ओर; उनकी आवाज में एक सुकून का आभास हुआ ठीक वहीं भाव जो स्कूल से
Suman Rakesh Shah
मैं नही जानती कि दुआ क्या है, वफ़ा गर ये है तो बेवफ़ा क्या है जब इश्क़ तुझसे हुआ तब जाना कि ये सज़ा क्या है इश्क़ की नज़रों से देखा तो जाना है कि आखिर ख़ुदा क्या है देखती हूँ सबको रास्ता बदलते, और सोचती हूँ कि ये हवा क्या है... नमस्ते, प्रिय लेखको। देखना तक़रीर की लज़्ज़त कि जो उसने कहा मैंने ये जाना कि गोया ये भी मेरे दिल में है.. उसकी तक़रीर (भाषण) का मज़ा तो देखिए,