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Marshall Nair
Unsplash जिंदगी हर पल एक नया इम्तिहान लेती है जिंदगी हर पल एक नए मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती है जिंदगी कई बार वक्त से भी लड़ जाती है जिंदगी और मौत की लड़ाई में जिंदगी कुछ वक्त तक वक्त को भी मार दे जाती है जिंदगी एक मंच है मेरे यारों जिंदगी जाते-जाते भी मंच पर अपना किरदार निभा जाती है ©Marshall Nair #जिंदगी#
Dipanshu Kumar
Unsplash हम कोनसा अमरीत पीके आये है आज नहीं तो कल जाना है सब जीवन मे एक शाम ऐसी आयगी जीसकी सुबह कभी नहीं होगी ©Dipanshu Kumar #leafbook जिंदगी
#leafbook जिंदगी
read moreSwati
Unsplash जिंदगी खुशी और उम्मीद का एक मेला है गमो की राहो में यहां हर कोई अकेला है। ©Swati #जिंदगी
हिमांशु Kulshreshtha
White जिंदगी भी आजकल जुदा जुदा सी लगती है, साँस भी लूँ तो कमबख़्त जख़्मों को हवा लगती है !! ©हिमांशु Kulshreshtha जिंदगी...
जिंदगी...
read moreसूरज
जिंदगी में परिश्रम जितना ही संघर्षशील होगा,सफलता उतनी ही ऊंची और शानदार होगी । ©सूरज #जिंदगी
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} जिंदगी सफर है, मंजिल बिल्कुल नही, सारथी चुनिए, स्वार्थी नही। जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} जिंदगी सफर है, मंजिल बिल्कुल नही, सारथी चुनिए, स्वार्थी नही। जय श्री राधेकृष्ण जी।।
#sad_quotes {Bolo Ji Radhey Radhey} जिंदगी सफर है, मंजिल बिल्कुल नही, सारथी चुनिए, स्वार्थी नही। जय श्री राधेकृष्ण जी।।
read moreअनिल कसेर "उजाला"
White ज़िंदगी के दिन चाहे हो चार, पर करना सदा सभी से प्यार। मानव का तन मिलता नसीब से, नफ़रत को रखा तुम दरकिनार। ©अनिल कसेर "उजाला" जिंदगी
जिंदगी
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White ए जिन्दगी कुछ कदम तो और चल मुझे सुकून के चंद पलों का इंतजार है ©हिमांशु Kulshreshtha ए जिंदगी...
ए जिंदगी...
read moreRahul Varsatiy Parmar
सुबह के 5 बज चुके है तो जमाने ए बंदिश खैर एक खयाल एक गजल देखिए रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी (मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना) नही है रही अब फितरत हमारी मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से क्यों हया-ए- आबरू खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी (मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे इसे बेफिकर होकर जियो निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार ©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
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