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maddylines
दरवाजे मेरे घर के अक्सर आवाज़ लगाते हैं करीब दिल के जो सबसे ज्यादा है वही आग लगाते है इन वादियों में खो गई है रूह मेरी वो मानते नहीं है, आज भी आवाज़ लगाते हैं नादानी तो उनकी काबिल ए फक्र है मुझ ही से मेरे कत्ल की दरख्वास्त लगाते है हकीकतें बयान नही होती हमसे बस लफ़्ज़ों के पैर पकड़ केकागज़ पर बिछ जाने को कहते है
Verti....
Kuch jazbat adhure h, kuch baaten aadhoori h... Unki nazar mai hamari sakhsiya hi jhoothi h... आप कितने भी गुणवान हो । यदि भाग्यशाली नही तो कुछ भी नही। 😥😥😥 किसी की हजार अवगुण भी नजर ना आये। मेरा एक गुनाह भी ,माफी केकाबिल नही। 😥😥😥 हकीक
SaraS
Arey heere ki parak sirf joheariyo ko hi hota hai, Sabar kar tuj jaise heere ko koi na koi parkehga, Tujhe apnayega, tujhe samjhega, Tujhe chahega tujh se pyaar karega.... आप कितने भी गुणवान हो । यदि भाग्यशाली नही तो कुछ भी नही। 😥😥😥 किसी की हजार अवगुण भी नजर ना आये। मेरा एक गुनाह भी ,माफी केकाबिल नही। 😥😥😥 हकीक
Sangeeta Patidar
कृपया अनुशीर्षक में पढ़ें 👇 उपवन में भी एक हास है, फूलों के मुख मुख पर छाया। मानोगे उनके गोरे मुख पर, किसी ने प्रातः रंग लगाया। बोल रहा है, कहीं पपीहा, खोज रहा है निज
Insprational Qoute
एक बेरोजगार युवा का दर्द ****************************** आज के युवाओं के हाल से आपको रूबरू कराये, मात्र बेरोजगारी लगी हाथ आत्मा उनकी कुलबुलाये, प्रचण्ड प्रतियोगी परीक्षाओं में कर जीवन न्यौछावर, कारण सियासत की लचर व्यवस्था यहाँ चरमराये, करोड़ों संख्या में रोज परीक्षा के रजिस्ट्रेशन होते हैं, मामूली250से500 फी भर सरकार के हिस्से जाते हैं, भूल सारी दुनिया वो युवा फिर तैयारी में जुट जाते हैं, न रिजल्ट,न नौकरी,हताश युवा दूसरा फॉर्म भरते हैं, बस यही दुःख व्यथा गाथा वो किसी से नही कह पाते है, हताश हो उम्र गवां वो युवा बस बेरोजगार ही रह जाते है, दोष किसी और का होता पर वो ख़ुद को ही दोषी ठहराते है, वक़्त बीत जाता है फिर वो भविष्य को ले चिंतित हो जाते है, कुछ न मिला निखालस ज्ञान के खाली हाथ घर लौट आते है। पूरी व्यथा कैप्शन में पढ़ियेगा🙏👇👇👇 आज के युवाओं के हाल से आपको रूबरू कराये, बेरोजगारी लगी हाथ आत्मा उनकी कुलबुलाये, प्रचण्ड प्रतियोगी परीक्षाओं में कर जीवन न्यौछावर, कारण सिय
Anil Siwach
Anil Siwach