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BG BHAIYAJI

#love_shayari शायरी लवमाना कि हमे जिन्दगी का तजुर्बा थोड़ा कच्चा है पर खुदा की कसम यह मुहब्बत आपसे सच्चा है !!

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White माना कि हमे जिन्दगी का तजुर्बा थोड़ा कच्चा है पर खुदा की कसम यह मुहब्बत आपसे सच्चा है !!

©BG BHAIYAJI #love_shayari  शायरी लवमाना कि हमे जिन्दगी का तजुर्बा थोड़ा कच्चा है पर खुदा की कसम यह मुहब्बत आपसे सच्चा है !!

neelu

#Thinking एक ग्लास लस्सी...... लोग दूध जैसे होते हैं.. फिर गर्म होते हैं.... फिर कुछ मलाई की तरह ऊपर आ जाते हैं कुछ ऐसे ही पिए जाते हैं कु

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White एक ग्लास लस्सी......

लोग दूध जैसे होते हैं..
फिर गर्म होते हैं....
फिर कुछ मलाई की तरह ऊपर आ जाते हैं
कुछ ऐसे ही पिए जाते हैं
 कुछ के दही जमा दिए जाते हैं
 और कुछ पनीर बन जाते हैं
दही की लस्सी बनाकर पिए  जाते हैं
पनीर के टिक्के भी पाए जाते हैं
मलाई  के  घी बनाए जाते हैं 
और ईश्वर के सामने दिए जलाए जाते हैं
एक ग्लास लस्सी......
की कहानी गर्मी में ही समझ .....

©neelu #Thinking एक ग्लास लस्सी......

लोग दूध जैसे होते हैं..
फिर गर्म होते हैं....
फिर कुछ मलाई की तरह ऊपर आ जाते हैं
कुछ ऐसे ही पिए जाते हैं
 कु

Sarfaraj idrishi

#Sad_Statusवक़ील नहीं है कोई हक़ में मेरे.. और हूँ कच्चा बहोत मैं,वकालत में गवाह भी मेरे सारे खरीद लिए उसने अब गवाही मेरी

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White वक़ील नहीं है कोई हक़ में मेरे..
        और हूँ कच्चा बहोत मैं,वकालत में 
गवाह भी मेरे सारे खरीद लिए उसने 
        अब गवाही मेरी मोहब्बत की देगा कौन अदालत में

©Sarfaraj idrishi #Sad_Statusवक़ील नहीं है कोई हक़ में मेरे..
        और हूँ कच्चा बहोत मैं,वकालत में 

गवाह भी मेरे सारे खरीद लिए उसने 
        अब गवाही मेरी

theABHAYSINGH_BIPIN

#sad_qoute टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान, जहां रहता था कभी सच्चा इंसान। मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर, कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान। रीति वो

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White टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान,
जहां रहता था कभी सच्चा इंसान।
मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर,
कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान।

रीति वो पुरानी कितनी प्यारी थी,
जहां हफ्तों रुकता था हर मेहमान।
भाईचारे की भावना एक हस्ती थी,
अब भाई को नहीं मिलता सम्मान।

अब किराए का शहर छोड़कर,
उसी गांव में फिर से बस रहा इंसान।
खो दिया है सबका अपमान कर,
अब गैरों में ढूंढता है सम्मान।

ये कैसा दौर चला है कलयुग का,
देखकर भी कुछ न सीखता है इंसान।
मुकर जाता है एक मदद के नाम से,
अभय से ना रखता है जान-पहचान।

©theABHAYSINGH_BIPIN #sad_qoute 
टूटी खिड़कियाँ, वो कच्चा मकान,
जहां रहता था कभी सच्चा इंसान।
मॉडर्न के बेहकावे में हम आकर,
कैसे शरीफ दिखाता झूठा इंसान।

रीति वो
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