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Stories related to टापरा घर किसका है

Nurul Shabd

#तेरी #हंसी की गूंज से घर की रौनक बढ़ जाती है Shayari

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M.K Meet

#घर

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मिटा सको तो मिटा दो मेरी हस्ती
निकाल फेंको मुझे अपने घर से बाहर
मगर कैसे जी सकोगे अपने दिल के बिना 
 यार उसी घर में तो ,मै अपना घर बनाया हूं!!!


















.

©M.K Meet #घर

Nurul Shabd

#तू #घर #की #लाज है  Shayari

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dr.rohit sarswati

#घर लौट चलूँ

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White         ( घर लौट चलूँ  )
मन करता है
छोड़ शहर की
चका चौंद को
घर अपने में
लौट चलूँ  !
मन करता है
तोड़ नौकरी की जंजीरें
इस शहर को तनहा छोड़ चलूँ ।
छोड़ चलूँ इस चँचल मन को
इस शहर की भीड़ में रोता बिल्कता !
पीछे मुड़के ना देखूँ  में
चला जाउँ बस आगे बढ़ता ।
झुटी दिखावटी इस दुनिया से
अब में नाता तोड़ चलूँ !
घर अपने मे लौट चलूँ
घर अपने में लौट चलूँ ।

©dr.rohit sarswati #घर लौट चलूँ

Tara Chandra

#Home #घर

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मात्र ईंट पत्थर आदि पदार्थ 
ही घर की बुनियाद नहीं होते, 
...
...
माता–पिता, दादा–दादी आदि के 
अनगिनत सपने, 
मेहनत तथा प्यार 
भी बुनियाद का हिस्सा होते हैं।।

©Tara Chandra #Home
#घर

DRxHitesh sagar

अगर मां सबकी बहुत अच्छी होती है तो वो अपने बेटे का घर क्यों तुड़वा देती है। #sagarquotes

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Parasram Arora

घर परिवार

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White पहले  थोड़ी कमाई से भी वृहद परिवार 
का भरन्न पोषणआराम हो जाता था 

लेकिन आज लूट खसोट वाली कमाई करने के बावजूद घर परिवार  मुश्किल से चल पाता है

©Parasram Arora घर परिवार

m kalvadiya

#घर कि‌लक्ष्मी

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White कड़वा हे मगर सच है 
कूछ ओरते जिन्हे बहू घर कि लक्ष्मी कहा जाता हे उनकी हालत काम वाली बाई से ग ई गुजरी होती है कम से कम काम वाली बाई को उसकी सेलरी तो मिलती है ओर तो ओर तिज त्योहारो पर पर खूशी से भेंट भी मिलती है लेकिन घर की लक्ष्मी घर के झाडू से भी नकारा समझी जाती हे कम से कम उसकी भी ईज्जत होती है

©m kalvadiya #घर कि‌लक्ष्मी

katha Darshan

किसका परिचय - Katha Darshan

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Shiv Narayan Saxena

#good_night घर-घर में होने लगे.....

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White घर - घर  में  होने  लगे,  नारी  का  सम्मान।
जग अपना लगने लगे, सभी सुखों की खान।।

नवरातों  के  बाद  जो,  मान  करै ना  कोय।
अपने हाथ विनाश को, निकट बुलावै  सोय।।

'शौक' शौक में देखिये, सुमिरन ना छुट जाय।
हरि साथै जो खेलिये, जन्म-मरण छुट जाय।।

कण-कण उनका वास है,  सब  सांसों  में  वोहि।
छण-छण उनका नाम ले, मनगति थिर तब होहि।।

घर - घर  में  होने  लगे , जगराते  हरि  बोल।
हृदपट  भी  खुलनें  लगें , जै मां  जै मां बोल।।

©Shiv Narayan Saxena #good_night घर-घर में होने लगे.....
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