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Radhe Chandan jha
ये आदत भी बला है। तुम थे शब्द के धनि तेरे शब्दों का सिकुड़ना ये भी एक बला है।। ©Radhe Chandan jha #बला #शब्द #आदत
Sangeeta Patidar
आदत मत बनाना मुझे तुम अपनी, जाने कब बदल जाये, लगने मत देना ख़ुद को ये लत भी जाने कब संभल जाये। दिल के दरवाज़े पर देंगी दस्तकें भी मेरी यादें कभी-कभी, तन्हा न छोड़ना दिल को, फँसकर जाने कब फ़िसल जाये। न उलझना,न उलझाना, हक़, हिस्से, ज़रूरी के हिसाब में, करना न मुसाफ़िर से इश्क़ भी, ये जाने कब निकल जाये। बड़ा ही मासूम दिल है तुम्हारा, यूँ ही आ जाता है बातों में, है मोम सा, दूर रखना मेरे साये से, जाने कब पिघल जाये। है नहीं कोई अपना, जिसपे हक़ से किया जाये इख़्तियार, करो हिफ़ाज़त,तुम्हारे लिये ये 'धुन' जाने कब मचल जाये। Rest Zone आज का शब्द - 'आदत' #rzmph #rzmph19 #restzone #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #poetry #आदत
Sneh Prem Chand
काश कोई योग गुरु ऐसा भी होता जो हमें ऐसा अनुलोम विलोम करना सिखा देता, जिसमें अंदर सांस लेते हुए संग प्रेम,सौहार्द,अपनत्व और स्नेह ले जाएं, और बाहर सांस छोड़ते हुए अपने भीतर के ईर्ष्या,द्वेष, अहंकार,क्रोध,लोभ,काम सब छोड़ देवें।। दिल की कलम से ©Sneh Prem Chand अनुलोम विलोम #Hope
Sohendra Chauhan
तुझे लगता है मुझे प्यार हो गया..मगर तु तो मेरे आदत का शिकार हो गया.. मेरी आदत हि है प्यार करने कि.. आदत का शिकार...
Sangeeta Patidar
बाँधने के लिए मज़बूत से रिश्ते, डोर ऐतबार की चाहिए, ग़लतफ़हमी की आँधी से टूटे न, दीवार प्यार की चाहिए। ख़ुद का जवाब बनाने से बेहतर है कि बात मन की जान लें, ख़ामोशी से घबराए न दिल, तो समझ विचार की चाहिए। मुँह बनाकर दिल दुखाने से अच्छा कुछ बातें कर ली जाएँ, बीच की खाई हो न गहरी, यादें भी दोस्त-दार की चाहिए। ज़िन्दगी में बहुत कुछ अधूरा, छोड़ना नहीं ख़्वाब देखना, आँखें पतझड़ सी हो न वीरान, हसरतें बहार की चाहिए। चाहत में ग़म छुपाकर, मुस्कुराने की आदत ख़ूब है 'धुन', ख़ामोश सीलन से घुटे न दम, ख़ुशबू इक़रार की चाहिए। Rest Zone आज का शब्द- 'आदत' #rzmph #rzmph159 #आदत #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi #life Best YQ Hindi Quotes
Devil
मेरी एक बहुत बुरी आदत है, मैं बहुत जल्दी लोगो से दिल से जुड़ जाता हूँ,उनको और उनकी बातों को अपना मान लेने की भूल कर बैठता हूँ । मुझसे मेरे अपने मेरे रिश्तेदार या ज्यादातर लोग प्यार से बात करते नहीं है ,जिंदा भी हूँ या नही उन्हें फ़र्क़ ही नही पड़ता , तो प्यार से जो दो लफ्ज़ बोल देता है ,बस उसी गैर में अपने अजीज को बुनने लगता हूँ, जिसने प्यार परोस दिया मैं बस उसी का हो जाता हूँ। हर बार ये सोचता हूँ कि ये रिश्ता सबसे अलग है ,ये मुझे समझेगा, मेरी भावनाओं की कदर करेगा , इसके साथ मेरा रिश्ता लम्बा और अच्छा चलेगा, मुझे भरोसा भी आ जाता है उनकी हर एक बात पर । अब ये तो पता नही होता यार ये रिश्ता भी कुटिल मुस्कान छिपाएं अल्फ़ाज़ों की मीठी छुरी से मेरा और मेरे भरोसे का कत्ल करेगा । एक मतलब का समन्दर निकलेगा। सब अपनी मंजिल को ढूढ़ते हुए ही आये है मेरे पास कोई अपनी मंजिल मुझे बनाकर ठहरा ही नही है । मेरी ही गलतीं है ,मैं ही शायद ज्यादा उम्मीद रख लेता हूँ । प्यार, प्रेम, इश्क़ ,अपनापन तो है ही नही अब । बातें तो बड़ी बड़ी करते है बस साथ नही देता कोई भी यहाँ । मैं न भी जुड़ना चाहूँ किसी से मगर उनकी बातें उनकी आदतें मुझे जोड़ ही देती है उस से । क्या करूँ अपनी इस आदत का जो बाद में मुझे ही अकेला छोड़ देती है । 🙏🖤🖤🙏 ©PrabhatArya क्या करूँ इस आदत का 🖤