Find the Latest Status about अवतार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अवतार.
N S Yadav GoldMine
White कंस ने क्यों मारा था देवकी के 6 पुत्रों को जानिए श्रीकृष्ण के स्वरूप को !! 🌿🌿भगवान कृष्ण:- {Bolo Ji Radhey Radhey} 🌿 भगवान विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण थे, जिन्हें द्वापर युग में नटखट कान्हा, माखनचोर और महाभारत में अर्जुन के सारथी के तौर पर जाना जाता है। श्री कृष्ण भगवान विष्णु के अवतारों में सबसे प्रसिद्ध और शायद सबसे अधिक लिखे गए हैं। उनकी कहानियां जादुई, प्रेरक और मानवीय हैं। भगवान कृष्ण का जन्म हिंदू ग्रंथों में वर्णित चार चक्रीय युगों में से द्वापर युग के दौरान हुआ था। ज्योतिषीय गणना के आधार पर, कृष्ण के जन्म की तारीख 18 जुलाई 3228 ईसा पूर्व है और कृष्ण की मृत्यु की तारीख, जब भगवान कृष्ण वैकुंठ में अपने अनन्त निवास पर लौट आए, 18 फरवरी 3102 ईसा पूर्व है। वर्तमान युग जिसे कलियुग के नाम से जाना जाता है, भगवान कृष्ण की मृत्यु के बाद शुरू हुआ। भगवान कृष्ण का जन्म कथा:-🌿 भगवान कृष्ण मथुरा शहर में राजकुमारी देवकी और उनके पति वासुदेव से पैदा हुए आठवें पुत्र थे। हालाँकि कृष्ण का पालन पोषण यशोदा और नंद बाबा ने मिलकर गोकुल में किया था। हिंदू कैलेंडर में अनुसार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष के दौरान अष्टमी तिथि को मध्यरात्रि के दौरान भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। सभी हिंदू इस दिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। 🌿 आपको जानकर हैरानी होगी कि श्रीकृष्ण से पहले देवकी के 7 पुत्र थे। सातवें पुत्र बलराम थे और 6 पुत्रों को कंस ने मार डाला था। लेकिन एक संक्षिप्त पुनर्मिलन के लिए श्रीकृष्ण ने अपने 6 भाईयों को जीवत किया था। जिनके नाम इस प्रकार है: स्मारा, उदित्था, परिशवंगा, पतंगा, क्षुद्रब्रितानंद गृहिणी। कंस ने क्यों मारा था देवकी के 6 पुत्रों को? 🌿 श्रीकृष्ण के मामा कंस पूर्व जन्म में कालनेमी थे। कालनेमी को भगवान विष्णु ने मारा था। देवकी के छह पुत्र पूर्व जन्म में कालनेमी के ही पुत्र थे और उन्हें हिरण्यकश्यप ने शाप दिया था कि वे उनके पिता द्वारा ही मारे जाएंगे। इसलिए कंस ने अपने अगले जन्म में देवकी के 6 पुत्रों को अपने ही हाथों से मार डाला था। कालनेमी के छह पुत्रों को हम्सा, सुविक्रम, कृत, दमाना, रिपुमर्दन और क्रोधनाथ के नामों से जाना जाता था। श्रीकृष्ण का स्वरूप:-🌿 अपने नाम के अनुसार कृष्ण का अर्थ था आकर्षक। वह अपनी सुंदरता से किसी को भी मंत्रमुग्ध कर देते थे, इसलिए गोपियां उनकी दीवानी हुआ करती थी। यद्यपि अपने किताबों और तस्वीरों में श्रीकृष्ण के रंग को नीला देखा है। हालांकि उनका रंग सांवला था लेकिन उनकी चुंबकीय आभा के कारण उन्हें नीले रंग से चित्रित किया गया है। श्रीकृष्ण की बांसुरी हमें अपने अंदर के अहंकार, लालच और लोभ को खत्म करने का संदेश देती है। वहीं वैजयंती माला जीत का प्रतीक है और हर परिस्थिति में सकारात्मक रहने का संदेश देती है। मोरपंख हमें प्रकृति के समक्ष सम्मान प्रकट करने की सीख देता है। श्रीकृ्ष्ण का पांचजन्य शंख हमेशा लोगों की मदद करने की ओर इशारा करता है। अंत में श्रीकृष्ण का सुदर्शन चक्र बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता है। भगवान श्रीकृष्ण की परिवार:- 🌿 श्री कृष्ण की कुल 16,108 पत्नियां थीं, जिनमें से केवल आठ उनकी राजसी पत्नियां थीं, जिन्हें अष्टभरी या पटरानी के नाम से भी जाना जाता है। इसमें रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवती, नागनजिती, कालिंदी, मित्रविंदा, भद्रा, लक्ष्मण के नाम हैं। भगवान श्रीकृष्ण की उनकी आठ रानियों (अष्टप्रतिनि) से अस्सी पुत्र थे। उनकी प्रत्येक रानी से उनके दस पुत्र हुए। प्रद्युम्न रुक्मिणी का पुत्र था। सांब, जांबवती का पुत्र था, जो ऋषियों द्वारा शापित था जो बाद में यदु वंश के विनाश का कारण बना। श्री कृष्ण ने स्वयं भी उनके जैसा पुत्र प्राप्त करने के लिए भगवान शिव की तपस्या की। पौराणिक कथानुसार श्रीकृष्ण ने सांब को कुष्ठ रोग का शाप दिया था लेकिन इस श्राप से मुक्ति पाने के लिए उन्होंने भगवान सूर्य की पूजा की थी और शाप से मुक्ति पा ली थी। गीता का सार:- 🌿 भगवान श्रीकृष्ण ने भगवद्गीता का सार केवल अर्जुन को ही नहीं सुनाया था बल्कि बल्कि हनुमान और संजय ने भी सुना था। कुरुक्षेत्र के युद्ध में हनुमान अर्जुन के रथ के ऊपर बैठे थे, और धृतराष्ट्र को युद्ध की घटनाओं को बताने के लिए दिव्य दृष्टि के साथ वेद व्यास द्वारा संजय को आशीर्वाद दिया गया था। दुर्वासा ने कृष्ण को श्राप दिया:-🌿 पौराणिक मान्यता के अनुसार, ऋषि दुर्वासा ने अपना शाप से भगवान कृष्ण को भी नहीं छोड़ा था। एक बार दुर्वासा द्वारिका आए थे उनका श्रीकृष्ण और रुक्मणी ने खूब आदर-सत्कार किया। इसके बाद उन्होंने रुक्मणी से खीर बनवाई और उसे झूठा कर दिया। इसके बाद झूठी खीर को कन्हैया के पूरे शरीर में लेपने को कहा। रुक्मणी ने पूरे शरीर पर खीर को लगा दिया लेकिन पैर पर खीर नहीं लगाई। यह देखकर ऋषि क्रोधित हो गए उन्होने कहा कि कृष्ण का पूरा शरीर व्रज बन जाएगा लेकिन उनके पैर अभेद्य और अखंड नहीं रहेंगे। यही कारण है कि श्रीकृष्ण की मृत्यु एक शिकारी के बाण से हुई थी क्योंकि उसने कृष्ण के पैर को हिरण समझ लिया था। ©N S Yadav GoldMine #rajdhani_night कंस ने क्यों मारा था देवकी के 6 पुत्रों को जानिए श्रीकृष्ण के स्वरूप को !! 🌿🌿भगवान कृष्ण:- {Bolo Ji Radhey Radhey} 🌿 भगवान व
#rajdhani_night कंस ने क्यों मारा था देवकी के 6 पुत्रों को जानिए श्रीकृष्ण के स्वरूप को !! 🌿🌿भगवान कृष्ण:- {Bolo Ji Radhey Radhey} 🌿 भगवान व #मोटिवेशनल
read moreEunoia1176
महादेव के 19 अवतार.....All the Avtaars of Mahadev ✨🔱 Jay shambhu 🙏😊🔱✨❤️ subscribe for more videos https://youtube.com/@eunoia1176?si=sKu5-uK
read moreSrinivas
White सेवा की राह में ना जाति की दीवार है, जो दिल से करे काम, वही सच्चा अवतार है। ©Srinivas #Dosti #One सेवा की राह में ना जाति की दीवार है, जो दिल से करे काम, वही सच्चा अवतार है।
बेजुबान शायर shivkumar
देवी सिद्धिदात्री सिद्धिदात्री हैं नवम, माँ दुर्गा अवतार I अभिलाषा पूरी करें, देवी बारम्बार II . कल्याण हेतु ही रखा, सिद्धिदात्री नाम I विधि विधान से सब करें, पूजन के हर काम II . शिव के आशीर्वाद से, अष्ट-सिद्धि कीं प्राप्त I धन-बल-यश से युक्त माँ, चहुँदिश में हैं व्याप्त II . माँ का आसन है कमल, रहती सिंह सवार I चक्र, गदा कर दाहिने, करे दुष्ट संहार II . शंख, कमल धारण किए, अपने बाएँ हाथ I शांति, धर्म, सत्कर्म का, देवी देती साथ II . दान नारियल का करें, काला चना प्रसाद I देवी को प्रिय बैंगनी, इसमें नहीं विवाद II . सिद्धिदात्री साधना, जो भी करता संत I कुछ रहता अगम्य नहीं, करे अवरोध अंत II . शिव के अर्द्ध शरीर में, शामिल देवी मान I जागृत बोध असारता, जो भी करता ध्यान II . देवी मंगल दायिनी, शिव का यह वरदान I सभी कार्य में सफलता, भक्तों करे प्रदान II . पूजन में अर्पित करें, मधु, फल-पुष्प सुगन्ध I देवी भक्तो प्रति रखे, प्रेमपूर्ण सम्बन्ध II ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #नवरात्रि #Nojoto देवी सिद्धिदात्री सिद्धिदात्री हैं नवम, #माँ दुर्गा अवतार I अभिलाषा पूरी करे
#navratri #navaratri2024 #navratri2025 #नवरात्रि देवी सिद्धिदात्री सिद्धिदात्री हैं नवम, #माँ दुर्गा अवतार I अभिलाषा पूरी करे #धर्म #भक्ति #कमल
read moreबेजुबान शायर shivkumar
महागौरी उपासना, अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्य में, सफ़ेद रंग प्रधान II . श्वेत-कुंद के फूल-सा, माँ गौरी का रंग I श्वेत शंख व चन्द्र सजे, आभूषण बन अंग II . दाएं नीचे हाथ में धारण करे त्रिशूल I डमरू बाएँ हाथ में, वस्त्र शान्ति अनुकूल II . माँ की मुद्रा शांत है, और चार हैं हाथ I बैल, सिंह वाहन बने, रहते उनके साथ II . आठ वर्ष की आयु में, देवी का अवतार I जो इनका पूजन करे, उसका बेडा पार II . शुम्भ-निशुम्भ प्रकोप से, साधु संत थे त्रस्त I माँ गौरी आशीष-पा, दिखे सभी आश्वस्त II . शक्ति स्वरूपा कौशिकी, माँ गौरी का अंश I दैत्यों शुम्भ-निशुम्भ का, अंत किया था वंश II . दान नारियल का करें, काला चना प्रसाद I माँ है मंगल दायिनी, दूर करे अवसाद II . माँ गौरी की हो कृपा, मिटते सारे कष्ट I कल्मुष धुल जाते सभी, होते पाप विनष्ट II . गौरी के आशीष से, पिण्ड छुडाते पाप I जब श्रद्धा से पूजते, मिटते तब संताप II . हमेशा साधु-संत का, यह अटूट विश्वास I माँ में अमोघ शक्ति तो, दुःख न भटके पास II . महिला चुनरी भेंट कर, प्राप्त करें आशीष I गौरी के दिन अष्टमी, सभी नवाएँ शीश II ©Shivkumar #navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #नवरात्रि // देवी महागौरी // #महागौरी #उपासना , अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार्
#navratri #navaratri2024 #navratri2025 #navratri2026 #नवरात्रि // देवी महागौरी // #महागौरी #उपासना , अष्टम दिवस विधान I सारे पूजन कार् #माँ #शक्ति #भक्ति #शांत
read moreबेजुबान शायर shivkumar
जिसकी पूजा नवरात्रि के ,पांचवें दिन होती है । जिसके समान ,सर्वशक्तिमान कोई दूज नहीं है ।। कमल आसन पर विराजती, सिंह जिनकी सवारी है। होंठों पर मृदुल मुस्कान , अदम्य साहसी नारी है ।। माता पार्वती ने धारण , वो पांचवां रुप मां का किया । पुत्र स्कंद को शिक्षित करने हेतु , स्कंदमाता बनी ।। तारकासुर के अत्याचारों से , जब जग त्रस्त हुआ । इंद्रादिक देवगण स्वर्ग छोड़े , उससे परास्त हुए ।। उसे शिवपुत्र के हाथों वध का , उनको वरदान मिला था । तब शिवपुत्र के रूप में , अवतार स्कंद का हुआ ।। उसी स्कंद को शिक्षित करने हेतु आई स्कंदमाता । अति सौम्य,अति शक्तिशाली , अति दयालु माता है ।। श्वेत वस्त्र, श्वेत भोग , स्कंदमाता को अति प्रिय है । स्कंदमाता की नवरात्रि के पांचवें दिन पूजा करें ।। हर विपदा दूर होगी , हर मुश्किलें परास्त होगी । मां अपने भक्तों को सदा , आश्वस्त करती है ।। ©Shivkumar #navratri #navratri2024 #नवरात्रि #नवरात्रि2024 जिसकी पूजा नवरात्रि के पांचवें दिन होती है । जिसके समान , #सर्वशक्तिमान कोई दूज नहीं
#navratri #navratri2024 #नवरात्रि #नवरात्रि2024 जिसकी पूजा नवरात्रि के पांचवें दिन होती है । जिसके समान , #सर्वशक्तिमान कोई दूज नहीं #सिंह #भक्ति #कमल #शक्तिशाली #दयालु #स्कंदमाता
read more