Find the Latest Status about कुहू कुहू कोकिला वनी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कुहू कुहू कोकिला वनी.
Poonam Suyal
उड़ती हुई तितलियों की झलक, मधुमास की रागिनी सहलाती प्यार से भरी हर एक पलक, प्रकृति को नई दास्तान सुनाती। फूलों की खुशबू संग रंगीन, फिरती है वे दिल की धड़कनों में आसमान की उचाईयों से सहमी, पतंगों की तरह ख्वाबों में। (अनुशीर्षक में पढ़ें) ©Poonam Suyal उड़ती हुई तितलियों की झलक, मधुमास की रागिनी सहलाती प्यार से भरी हर एक पलक, प्रकृति को नई दास्तान सुनाती। फूलों की खुशबू संग रंगीन, फिरती है
Sarita Prashant Gokhale
येता पहिला पाऊस देतो मनाला गारवा, सृष्टी सजताना सारी शालू नेसते हिरवा.! येता पहिला पाऊस नाचे मोर रानामध्ये, पिसे गळताना दाटे रडू सारे मनामध्ये.! येता पहिला पाऊस होतो शेतकरी बाप, देतो जगाला आधार दिसे घामाचा प्रताप.! येता पहिला पाऊस वारा भरे दान असं रानी वनी हिरवळ तेव्हा ओठी भरे हसं.! ©Sarita Prashant Gokhale शीर्षक:- पहिला पाऊस येता पहिला पाऊस देतो मनाला गारवा, सृष्टी सजताना सारी शालू नेसते हिरवा.! येता पहिला पाऊस
Nisheeth pandey
संगीत -------------- जीवन एक संगीत है, जो चलता है- स्वरचित लय- ताल में, इसके स्वर होंगे , ये निर्भर होंगें, कर्म पर परिश्रम पर, सच्चाई के पगठण्डी पर, चलने वाले सोते अक्सर सकून की नींद, क्योंकि उनके जीवन से निकलने वाली मधुर लहरियाँ, देती हैं उन्हें सुकून, सुनिए महसूस कीजिए, परमात्मा के दिव्य संगीत को, अपनी हृदय में साँसों में, जिसके थमते ही, जीवन है अस्तित्वहीन, वो धड़कन संगीत नहीं तो और क्या है, कभी सुनने की कोशिश की है प्रकृति के संगीत, टप- टप करती बूँदों का, कल- कल करती नदियों का, झर- झर झरते झरने का, कुहू- कुहू करती कोयल का, गरजते बादलों का, रम्भाती गायों का, अदृष्य हवाओं का , वृक्ष के पत्तों का , चरमराती सूखे पत्तों का , फड़फड़ाहट पन्नों का , पटड़ी पे दौड़ती रेलगाड़ी के संगीत को क्या महसूस किया है, प्रन्नता ने ही नहीं , विरह में भी निकलता है संगीत, तभी तो मनभावन गीत सब भरे हैं दर्द से, जो सीधे हृदय में उतरते , प्रकृति की रोम रोम में, लय है, ताल है, संगीत है, बस अभेद सम्बंध बनाना होगा, प्रकृति के साथ, संगीत मानव ही नहीं ईश्वर तक प्रिय, तभी तो, भक्तों ने प्रार्थना की, संगीत के रस में घोल कर गुणगान, संगीत का प्रेम, जो समाई के प्रकृति के कण- कण में, जीवन के हर पहलू में, जीवन कुछ और नहीं, संगीत ही तो है, कभी सुन कर देखिए । संगीत में रम कर देखिये । #निशीथ ©Nisheeth pandey #worldmusicday जीवन एक संगीत है, जो चलता है- स्वरचित लय- ताल में, इसके स्वर होंगे , ये निर्भर होंगें, कर्म पर परिश्रम पर, सच्चाई के पगठण्डी
Vedantika
स्वर कोकिला देह त्याग नभ की ओर चल पड़ी। ईश्वर के बोल सी मीठी हैं ध्वनि उसके कंठ की। ‘वन्देमातरम’ को जन-जन की आवाज़ बना दिया, जगह नहीं भर सकता कोई उस दिव्यात्मा की।— % & 👉🏻 प्रतियोगिता- 488 विषय 👉🏻 🌹"स्वर कोकिला"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य है I 🌟कृपया font size छोटा रखें जिससे wallpaper ख़राब नही
Nisheeth pandey
तुम्हारी आवाज गूँजता कानों में है, तुम्हारी कुहू कुहू का शोर सुनने को दिल बेचैन है... तुम्हारी आवाज के बगैर, लगता है यूँ जैसे हुआ नहीं भोर मेरे दिन का ..… जैसे हुआ नहीं भोर मेरे दिन का , खिड़कियों के खुलते ही आती नहीं अब सिंदूरी धूप, चाय की ख़ुशबू अब जगाती नहीं, दिल के मंजर अब खिलते नहीं कैसे कहे निशीथ ,रस भरा है आखों में नशा सा छा जाता था, तुम्हारी कूक सुनके कानों में...... #निशीथ ©Nisheeth pandey तुम्हारी आवाज गूँजता कानों में है, तुम्हारी कुहू कुहू का शोर सुनने को दिल बेचैन है... तुम्हारी आवाज के बगैर, लगता है यूँ जैसे हुआ न
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
कह दो अब विज्ञान से , ले ले आज विकास । हमको फिर दे दे वही , सुंदर वन की घास ।। वन की सुंदर घास ही , रही प्रकृति उपहार । मानव की औषधि वनी , जीव जन्तु आहार । मानव का यह स्वार्थ ही , पशु पर करे प्रहार । अन्न समेटे वह सदा , व्यर्थ भूस भंडार ।। जीव जन्तु को मार कर , खाता क्यों इंसान । बना रहा अपने लिए , महल और शमशान ।। कभी प्रकृति के भी नियम , आँख खोल कर देख । जिसकी होती वृद्धि है , मिटती उसकी रेख ।। व्यर्थ बहाते धन सभी , करे न सद उपयोग । घटती जाती आयु यह , कहते कर लो योग ।। १६/०३/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कह दो अब विज्ञान से , ले ले आज विकास । हमको फिर दे दे वही , सुंदर वन की घास ।। वन की सुंदर घास ही , रही प्रकृति उपहार । मानव की औषधि वनी ,
Savita Jha
कुछ आवाज़ें कभी नहीं मरती गूँज उठती हैं हमेशा के लिए हर दरगाह में, हर मंदिर में, हर मुहल्ले के चौराहे पर, वतन परस्ती की इबादत बन कर। घुल जाती हैं अनंत काल के लिए, हवाओं में, लताओं में, बहती गंगा के लय सी प्रेम की परिभाषा बन कर।— % & स्वर कोकिला के नाम से पहचानी जाने वाली दिग्गज गायिका लता मंगेशकर को विनम्र श्रद्धांजलि 💐💐🙏 #लतामंगेशकर #latamangeshkar #hindipoetry #yqdid
savita Jha
कुछ आवाज़ें कभी नहीं मरती गूँज उठती हैं हमेशा के लिए हर दरगाह में, हर मंदिर में, हर मुहल्ले के चौराहे पर, वतन परस्ती की इबादत बन कर। घुल जाती हैं अनंत काल के लिए, हवाओं में, लताओं में, बहती गंगा के लय सी प्रेम की परिभाषा बन कर।— % & स्वर कोकिला के नाम से पहचानी जाने वाली दिग्गज गायिका लता मंगेशकर को विनम्र श्रद्धांजलि 💐💐🙏 #लतामंगेशकर #latamangeshkar #hindipoetry #yqdid
Vandana
जो छुती थी रुह को वह आवाज़ थी तुम तुम्हारे कंठ में साक्षात परमात्मा का वास थी तुम,,, अंत तो होना है हर किसी का जिसने जन्म लिया उसने मिटना है तुम पहचान थी हमारी हमेशा रहोगी संगीत कि प्राण थी हमेशा रहोगी कई करोड़ों हृदय में विराजमान थी हमेशा रहोगी प्रेम को हृदय में जगाती वो आवाज भारतीय संगीत की पहचान स्वर कोकिला रस से भरा कोई तोहफा आज ईश्वर को भी वो कुबूल होगा हर गीत तुमसे हर संगीत हर स्वर से तुमसे तुम जैसा कोई ना हुआ ना होगा जो आनंद जो प्रीत जो भाव तुम्हारे स्वर से ऐसा साक्षात रूप सरस्वती का जो एहसास तुमसे जगते जो भावनाएं तुमसे पलती ना धरा पर हुआ था ना होगा कोई,,,, Tribute🌷🌻💐🙏❣ जो छुती थी रुह को वह आवाज़ थी तुम तुम्हारे कंठ में साक्षात परमात्मा का वास थी तुम,,, अंत तो होना है हर किसी का जिसने जन्म लिया