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Anamika Nautiyal
खिलने दो चाँद को सँवरने दो चाँद को, जो दिन गुज़रेगा महकने दो चाँद को। शोखियाँ अंदाज़ सारे रख के घर से निकला है, आसमान में सारी रात निखरने दो चाँद को। कजरारी आँखें बलखाते बालों की घटा, तारों और हवाओं संग दिखने दो चाँद को। देख उसकी सूरत जलने लगा है आफ़ताब, जो सिखा रहा है सब को लिखने दो चाँद को। शुभ दिन शुभ योग सब शुभ ही शुभ है 'अनाम' ख़ुद ही ख़ुद पर इतराने दो आज चाँद को। हैप्पी माघी पूर्णिमा दी 😁 जय माता दी 🙏😊 #माघी_पूर्णिमा #mata_ki_kripa
Mohan Sardarshahari
तू गुड़ मीठा मीठा मैं तिल गर्मी लिए तेरे और मेरे मिलने से लड्डू मकर संक्रांति के हो लिए।। तू डोर चंचल चंचल मैं पतंग रंगीले रंग का तेरी आदत कभी ढील की कभी कस-कस पेंच खींचने की दूर जाकर समझ आया मैं राही तेरे इशारों का।। तू ही डग्गा , तू ही तिहली मैं ढोल कसी चमड़ी वाला तेरे हाथों के जादू से आवाज निकलती दे ताला दे ताला।। तू ही भांगड़ा तू ही घूमर तू ही जीवन सुर-संगीत लिए तेरे शब्दों में वह ऊर्जा जैसे माघी धूप तरूणाई लिए।। ©Mohan Sardarshahari माघी धूप तरूणाई लिए
Sanjay Ni_ra_la
............ ©Sanjay Ni_ra_la मकर संक्रांति, पोंगल, बिहू, माघी और लोहड़ी की बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाई
dhiraj_verma04
MANJEET SINGH THAKRAL
पहले पंगत फिर संगत को अनिवार्य करने वाले सिख पंथ के तीसरे गुरूदेव साहिब श्री गुरू अमरदास साहिब जी महाराज के प्रकाश पर्व की हार्दिक शुभकामनाए
Vishw Shanti Sanatan Seva Trust
जय श्री कृष्णा ©Vishw Shanti Sanatan Seva Trust मौनी अमावस्या पर आज बस इतने बजे तक ही रहेगा स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, जान लें वरना हो जाएगा मिस हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या का विशेष महत
Vikas Sharma Shivaaya'
✒️जीवन 📖की पाठशाला 🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लोहड़ी का त्योहार हर साल देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्योहार का लोगों के बीच हमेशा से ही एक खास क्रेज होता है.नाच गाने से सजा ये त्योहार खुशियों से भरा होता है. यह त्योहार किसी उत्सव की तरह से मनाया जाता है. लोहड़ी के त्योहार में आग का अलाव जलाने का खास महत्व होता है इसमें तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी, मूंगफली को हर कोई चढ़ाता है..., लोहड़ी को पहले तिलोड़ी कहा जाता था। यह शब्द तिल तथा रोड़ी (गुड़ की रोड़ी) शब्दों के मेल से बना है, जो समय के साथ बदल कर लोहड़ी के रूप में प्रसिद्ध हो गया। मकर संक्रांति के दिन भी तिल-गुड़ खाने और बांटने का महत्व है। पंजाब के कई इलाकों मे इसे लोही या लोई भी कहा जाता है..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की मान्यता के अनुसार लोहड़ी का त्योहार शीतकालीन संक्रांति के गुजरने का प्रतीक है. यही कारण है इस खास पर्व को सर्दियों के अंत का प्रतीक भी माना जाता है. लोहड़ी का ये पर्व मकर संक्रांति से ठीक एक रात पहले धूमधाम से मनाया जाता है, जिसे माघी के नाम से भी जानते हैं. दरअसल चंद्र सौर विक्रमी कैलेंडर के सौर भाग के अनुसार और आमतौर पर लोहड़ी के पर्व को हमेशा ही 13 जनवरी को घरों में मनाया जाता है...,पंजाबियों के लिए लोहड़ी उत्सव खास महत्व रखता है। जिस घर में नई शादी हुई हो या बच्चा हुआ हो उन्हें विशेष तौर पर बधाई दी जाती है। प्राय: घर में नव वधू या बच्चे की पहली लोहड़ी बहुत विशेष होती है। इस दिन बड़े प्रेम से बहन और बेटियों को घर बुलाया जाता है..., जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लोहड़ी के त्योहार पर दुल्ला भट्टी की कहानी को खास रूप से सुना जाता है. दुल्ला भट्टी मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल के वक्त पर पंजाब में रहता था. मध्य पूर्व के गुलाम बाजार में हिंदू लड़कियों को जबरन बेचने के लिए ले जाने से बचाने के लिए उन्हें आज भी पंजाब में एक नायक के रूप में माना और याद किया जाता है. कहानी में बताया गया है कि उन्होंने जिनको बचाया था उनमें दो लड़कियां सुंदरी और मुंदरी थीं, जो बाद में धीरे-धीरे पंजाब की लोककथाओं का विषय बन गईं थीं...,वैसाखी त्योहार की तरह लोहड़ी का सबंध भी पंजाब के गांव, फसल और मौसम से है। इस दिन से मूली और गन्ने की फसल बोई जाती है। इससे पहले रबी की फसल काटकर घर में रख ली जाती है। खेतों में सरसों के फूल लहराते दिखाई देते हैं..., आखिर में एक ही बात समझ आई की लोहड़ी के गीत का है खास महत्व..., लोहड़ी का त्योहार बिना गीत के अधूरा माना जाता है. बच्चे हों या फिर बड़े सभी लोहड़ी त्योहार पर पारंपरिक लोक गीतों को आग के आस पास घूम-घूम कर और घर-घर घूमकर गाते हैं, इन गीतों में “दुल्ला भट्टी” का नाम भी शामिल होता है. घरों में लोहड़ी को मांगने की रिवाज होती है. कहा जाता है कि बिना लोहड़ी के पारंपरिक गीतों के त्योहार अधूरा रहता है. लोहड़ी के फेमस पारंपरिक गीत सुंदर मुंदरिये ! …………हो तेरा कौन बेचारा, …………हो दुल्ला भट्टी वाला, ………हो दुल्ले घी व्याही, …………हो सेर शक्कर आई, ……………हो कुड़ी दे बाझे पाई, …………हो कुड़ी दा लाल पटारा, ………हो बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! If the guidance is right then everything is right, if the determination is strong then nothing is difficult. 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" 🔱जयपुर -राजस्थान 🔱 If the guidance is right then everything is right, if the determination is strong then nothing is difficult. ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️जीवन 📖की पाठशाला 🖋️ जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की लोहड़ी का त्योहार हर साल देश भर में धूमधाम से मनाया जाता है. इस त्योहार का लोगों के बीच हम