Nojoto: Largest Storytelling Platform

New छन् । Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about छन् । from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, छन् ।.

Related Stories

    LatestPopularVideo

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

दोहा :- जन्मदिवस गुरुदेव का , बन आया त्यौहार । महादेव वरदान दे , ख्याति बढ़े संसार ।। गुरुवर ही भगवान है , समझा मैं नादान । #कविता

read more
दोहा :-
जन्मदिवस गुरुदेव का , बन आया त्यौहार ।
महादेव वरदान दे , ख्याति बढ़े संसार ।।

गुरुवर ही भगवान है , समझा मैं नादान ।
पाया दिक्षा ज्ञान की , आज बना इंसान ।।

लालायित मैं था बहुत , हूँ गुरुवर सानिध्य ।
तम जीवन का जो हरे , आप वही आदित्य ।। 


कुण्डलिया :-
सीखे हमने छन्द के , जिनसे चन्द विधान ।
चलो करें गुरुदेव का , छन्दों से सम्मान ।।
छन्दों से सम्मान ,  बढ़ाए मिलकर गौरव ।
इतने हम हैं शिष्य , नही थे उतने कौरव ।।
मीठे प्यारे बोल , नहीं वे होते तीखे ।
मन की कहना बात , उन्हीं गुरुवर से सीखे ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :-

जन्मदिवस गुरुदेव का , बन आया त्यौहार ।

महादेव वरदान दे , ख्याति बढ़े संसार ।।


गुरुवर ही भगवान है , समझा मैं नादान ।

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विद्धुल्लेखा /शेषराज छन्द १ आँखें जो मैं खोलूँ । कान्हा-कान्हा बोलूँ ।। घेरे गोपी सारी । मैं कान्हा पे वारी ।। २ पावें कैसे मेवा । #कविता

read more
विद्धुल्लेखा /शेषराज छन्द
१
आँखें जो मैं खोलूँ ।
कान्हा-कान्हा बोलूँ ।।
घेरे गोपी सारी ।
मैं कान्हा पे वारी ।।
२
पावें कैसे मेवा ।
देवो के वो देवा
बैठी सोचूँ द्वारे ।
प्राणों को मैं हारे ।।
३
राधा-राधा बोलूँ ।
मस्ती में मैं डोलूँ ।।
माई देखो झोली ।
मीठी दे दो बोली ।।
०३/०४/२०२४   -  महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विद्धुल्लेखा /शेषराज छन्द
१
आँखें जो मैं खोलूँ ।
कान्हा-कान्हा बोलूँ ।।
घेरे गोपी सारी ।
मैं कान्हा पे वारी ।।
२
पावें कैसे मेवा ।

N S Yadav GoldMine

#lakeview {Bolo Ji Radhey Radhey} हमें भगवान श्री कृष्ण जी को, चित्र में नही, चिंतन में लाना चाहिए, हमें अपनी वाणी, अपना चरित्र, अपना यह अनम #विचार

read more

AwadheshPSRathore_7773

मृत्युंजय महादेव मंत्र मेरी आवाज़ में सुनेगा और please don't mind अगर कुछ लय ताल और छन्द उपर नीचे हो गए हों तो.......OK thank you so much fo #पौराणिककथा

read more

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

माहिया/टप्पा छन्द दुनिया दुखयारी है पाँव पडूँ गिरधर  यह पीर हमारी है । #कविता

read more
माहिया/टप्पा छन्द
दुनिया दुखयारी है
पाँव पडूँ गिरधर 
यह पीर हमारी है ।।
पढ़कर दौड़े आना 
पाती हूँ लिखती
अब छूट गया दाना ।।
चाल चलूँ मतवाली 
देखो तुम साजन
हो अधरो पे लाली ।।
पट आज उठा लेना
बाते करने को
ढ़ल जाये जब रैना ।।
क्या प्रीति बिना फागुन
भायेगा मुझको
कुछ आकर कर अवगुन ।
२०/०३/२०२४    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR माहिया/टप्पा छन्द


दुनिया दुखयारी है

पाँव पडूँ गिरधर 

यह पीर हमारी है ।

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

अहर्निश छन्द  आयेंगे सजना, मेरे आँगन, है होली । क्या आज छुपाऊ, तुम्हें सुनाऊ, हमजोली ।। वो फागुन गाएं , देख रिझाएं , रंगोली  । #कविता

read more
अहर्निश छन्द 

आयेंगे सजना, मेरे आँगन, है होली ।
क्या आज छुपाऊ, तुम्हें सुनाऊ, हमजोली ।।
वो फागुन गाएं , देख रिझाएं , रंगोली  ।
अब कैसी दूरी , क्या मजबूरी , मै बोली ।।

जप राधे-राधे , दुख हो आधे , महतारी ।
वो सबकी सुनते, कुछ मत कहते , गिरधारी ।।
है पल बलवाना , जिसने माना , बनवारी ।
सब महिमा तेरी , क्या है मेरी , सुखकारी ।।


१३/०३/२०२३    -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR अहर्निश छन्द 


आयेंगे सजना, मेरे आँगन, है होली ।

क्या आज छुपाऊ, तुम्हें सुनाऊ, हमजोली ।।

वो फागुन गाएं , देख रिझाएं , रंगोली  ।

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

🙏🌹🌹🙏 मनोला छन्द 122 112 2 2 मिलेंगी जब श्री राधे । सभी कष्ट वहीं आधे ।। करे जो उनकी सेवा । #कविता

read more
🙏🌹🌹🙏

मनोला छन्द
122  112   2  2

मिलेंगी जब श्री राधे ।
सभी कष्ट वहीं आधे ।।
करे जो उनकी सेवा ।
मिलेगा उसको मेवा ।।

०७/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR 🙏🌹🌹🙏

मनोला छन्द
122  112   2  2

मिलेंगी जब श्री राधे ।
सभी कष्ट वहीं आधे ।।
करे जो उनकी सेवा ।

kishori jha

छन्द 10wobaatein #Thoughts

read more

kishori jha

छन्द ke बारें me समझिए हिन्दी #yemausam #Thoughts

read more

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा :-सायली छन्द // विषय :- पंछी पंछी जैसे वह उड़ जाते हैं लौट नहीं पाते । #कविता

read more
विधा :-सायली छन्द // विषय :- पंछी

पंछी
जैसे वह
उड़ जाते हैं 
लौट नहीं 
पाते ।

जब
बन जाते 
हैं परदेशी बेटे 
उम्र ढ़ले
आते ।

क्या 
खाया पहना 
सोया जागा सब
वह कहाँ
बताते ।

जो
बनाया था
देखो उसने घर
कब रहने 
आते ।

पंछी
जैसा जीवन
है अब उनका
सुबह शाम
आते ।।

०२/०३/२०२४      -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विधा :-सायली छन्द // विषय :- पंछी

पंछी
जैसे वह
उड़ जाते हैं 
लौट नहीं 
पाते ।
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile