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Chandan
White बेहतर से बेहतर की तलाश करो,मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो,टूट जाता है शीशा पत्थर की चोट से,टूट जाए पत्थर ऐसा शीशा तलाश करो ©Chandan #GoodNight #Shayari #poems #Nojotoshayeri✍️M #poems
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read morePala ram Gader
White ज़िंदगी की राहों में मुश्किलें तो आएंगी, लेकिन हौसलों से कभी हार नहीं माननी चाहिए। ©Pala ram Gader #sad_quotes #poems
Kanika Lakhara
भरी महफ़िल में एक टूटा दिल खड़ा था मैं पास गयी तो पता चला कि वो मुझसे ही डरा था मैं बैठी, मैंने उसे प्यार से जोड़ना चाहा लेकिन उसे लगा की मैंने ही उसे "फिर तोडना चाहा"!!🥀 उसे बड़ा डर है , की सब कुछ फिर से वही हो जाएगा में उसे कैसे समझाउॅं की "अतीत स्वयं को नहीं दोहराएगाॅं" मुझे डर डर के' चाहना ' अब उसे ज्यादा सही लगता है मेरा करीब आना उसके लिए अपनी "आजादी "खोना है और सजाएं देता है वो मुझे, जिसकी में कभी "हकदार "ना थी ठहरे!और पूछे कभी वो खुद से...आखिर उसकी जिंदगी में ; "मैं कौनसा किरदार थी?✨ ©Kanika Lakhara #Angel # hindi poems# poetry
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read moreHasan Khan
White मैं चांद का तलबगार होकर , अंधेरी रात में अकेला खड़ा था , फिर एक जुगनू आया , ओर मंजिल का रास्ता दिखा के चला गया , ~हसन खान ©Hasan Khan #Shaayari #poems #GoodMorning
Nimesh Singh Kandari
White Hello dear writer! 🌟 Would you like to participate in The Mountain Mic's All-India Poetry Writing Competition? 🏆 Prizes: 1st Prize – ₹10,000 2nd to 10th Prize – Merchandise (Hoodie) & E-certificate ✨ E-certificates for all participants 📚 Publication opportunities for selective writers 🔹 Registration fee – ₹149/- For more details, contact: +91 9389349082. ©Nimesh Singh Kandari #sad_quotes #Shayari #poems #Poetry #Hindi #hindipoetry #English #Englishpoetry #competition
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read moreManas Subodh
लिखना है मुझे "पिता का बोझ" लिख देनी है वो सारी बातें जो पिता कभी कह नहीं पाए लिखना है वो सारे सपने जो पिता छोड़ देते एक पड़ाव पर और अगर स्याही खत्म हो जाए तो लिखूंगा मै रेत पर जितनी बार भी नदी उसे मिटायेगी उतनी बार लिखूंगा पर सच कहू माँ की ममता से कठिन है समझना "पिता का स्नेह" ©Manas Subodh #FathersDay #poems
Komal Singh
Unsplash Mat rakho yaar Kisi Se Narazgi mat karo Kisi par gussa Koi pata nahin Kaun kab tak tumhara Sath dega Meri Jaan bahut hi chhoti Si Hai yah Zindagi Aur is chhoti Si Zindagi mein ho sake to Duaaen kamana ©Komal Singh #snow #poems #Poetry #hindipoetry #Shayari poetry in hindi urdu poetry sad poetry lovers
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read moreMk thoughts
Unsplash do paiso ke liye inshan kya bhul mtt jao kiyunki paiso se sirf Amir bante hein inshan nhi...... ©Mk thoughts #traveling #poems #Trending
Rishi Ranjan
Unsplash " अलविदा कहना पड़ रहा.... " मेरे सभी BPSC PGT शिक्षक प्रशिक्षु आने वाला पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा... एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा.... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा... क्लास और लंच वालीं कहानी होंगी खत्म... अब अलग होंगे विद्यालय एवं लेकिन मकसद होंगे केवल एक वो है अपने बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा... छह दिनों के प्रशिक्षण सब कितने जल्दी हो गए.... एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब थम रहा.... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है.... Bpsc शिक्षक बने हुए आए थे प्रशिक्षण ले कर जा रहे... सेमिनार हॉल के सांस्कृतिक कार्यक्रम सब कितने जल्दी हो गए... हाथ में certificate मिला और हम सभी बुनियादी रूप से भी शिक्षक हो गए.... एक पल में अर्सा गुजरने का दौर भी अब रहा.... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है.... मेरे दोस्तों ध्यान से देख लो कहीं कुछ छुटा ना हो... कहीं आपकी वज़ह से किसी का दिल रूठा न हो... भूलकर सब रंजिशें सब एक दूसरे से मिल लो.... क्युकी जा रहा ये वक़्त अब दुबारा आने से रहा.... दिल थाम कर आंखे पोंछ कर अलविदा कहना पड़ रहा... मेरे BPSC PGT शिक्षक ये साथ का पल अब एक दास्ताँ में बदल रहा... आ गया वो मोड़ जिसमें अलविदा कहना पड़ रहा है..... अलविदा कहना पड़ रहा.... धन्यवाद और आभार आप सबों को.... ©Rishi Ranjan #Book #poems #Life hindi poetry on life love poetry in hindi poetry in hindi poetry quotes
Andaaz bayan
!!1857 की क्रांति!! धधक उठी चिंगारी,सैलाब स्वतंत्रता का ये पहला था । गाय सूअर की चर्बी वाले कारतूसों ने,"घी "आग में डाला था ।। तब मौत का कोई खौफ नहीं रह गया,सीने पर गोली खाने को । जब मजबूर किया,भारतीयों को,ब्रिटिश इंडिया कंपनी के अमानुषिक व्यवहारों ने।। तब हल्ला बोला स्वतंत्रता सेनानियों ने जिनकी सूची काफी लंबी थी। (प्रमुख थे बहादुर शाह जफर,मंगल पांडे,नाना साहेब,तात्या टोपे,कुंवर सिंह लक्ष्मी बाई ) राज्य हड़पने,धर्म परिवर्तन,रिवाजों से छेड़छाड़,जब रास ना भारतीयों को ये सब आया था।। यूं तो देशभक्ति की ज्वाला हर एक क्रांतिकारी के दिल में थी, छूटी जमीन किसानों से ,जमीदारों की रियासतों का विलय हुआ । ठप्प हुआ हस्तशिल्प कारीगरों का,बच्चों से गुरुकुल मदरसा छीना गया, ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन ने सबका बेड़ा गर्क किया।। चली गई ब्रिटिश सरकार के हाथ में ,सत्ता ईस्ट इंडिया कंपनी से भारत की। 1857 प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का ये निर्णायक परिणाम हुआ।।✍🏻 ©Andaaz bayan #1857revolt #1857War #poem #poems Hinduism poetry poetry in hindi
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