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mr_dhanurag_ya21c
White हे श्री कृष्ण बदलते वर्ष के साथ मेरा भी साथ देना / यदि हुई हो पिछ्ले वर्ष कोइ गलती तो प्रभु उसे माफ़ कर देना ..! ©mr_dhanurag_ya21c #Krishna
Dr O L Daksh
Aatma Amar h... Deh, nashean h... Karma is Dhatma... ©omlata ##Gita Sar## Krishna##❤🔥Parth##
##gita Sar## Krishna##❤🔥Parth##
read moreAnita Agarwal
जग से अंधियारा हटाने को चले आओ एक बार। आस का दीप जलाने को चले आओ एक बार।। आत्म प्रशंसा लोक दिखावे में जी रहे हैं मिथ्या जिंदगी। भ्रमित मनुष्य को सच का आईना दिखाने चले आओ एक बार।। प्रभु का अनुयाई कहते-कहते स्वयं प्रभु बन जाते हैं। ऐसे प्रभ्रुओं का सच दुनिया को दिखाने चले आओ एक बार।। ©Anita Agarwal #Krishna
Narendra kumar
करूणानिधान करूणा कर रोये। देख सुदामा के दीन दसा दीनानाथ रोये। ©Narendra kumar #Krishna
Avinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
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read moreSavitri Parveen Kumar
White राधा का मन..............काश मैं भी मुरली बन जाती कान्हा के अधरों से लगती धन्य भाग्य मेरे हो जाते किस्मत मेरी खूब संवरती ....... ©Savitri Parveen Kumar #Krishna