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Rekha (sahar)
White वक़्त हर रिश्ते को आप से छीन लेता हैं ,आप इस दुनियाँ सिर्फ़ अकेले आये थे और अकेले ही जाओगे ©Rekha (sahar) सिर्फ़ अंत तक आप के साथ आप का वक़्त रहेगा 🌹 #love_shayari #happy_valentines_day ज़ख़्मी हर्फ़ Kundan Dubey Sohan Kumar Salman Khan SIDDHA
सिर्फ़ अंत तक आप के साथ आप का वक़्त रहेगा 🌹 #love_shayari #happy_valentines_day ज़ख़्मी हर्फ़ Kundan Dubey Sohan Kumar Salman Khan SIDDHA
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White {Bolo Ji Radhey Radhey} एक सच्चा बेटा, एक सच्चा सिपाही समस्त राष्ट्रीय सम्पत्ति के धनी, श्री श्री नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी को कोटि-कोटि नमन। जय श्री राधेकृष्ण जी!! ©N S Yadav GoldMine #GoodNight {Bolo Ji Radhey Radhey} एक सच्चा बेटा, एक सच्चा सिपाही समस्त राष्ट्रीय सम्पत्ति के धनी, श्री श्री नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी को
#GoodNight {Bolo Ji Radhey Radhey} एक सच्चा बेटा, एक सच्चा सिपाही समस्त राष्ट्रीय सम्पत्ति के धनी, श्री श्री नेता जी सुभाष चंद्र बोस जी को
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White इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा, टूटा है दिल मेरा, जाम कौन उठाएगा। सुना है मैखाने हर दर्द का मर्ज हैं यारों, वहाँ तक मुझको कौन ले जाएगा। ज़ख़्मी दिल की दवा कहाँ मिलती है, मुझे भी उस गली का पता बताएगा। जहाँ टूटे अरमानों का सवेरा होता है, जो ग़म के अंधेरों में चिराग़ जलाएगा। ग़म का समंदर यहाँ गहरा है बहुत, डूबते दिल को साहिल कौन दिखाएगा। जो हारे हैं मोहब्बत की बाज़ी यहाँ, उनका मुक़द्दर फिर कौन बनाएगा। इन रास्तों में अकेले ही चलना है अब, साथ कोई नहीं जो साथ निभाएगा। फिर भी दिल में यही एक सवाल बाकी है, इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा। ©theABHAYSINGH_BIPIN #GoodNight इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा, टूटा है दिल मेरा, जाम कौन उठाएगा। सुना है मैखाने हर दर्द का मर्ज हैं यारों, वहाँ तक मुझको कौन ले जा
#GoodNight इस तबाही का जश्न कौन मनाएगा, टूटा है दिल मेरा, जाम कौन उठाएगा। सुना है मैखाने हर दर्द का मर्ज हैं यारों, वहाँ तक मुझको कौन ले जा
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उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलगा दो। जाग रहा है इश्क़ का कबूतर खत पर, तेरे अंगों की महक में बिखेर दो। मेरे होठों पे उकेर, अपनी सासों की लकीर, इस रात को मुझे अपने बदन में बसा दो। भड़क रही है आग तेरे बदन की लहरों में, तेरी छुअन से हर नस को झुलसा दो। कबसे क़ैद है इश्क़ का ये सिपाही, अपने कोमल स्पर्श से आज़ाद कर दो। हर सांस तेरे रिदम से बंधी है अब, तेरे बदन की नर्म लकीरों में खो जाने दो। हवाओं में मिलकर जलते हुए इन लम्हों को, मेरी हर शरारत को ख़ुद में समा लो। ©theABHAYSINGH_BIPIN #erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग
#erotica उतार दो अपने बदन की हरारत मुझ पर, इस सर्द दिसंबर को जून कर दो। लहू में बसा है अब तेरा शरारत का सफर, मेरे ख्वाबों को शोलों सा सुलग
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