Find the Latest Status about अक्कासाहेब मंगलसूत्र from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अक्कासाहेब मंगलसूत्र.
Himanshu Prajapati
रोज देकर प्रपोज करने से अच्छा है, गले में मंगलसूत्र डाल कर चैप्टर क्लोज करो..! ©Himanshu Prajapati #proposeday रोज देकर प्रपोज करने से अच्छा है, गले में मंगलसूत्र डाल कर चैप्टर क्लोज करो..!
Anuradha T Gautam 6280
Bhavana kmishra
आप सभी को विजय दिवस की शुभकामनाएं.. मै केशव का पाञ्चजन्य हूँ गहन मौन मे खोया हूं, उन बेटो की याद कहानी लिखते-लिखते रोया हूं जिन माथे की कंकुम बिंदी वापस लौट नहीं पाई चुटकी, झुमके पायल ले गई कुर्वानी की अमराई कुछ बहनों की राखी जल गई है बर्फीली घाटी में वेदी के गठबंघन मिल गये हैं सीमा की माटी में पर्वत पर कितने सिंदूरी सपने दफन हुए होंगे बीस बसंतों के मधुमासी जीवनहरण हुए होंगे टूटी चूडी, धुला महावर, रूठा कंगन हाथों का कोई मोल नहीं दे सकता बासंती जज्बातों का जो पहले-पहले चुम्बन के बादलाम पर चला गया नई दुल्हन की सेज छोडकर युद्ध काम पर चला गया उसको भी मीठी नीदों की करवट याद रही होगी खुशबू में डूबी यादों की सलवट याद रही होगी उन आखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं जब मेंहदी वाले हाथों ने मंगलसूत्र उतारे हैं गीली मेंहदी रोई होगी छुप के घर के कोने में ताजा काजल छूटा होगा चुपके चुपके रोने में जब बेटे की अर्थी आई होगी सूने आंगन में.. शायद दूध उतर आया हो बूढी मां के दामन में वो विधवा पूरी दुनिया का बोझा सर ले सकती है, जो अपने पती की अर्थी को भी कंधा दे सकती है मै ऐसी हर देवी के चरणो मे शीश झुकाता हूं, इसिलिये मे कविता को हथियार बना कर गाता हूं जो सैनिक सीमा रेखा पर ध्रुव तारा बन जाता है, उस कुर्बानी के दीपक से सूरज भी शरमाता है गरम दहानो पर तोपो के जो सीने आ जाते है, उनकी गाथा लिखने को अम्बर छोटे पड जाते है उनके लिये हिमालय कंधा देने को झुक जाता है कुछ पल को सागर की लहरो का गर्जन रुक जाता है उस सैनिक के शव का दर्शन तीरथ जैसा होता है, चित्र शहीदो का मंदिर की मूरत जैसा होता है जिन बेटो ने पर्वत काटे है अपने नाखूनो से, उनकी कोई मांग नही है दिल्ली के कानूनो से सेना मर-मर कर पाती है, दिल्ली सब खो देती है….. और शहीदों के लौहू को, स्याही से धो देती है…… मैं इस कायर राजनीति से बचपन से घबराता हूँ….. इसीलिए मैं कविता को हथियार बनाकर गाता हूँ।। # हरिओम पंवार जी (कवि) ©Bhavana kmishra #कारगिल विजय दिवस आप सभी को विजय दिवस की शुभकामनाएं.. मै केशव का पाञ्चजन्य हूँ गहन मौन मे खोया हूं, उन बेटो की याद कहानी लिखते-लिखते रोया
Anuradha T Gautam 6280
Vedantika
प्रेम पत्र अधूरी मोहब्बत के नाम प्रिय……… आज बाज़ार में दस साल बाद तुम्हें फिर से देखा तो लगा कि जैसे कॉलेज का वो दिन अभी कल ही गुज़रा हो जब तुम मुझसे यूँ ही टकरा गई थी। इसस
Ankit Srivastava
तुम साड़ी लाल पहनकर आना साथ में हवन की लकड़ियाँ और सामग्री लेते आना मैं फ़ल, फ़ूल और पंच मेवे ले आऊँगा (पूरी नज़्म अनुशीर्ष में पढ़ें।) तुम साड़ी लाल पहनकर आना साथ में हवन की लकड़ियाँ और सामग्री लेते आना मैं फ़ल, फ़ूल और पंच मेवे ले आऊँगा पसंद है तुम्हें जो रंग वो शेरवानी पहन आऊँ
Aditi mannulalji Agrawal
Read In Caption कभी जो मंगलसूत्र रिश्तों की बानी (प्रतिज्ञा) हुआ करते थे आज उन्हीं रिश्तों की आपबीती का मंजर हैं कभी घूँट घूँट कर के पी लिया गया वो खारा समंदर है जिसमे वफादारी का नमक नहीँ ज़िन्दगी के सबक का स्वाद ज़बान पे बाकी रह जाता अक्सर है। अब उसके काले मोती भी रिश्तों को अनहोनी से बचा नही पाते अक्सर आँखो के घेरे उसकी बदहाली और खोई हुई वकत पचा नहीँ पाते। कभी जो मंगलसूत्र रिश्तों की खुशनुमा और पाक सूरत हुआ करते थे आज फ़ख्त उनकी नाफ़रमान नीयत का अंजाम है - अदिती कपीश अग्रवाल कभी जो मंगलसूत्र रिश्तों की बानी (प्रतिज्ञा) हुआ करते थे आज उन्हीं रिश्तों की आपबीती का मंजर हैं कभी घूँट घूँट कर के पी लिया गया वो खारा सम
RAHUL VERMA
मंगलसूत्र सिर्फ धातु ही नही है ये इक स्त्री की जीवन का अस्तित्व उनकी प्रेम का प्रतीक है। ये वह ताबीज है जिसके पहने से स्त्री पूरी होती है और संसार के नवनिर्माण की असल हक़दार भी। नमस्कार लेखकों!🌻 मई के माह के साथ, हम आपके लिए लेकर आए हैं दैनिक शब्द जिसके अंतर्गत आप collab द्वारा अपने लेखन में उस शब्द का प्रयोग करेंग