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zakikhanactor
Shashi Bhushan Mishra
बिना कहे कुछ रह जाते हो, तुम अब भी याद आते हो, पलभर अलग न रहने वाले, मिलने से भी कतराते हो, एक नौका में बैठे फिर भी, किस ख़याल में बह जाते हो, करली अख्तियार ख़ामुशी, बात न अपनी कह पाते हो, अंदर अंदर घुटते रहकर, बे-मतलब ही बलखाते हो, दुनिया से बेख़बर आजकल, ख़ुद पे कितना इतराते हो, दर्द ज़ुदाई का तुम गुंजन, कैसे इतना सह पाते हो, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #याद आते हो#
Shashi Bhushan Mishra
White रेत के घर बनाते रहते हैं, स्वप्न दिल में सजाते रहते हैं, टूट जाए नहीं कोई सपना, नींद पलकों पे लाते रहते हैं, रहे रौशन सदा अरमान मेरे, एक दीपक जलाके रहते हैं, अंधेरी रात में डर का साया, राम धुन गुनगुनाते रहते हैं, बड़ी दुश्वारियां भरा जीवन, राग भैरव सुनाते रहते हैं, दरीचा-ए-दिल में रहे रौनक, रूठे रहबर मनाते रहते हैं, रहे मदहोश न दुनिया गुंजन, यहाँ सब आते-जाते रहते हैं, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #सब आते-जाते रहते हैं#
koko_ki_shayri
यादें भी अज़ीब हैं, गुजरते समय तुझे! याद आते समय मुझे तकलीफ़ बहुत देतीं हैं!! ©koko_ki_shayri #yaad आते समय मुझे...😊😊
Pinki Khandelwal
विघार्थी जीवन यूं तो बेखौफ निड़र होते हैं बच्चे, अपने सपनों से अनजान अपनी ही मस्ती में मस्त रहते, जब मन करता पढ़ते और खेलते हैं, थोड़े शरारती थोड़े नौटंकीबाज भी होते हैं, ढाल दो जिस सांचे में ढल जाते हैं, प्यार अपनेपन की भाषा को वो जानते हैं, लड़ाई झगड़ा पल भर में भूल जाते हैं, ये बच्चे तो कागज के फूल है, जो मनचाही राहों पर मुड़ जाते हैं, बेशक मां बच्चो की सबसे बड़ी गुरु कहलाती है, फिर भी गुरु से मिला ज्ञान का भी उतना महत्व है, इसलिए बच्चों को विघालय में भेजा जाता है, ताकि सीख सकें शिष्टाचार अनुशासन का भी वो पाठ, आत्मविश्वासी हो बोलने में सशक्त बने, और अपनी पहचान बनाएं, शुरुआती दिनों में बच्चों को होती है मुश्किल, जाने में करते कभी कभी आनाकानी है, पर धीरे धीरे नये नये दोस्त बनाते, क ख ग बोलना भी सीख जाते, सच कहूं तो स्कूल लाइफ बेस्ट लाइफ होती है, यह बात बाद में सबको समझ आती है, और फिर, उन दिनो को याद कर चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, वो टाई बेल्ट दो चुटिया रिबन लगा कैसे कार्टून लगते थे, और मटक मटक कर जो हम स्कूल जाते थे, जाते जाते किसी की खिड़की पर पत्थर फैक आते थे, तो कभी स्कूल बहाने खेलने चले जाते थे, आज बड़े होकर स्कूल जाने का मन करता है, और पहले स्कूल जाने से भी डर लगता था, हम भी कितने अजीब है, जो बीत गया समय उसको याद कर मुस्कुराते हैं और जो चल रहा समय उसे रो रोकर बिताते हैं। ©Pinki Khandelwal वो दिन आज भी याद आते हैं...।
Dr.j.p.singh motivational speaker writer
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Blue Moon तुम्हारी नियत में खुदा के *अहकाम नजर नहीं आते बखूदा इसलिए हम तुम्हें नज़र नहीं आते//१ सच में बईमानो की यही एक ख़राबी है*मिजान _ए _अदल के इन्हे मंजर नजर नहीं आते//२ जिनको फिक्र नहीं अपने अंजाम_ए-हश्र की, उनको*दोजख ए दहर नजर नहीं आते//३ *चश्म ए हासिद से अपनी*मसर्रतें बचाके रखना ,मासूमों को नजारे*सहर के नजर नहीं आते//४ *मिजाने_विरासत*दस्त में थामना हरेक के बस की बात नहीं,ये और बात है वालिदेन में भी थामने के आसार नजर नहीं आते // "शमा"एहकाम ए खुदा पर वही चलते है,जिन्हे खौफ ए खुदा हो,के *मुनाफिकों को खुदा के *रहबर नजर नहीं आते//६ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #bluemoon तुम्हारी नियत में खुदा के *अहकाम नजर नहीं आते बखूदा इसलिए हम तुम्हें बशर नज़र नहीं आते//१ *निर्देश,फरमान सच में बईमानो की यही एक
Arun Mahra
रब भी ना जाने कैसे रिश्ता बना देते है कब कहां कैसे किस्से मिला देते है जिसको कभी जानते तक भी नहीं हैं उसी इंसान को हमारे जीने का रिश्ता बना देते हैं ©Arun Mahra रब ने जाने कहां किस्से मिला देते हैं पर वक्त आते आते ही रिश्ता के साथ जोड़ी मिला देते हैं