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Pinki Rajput
अक्स आंसुओं का छुपाकर सुरमा लगाती है कई गहरे दर्द दिल में रखकर चेहरे पर शिकन तक नहीं लाती और मुस्कुराती रहती है ये हुनर हर किसी में कहां जनाब ,बस एक औरत ही कर पाती है! अज्ञात..✍️ ©Pinki Rajput #Women
BINOदिनी
कुछ पाना नहीं था, खोने का गम नहीं था। ख़्वाहिश बड़ी या चाहत, कुछ मतलब जानना, हमें गवारा न था।। न मिला कुछ, न कुछ खोये हैं, बस लंबी है राह, मुस्कुराते हुए बस इसमें चलना है।। ©BINOदिनी #Women
VIIKAS KUMAR
Ghai Homoeo Remedies Digesticor Oral Drops is a homoeopathic formulation designed to support the digestive system. It contains a blend of ingredients traditionally used to promote digestion, relieve discomfort associated with indigestion, and maintain overall gastrointestinal health. ©VIIKAS KUMAR Ghai Homoeo Remedies Digesticor Oral Drops
Ghai Homoeo Remedies Digesticor Oral Drops
read moreTara Chandra
मात्र ईंट पत्थर आदि पदार्थ ही घर की बुनियाद नहीं होते, ... ... माता–पिता, दादा–दादी आदि के अनगिनत सपने, मेहनत तथा प्यार भी बुनियाद का हिस्सा होते हैं।। ©Tara Chandra #Home #घर
Anamika Tyagi
White सलाम हैं उसे जो कुछ भी नहीं इंदिरा गांधी कुछ भी नहीं क्यों क्यों क्योंकि वो एक महिला हैं एतराम हैं उसका जो कुछ भी नहीं कल्पना चावला कुछ भी नहीं क्यों क्यों क्योंकि वो एक महिला हैं मेहरबान हैं कायनात उस पर जो कुछ भी नहीं सावित्री बाई फूले कुछ भी नहीं क्यों क्यों क्योंकि वो एक महिला हैं कदरदान हैं पुरूष उस पर जो कुछ भी नहीं मां दुर्गा कुछ भी नहीं क्यों क्यों क्योंकि वो एक महिला हैं ©Anamika Tyagi #Women
Anamika Tyagi
White ना तुम्हारा कोई न तुम किसकी पर शेर की तरह आती हों पर शमशेर की तरह दहाड़ती हों वाह क्या गीत गाती हों यू ही मन ही मन गुनगुनाती हों ©Anamika Tyagi #Women
Anamika Tyagi
White जब तुम्हे कोई ज़िंदा देखना भी नहीं चाहता बस काम निकलना चाहिए बस घर का काम होना चाहिए बस शादी करके बोझ निपटना चाहिए फिर क्यों फिर क्यों तुम्हें तो किसी ने चाहा भी नहीं तुम अनचाही वस्तु हो जी हां अजी हां वस्तु इंसान भी नहीं फिर क्यों फिर क्यों बात बात पर राग अलापति हो बात बात पर मेरा मेरा करती हो तुम ये जान लो तुम ये मान लो तुम्हारा कोई नहीं ©Anamika Tyagi #women
PoetryandParadise
Let me be known as the one who roams, Dancing to the beat of my soul alone. A fire within, untamed and free, Chasing no shadows, just wild destiny. I break the mold, defy their gaze, Living my truth through uncharted ways. No chains to bind, no walls to keep, I sail the skies where the fearless leap. So call me what you will, but see, I am the girl who dares to be me. In a world that bends to fit the mold, I write my story, bold and untold. ©Priyanka #Women poetry poetry in english poetry on love love poetry in english poetry lovers
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