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Ek villain
बड़े गुरुदेव गलत नहीं कहते कि जितनी बड़ी चादर वहां पांव उतने ही पिलाना चाहिए लेकिन जब कोई विषय यह स्थानीय राजनीति के जंजाल में फंसने लगता है तो यह आश्चर्य होता है जो देश की राजधानी दिल्ली के साथ 2012 से हो रहा है अब जाकर उसके चादर के एकीकरण करने का घर प्रयास किया जा रहा है हम बात कर रहे हैं दिल्ली के नगर निगम के बंटवारे की बैग और क्षेत्रफल का नाम लिए ही अलग-अलग दिशाओं में उनके पांव फैला दिए गए थे दक्षिण नगर निगम के पास तो आज तक अपना घर यानी कार्यकाल भी नहीं है जो कि मैं अपने कार्यकाल सिविल सेंटर से संचालित करता आ रहा है लिहाजा उसे ₹3000 किराए का तकादा उत्तरी नगर निगम करता रहता है यह इस बात को भी उजागर करती है कि बैग और दूरगामी परिणाम सोचे अच्छी भली व्यवस्था में किसे बंटवारे का दंश झेलती है पिछले लगभग एक दशक में दिल्ली के सरकारी कर्मचारियों से लेकर आम जनता तक नहीं कई बार महसूस किया है भला बंटवारे की नियति वालों को एकीकरण की अनुमति कैसे होगी इसलिए उन्होंने यह कोई हिस्से में बहुत ही अच्छा लग रहा है एकत्रित नगर निगम के अंतिम कश्मीर की एक पुस्तक स्टेट और कैपिटल जिसमें दिल्ली नगर निगम के विभाजन का भी उल्लेख किया गया है इस पुस्तक में उन्होंने एक जगह लिखा है कि दिल्ली नगर निगम एक मजबूत स्थिति में विभाजित कर दिया गया इससे दिल्ली वालों को काफी नुकसान हुआ क्योंकि पहले दिल्ली नगर निगम में जो योजना बनाई थी वह ऊपर लागू होती थी उपरोक्त कथन के संदर्भ में रखते हुए देखा तो अधिकांश चीजें बिल्कुल विपरीत मिलती हैं ©Ek villain #दिल्ली नगर निगम के एकीकरण का मतलब #Hope
indira
अस्त व्यस्त थी राजस्थान की रियासतें सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सब रियासतो को एक कर डाला 18 मार्च 1948 से रियासतों को मिलाने का काम शुरू किया 1 नवम्बर 1956 को संपूर्ण राजस्थान का एकीकरण कर डाला 7 चरण चलाए एकीकरण के,और राजस्थान को एक कर डाला 18 मार्च 1948 को अलवर, धौलपुर, भरतपुर ,करौली को मिलाकर मत्स्यसंघ बना प्रथम चरण संपूर्ण कर डाला 25 मार्च,1948 को बांसवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर,झालावाड़,कोटा,प्रतापगढ़, टोंक,किशनगढ़ व शाहपुरा की रियासतों को मिलाकर द्वितीय चरण राजस्थान संघ को संपूर्ण कर डाला 18 अप्रैल,1948 को राजस्थान संघ में उदयपुर रियासत को मिलाकर संयुक्त राजस्थान का नाम दे तृतीय चरण को अंजाम दे डाला 30 मार्च, 1949 चैत्र शुक्ला प्रतिपदा को संयुक्त राजस्थान में जयपुर,जोधपुर,बीकानेर, जैसलमेर का विलय कर वृहत राजस्थान बना चतुर्थ चरण सम्पन कर डाला 15 मई,1949 को मत्स्य संघ को वृहत राजस्थान में मिला पंचम चरण संयुक्त वृहत्तर राजस्थान का नामकरण कर डाला जनवरी ,1950 में आबू और देलवाड़ा को बम्बई प्रान्त में मिला शेष संपूर्ण भाग को राजस्थान में मिला छठा चरण सम्पन कर राजस्थान नाम दे डाला सिरोही की आबू ,देलवाड़ा तहसीलों ,मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले की मानपुर तहसील व अजमेर मेरवाड़ा को राजस्थान में मिला 1 नवम्बर ,1956 को वल्लभ भाई पटेल ने संपूर्ण राजस्थान का एकीकरण कर डाला ( इंदिरा) ©indira राजस्थान का एकीकरण 1 नवम्बर 1956 को सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रसायो से संपूर्ण हुआ #SardarPatel
AwadheshPSRathore_7773
सम्राट देवेन्द्र कुमार कुशवाहा
हो भी क्यों ना इस धरती से मोहब्बत, ये तो हमारे पूर्वजो का हिस्सा है। ( काल्पनिक नही हम शौर्य है - हाँ हम वही मौर्य है ) ©सम्राट देवेन्द्र कुमार कुशवाहा सम्राटों की देन अखण्ड भारत और राजाओं की देन छोटी छोटी रियासतों और रजवाड़ों में बंटा भारत जयतु भारत
Poetry with Avdhesh Kanojia
राष्ट्र का एकीकरण किया और लौहपुरुष हैं कहलाते। उन सरदार की जन्म जयंती मिल हम आज मनाते।। ✍️अवधेश कनौजिया© राष्ट्र का एकीकरण किया और लौहपुरुष हैं कहलाते। उन सरदार की जन्म जयंती मिल हम आज मनाते।। ✍️अवधेश कनौजिया©
Anuradha Vishwakarma
17 वीं समानांतर रेखा- उत्तरी वियतनाम तथा द. वियतनाम के बीच स्थित थी। वियतनाम के एकीकरण के पहले यह देश को दो भागों में बांटती थी। अब यह रेखा नहीं है क्योंकि वियतनाम अब संयुक्त हो गया है। jhankiom vishwakarma #Success 17 वीं समानांतर रेखा- उत्तरी वियतनाम तथा द. वियतनाम के बीच स्थित थी। वियतनाम के एकीकरण के पहले यह देश को दो भागों में बांटती थी।
Divyanshu Pathak
Desire or curiosity both make the life spiritually rich These are in the sense of two eyes of man Through which he noticed the various colours of the world's . : 🍀💕🐇हरे कृष्ण 🐦💕☕ क्रमशः---04☺💐 💕🍫🐰हरे कृष्णा🦃🐿☕☕🐦🍀💕🍵🐇🐰🦃☕🐦 नवीन शिक्षा जो वातावरण के साथ शरीर के एकीकरण, शरीर के साथ मन के एकीकरण (सोच, संवेग, स्मृति, धार्मिक विश्वास आदि)
Sudha Tripathi
भारतीय संस्कृति में विवाह एक पवित्र धार्मिक संस्कार है जो प्रेम और एकीकरण के सिद्धांत पर आधारित है प्रेम जो सहज,सरल,शाश्वत, निस्वार्थ और सर्वसामर्थ्यवान है और एकीकरण ऐसा जो दो शरीर एक प्राण हो जाए। वास्तव में विवाह और दांपत्य जीवन को सही तरीके से समझा जाए तो आज के जीवन में आने वाले बिखराव से निश्चित रूप से बचा जा सकता है लेकिन दुर्भाग्य विवाह के वास्तविक उद्देश्य तक जाने की बात तो दूर इसे प्रदर्शन का केंद्र बना दिया गया है। ©Sudha Tripathi भारतीय संस्कृति में विवाह एक पवित्र धार्मिक संस्कार है जो प्रेम और एकीकरण के सिद्धांत पर आधारित है प्रेम जो सहज,सरल,शाश्वत, निस्वार्थ और सर्