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Shivkumar

Devesh Dixit

#अयोध्या_सज_गई #दोहे #nojotohindipoetry #nojotohindi अयोध्या सज गई (दोहे) देख अयोध्या सज गई, आएँगे श्री राम। राह निहारें हम सभी, सुन्दर ह #Poetry #sandiprohila

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bhim ka लाडला official

"कबीरा इन संसार में अजब बड़ा इंसान मुर्दा जिंदा ना कर सके पत्थर मे डाले प्राण,, #विचार

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Bharat Bhushan pathak

#oddone सिक्त अंगार,अब यौवन,अधर उपमा,नहीं होगी। नयन से बह,चुकी गंगा,न नारी प्राण सुन देगी।। पुरानी रीत होती थी,बहाए चोट पर आँसू। संभल के सु #Motivational

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सिक्त अंगार,अब यौवन,अधर उपमा,नहीं होगी।
नयन से बह,चुकी गंगा,न नारी प्राण सुन देगी।।
पुरानी रीत होती थी,बहाए चोट पर आँसू।
संभल के सुन, रहो पापी,लगेगी मार अब धाँसू।।

©Bharat Bhushan pathak #oddone 
सिक्त अंगार,अब यौवन,अधर उपमा,नहीं होगी।
नयन से बह,चुकी गंगा,न नारी प्राण सुन देगी।।
पुरानी रीत होती थी,बहाए चोट पर आँसू।
संभल के सु

Bharat Bhushan pathak

#shaheeddiwas #nojotohindi#nojotopoetry#abhivyakti#23rdMarch मिली ना भीख में हमको,कहे हैं लोग आजादी, किसी ने प्राण खोए हैं,किसी का लाल खोया #Poetry

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मिली ना भीख में हमको,कहे हैं लोग आजादी,
किसी ने प्राण खोए हैं,किसी का लाल खोया है।
लुटी बच्चों ,कि है बचपन,सुहागिन माँग सूनी की,
भुलाई चैन कितनों ने,किसी की नींद छीनी है।
सरल देना ,यहाँ भाषण,लगे आसान भी नारे,
मुसीबत तब,यहाँ होती,लहु माँगे,अगर धरती।
अहित ना देश का करना,भले हो पेट भी परती।।

©Bharat Bhushan pathak #shaheeddiwas #nojotohindi#nojotopoetry#abhivyakti#23rdmarch
मिली ना भीख में हमको,कहे हैं लोग आजादी,
किसी ने प्राण खोए हैं,किसी का लाल खोया

मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *

#beHappy #लिखूंगा_एक_दिन'... एक प्रेम से भरा पुरुष कैसे भीड़ के साथ होते हुए अकेलेपन में, अपने प्रेम को हृदय में लिए त्यागता है अपने प्राण #hunarbaaz

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BeHappy #लिखूंगा_एक_दिन'...

एक प्रेम से भरा पुरुष कैसे भीड़ के साथ होते हुए अकेलेपन में, अपने प्रेम को हृदय में लिए त्यागता है अपने प्राण! 
एक दिन मैं अपनी ही मृत्यु लिख दूंगा.. ✍️

©मुखौटा A HIDDEN FEELINGS #beHappy 
#लिखूंगा_एक_दिन'...

एक प्रेम से भरा पुरुष कैसे भीड़ के साथ होते हुए अकेलेपन में, अपने प्रेम को हृदय में लिए त्यागता है अपने प्राण

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

कट जायेंगे दिन सभी , चले आप हम साथ । छूट न पाये बस कभी , इन हाथों से हाथ ।। तुमको पाकर ही यहां, निकला जीवन अर्थ । अब तो लगता है हमें , तुम ब #कविता

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कट जायेंगे दिन सभी , चले आप हम साथ ।
छूट न पाये बस कभी , इन हाथों से हाथ ।।
तुमको पाकर ही यहां, निकला जीवन अर्थ ।
अब तो लगता है हमें , तुम बिन जीवन व्यर्थ ।।
संग तुम्हारे हो नहीं ,खुशियों का अब अंत ।
तुमको पाकर आज जो , खुशियाँ मिली अनंत ।।
कभी-कभी मन में उठे , मेरे अब संताप ।
जाने कब किसको यहाँ , करना पड़े विलाप ।।
दिन जीवन के चार है , छोड़ो ये घर द्वार ।
हम तुम दोनों से यहां , कोई करें न प्यार ।।
आओ अपनी प्रीति की , अलग करे पहचान ।
हम तुम दोनों संग में , करे प्राण बलिदान ।।
१५/०३/२०२४     -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कट जायेंगे दिन सभी , चले आप हम साथ ।
छूट न पाये बस कभी , इन हाथों से हाथ ।।
तुमको पाकर ही यहां, निकला जीवन अर्थ ।
अब तो लगता है हमें , तुम ब

Dk Patil

*॥ धर्मवीर बलिदान मास ॥* *श्लोक क्रमांक ५* ************************** *#श्रीसंभाजीसुर्यहृदय* ⛳ प्राणांती हि न फिरणें कधीं मार्गी मागें । #पौराणिककथा #धर्मवीर_बलिदान_मास

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

मनहरण घनाक्षरी:- भूल जाओ सारी व्यथा , याद रखो हरि कथा , पार उस घाट देखो , खड़े दीनानाथ हैं । छोड़ो यह मोह माया , मिट्टी की है यह काया , भज ले #कविता

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Jai Shri Ram मनहरण घनाक्षरी:-
भूल जाओ सारी व्यथा , याद रखो हरि कथा ,
पार उस घाट देखो , खड़े दीनानाथ हैं ।
छोड़ो यह मोह माया , मिट्टी की है यह काया ,
भज ले तू प्रभु नाम , थामे तेरा हाथ हैं ।
पग-पग देख तेरे , चलते है नाथ मेरे ,
कहीं भी अकेला नहीं, वही तेरे साथ हैं ।
वही कण-कण में हैं , वही तेरे प्रण में हैं,
जान ले तू आज उन्हें , वही प्राण नाथ हैं ।।-१

वही राधा कृष्ण अब , वही सिया राम अब ,
वही सबके कष्टों का , करते उतार हैं ।
कहीं नहीं आप जाओ , मन में उन्हें बिठाओ,
मन के ही मंदिर से , करते उद्धार हैं ।
भजो आप आठों याम , राम-सिया राधेश्याम,
सुनकर पुकार वो , आते नित द्वार हैं,
असुवन की धार वे , है रोये बार-बार वे ,
देख-देख भक्त पीर , आये वे संसार हैं ।।२
१४/०३/२०२४       -    महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी:-
भूल जाओ सारी व्यथा , याद रखो हरि कथा ,
पार उस घाट देखो , खड़े दीनानाथ हैं ।
छोड़ो यह मोह माया , मिट्टी की है यह काया ,
भज ले

Shivkumar

mahashivaratri shivratri mahadev // शिव शक्ति //

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