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Dinesh Kumar Pathak
जिंदगी कहाँ गुलाब सी होती है, कांटों से तो सामना करना है। जूझना है संघर्षों से, परिस्थितियों से लडना है। देना है सपनों को इक नया आयम, हकीकत की जमीन पर चलना है। तोड भय की जंजीरों को, खुले आकाश में उड़ान भरना है © Dinesh Kumar Pathak जिंदगी कहाँ गुलाब सी होती है, कांटों से तो सामना करना है। जूझना है संघर्षों से, परिस्थितियों से लडना है। देना है सपनों को इक नया आयम, ह
Yashpal singh gusain badal'
रोज इक इम्तिहान से गुजरना है सबको ! कभी फेल होना है कभी पास होना है । यही तो जिंदगी का फ़लसफ़ा है । कभी हँसना है तो कभी रोना है । कभी चहकना है । तो कभी खिलना है । कभी बिखरना है । तो कभी पिरोना है । आखिर ये एक जिंदगी है , कुछ न कुछ तो होना ही है । कभी तुम्हारे अनुकूल होगा, कभी तुम्हारे प्रतिकूल होगा, जो भी होगा मगर परिवर्तन तो जरूर होगा। जीवन हर दिन नए आयमों में यात्रा करेगा, सुख और दुःख आएंगे और जाएंगे , कपड़े की बुनाई की धागे की तरह, एकबार नीचे एकबार ऊपर, जिंदगी का कपड़ा बुनता है इसी तरह, सुख और दुख के दो धागों से, दुख और सुख पूरक हैं इक दूजे के , एक के बिना अर्थहीन है दूसरा । जितना बड़ा दुख होता है सुख के दिन होंगे उतने ही आनंदमयी , जितना गहन होगा अंधेरा उतना ही चमकदार होगा दिन, इसलिए जियो जिंदगी हर पल, चाहे कुछ भी हो, और कैसी भी हो, तुम जिंदगी का साथ छोड़ोगे नहीं, जिंदगी से मुख कभी मोड़ोगे नहीं । वक़्त बदलेगा, लोग बदलेंगे, परिवर्तन होंगे, मगर तुम खुद को कर लोगे अनुकूल सबके ! क्यों कि तुम एक जिंदगी हो, एक भरपूर जिंदगी हो । ©Yashpal singh gusain badal' रोज इक इम्तिहान से गुजरना है सबको ! कभी फेल होना है कभी पास होना है । यही तो जिंदगी का फ़लसफ़ा है । कभी हँसना है तो कभी रोना है । कभी
Yashpal singh gusain badal'
जिंदगी एक कहानी रोज इक इम्तिहान से गुजरना है सबको ! कभी फेल होना है कभी पास होना है । यही तो जिंदगी का फ़लसफ़ा है । कभी हँसना है तो कभी रोना है । कभी चहकना है । तो कभी खिलना है । कभी बिखरना है । तो कभी पिरोना है । आखिर ये एक जिंदगी है , कुछ न कुछ तो होना ही है । कभी तुम्हारे अनुकूल होगा, कभी तुम्हारे प्रतिकूल होगा, जो भी होगा मगर परिवर्तन तो जरूर होगा। जीवन हर दिन नए आयमों में यात्रा करेगा, सुख और दुःख आएंगे और जाएंगे , कपड़े की बुनाई की धागे की तरह, एकबार नीचे एकबार ऊपर, जिंदगी का कपड़ा बुनता है इसी तरह, सुख और दुख के दो धागों से, दुख और सुख पूरक हैं इक दूजे के , एक के बिना अर्थहीन है दूसरा । जितना बड़ा दुख होता है सुख के दिन होंगे उतने ही आनंदमयी , जितना गहन होगा अंधेरा उतना ही चमकदार होगा दिन, इसलिए जियो जिंदगी हर पल, चाहे कुछ भी हो, और कैसी भी हो, तुम जिंदगी का साथ छोड़ोगे नहीं, जिंदगी से मुख कभी मोड़ोगे नहीं । वक़्त बदलेगा, लोग बदलेंगे, परिवर्तन होंगे, मगर तुम खुद को कर लोगे अनुकूल सबके ! क्यों कि तुम एक जिंदगी हो, एक भरपूर जिंदगी हो । रचना-यशपाल सिंह बादल ©Yashpal singh gusain badal' #alone रोज इक इम्तिहान से गुजरना है सबको ! कभी फेल होना है कभी पास होना है । यही तो जिंदगी का फ़लसफ़ा है । कभी हँसना है तो कभी रो