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parul yadav
Maa ख़ुदा की एक खूबसूरत रचना जो रचती है ब्रह्माण्ड सारा कही नही मिलता ऐसा प्यार चाहे तलाश कर आओ पूरा संसार । ©parul yadav #माँ #ममता #माँ_का_प्यार #मेरी✍️से #मेर #नोजोतो❤ #नोजोतोहिंदी #NojotoFamily शायरी हिंदी शायरी दर्द दोस्ती शायरी 'दर्द भरी शायरी' हिंदी
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read moresweety
White पिता से बड़ा कोई मार्गदर्शक नही और माँ से बड़ी कोई दुनिया नही Good morning😘 💞 ©sweety माँ
माँ
read moreDR. LAVKESH GANDHI
White माँ माँ हीं मंदिर,माँ हीं पूजा मांँ के सिवा नहीं, कोई है दूजा भक्ति मेरी,शक्ति मेरी माँ तू है मेरी,शक्ति की देवी तेरे हाथों का खाना है स्वर्ग के अमृत से भी बढ़कर है ©DR. LAVKESH GANDHI #mothers_day # #माँ #
mothers_day # माँ #
read moreDR. LAVKESH GANDHI
Maa कहाँ हो लिखो माँ कभी तो मिलो माँ कैसी हो बताओ माँ मिलने तो आओ माँ कितनी दूर हो माँ मेरे पास आओ माँ हर सांस पर कर्ज है तेरा माँ फिर से चुकाने का मौका दो माँ जिंदगी में नहीं सोचा था कभी माँ आप भी मुझे छोड़ कर चलीं जाएंगी माँ ©DR. LAVKESH GANDHI #माँ # #मेरी माँ कहाँ हो #
माँ # मेरी माँ कहाँ हो #
read moreRajesh Arora
......... . ©Rajesh Arora शायरी शायरी दोस्ती शायरी लव शायरी हिंदी शायरी शायरी लव रोमांटिक
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read moreRiyanka Alok Madeshiya
White माँ ________ -------------- शब्दों की जरूरत नहीं होती मुझे तुमको अपनी बात समझने के लिए मेरे चेहरे के भाव काफी हैं मेरे मन का हाल बतलाने के लिए जीवन के संघर्षों से- जब भी यह मन घबराता है 'मैं हूंँ ना ' , 'सब ठीक हो जायेगा' तुम्हारा यही कहना याद आता है खो दिया तुमने खु़द को मुझे आकार देने में मैंनें ही तो जी हैं ;वो खु़शियाँ भी जो थी तुम्हारे हिस्से में अब लोग रूठतें हैं ; मनातें नहीं हैं तेरी तरह मेरी ग़लतियाँ छुपाते नहीं है काश! ये समय का पहिया वापस घूम पाता, और मुझे बचपन की गलियों में ले जाता जब तुम लोगों की नजरों से बचाने के लिए मुझे काज़ल का टीका लगाया करती थी और दिन के अन्त में- तुम खुद अपनी ही लगी नजर उतरती थी तुमने मुझको हक़ दिया हैं ;खु़द को सताने का बिना बात के रूठ जाने का मेरे झूठें ऑंसुओं पर भी- तुम्हारा दिल पिघल जाता है समझ में नहीं आता है कि- न जाने किस मिट्टी से ऊपर वाला माँ को बनाता हैं। स्वरचित और मौलिक रियंका आलोक मदेशिया पडरौना ,कुशीनगर ,उत्तर प्रदेश ©Riyanka Alok Madeshiya #माँ
सिद्धार्थ गौतम
White Robiinn सुना जो नाम उससे खुश हुआ था अब ना सुन सकूंगा क्या पता था उठ गई वो सर से जैसे धुप उठती है शांत जैसे कोई मौज सागर में मिलती है| ©सिद्धार्थ गौतम #Sad_Status #माँ