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Rohit singh
.............. ©Rohit singh यदि जन्म सात हो तो सब तेरे ही साथ हो...!! #रोhitsingh #Nojoto #thought #qoutes #Love #shyari
यदि जन्म सात हो तो सब तेरे ही साथ हो...!! #रोhitsingh #thought #qoutes Love #shyari #शायरी
read morePawan Munda
White बहुत सुना है नाम इसका क्या है सात समंदर का किस्सा बिना इसे पार किए अधूरा है जीवन का हिस्सा बड़ा हैरत की बात है यह अब तक नहीं सुलझा यह किस्सा बड़ा गहन चिंतन किया तब पाया इसका कुछ हिस्सा है जन्म- मृत्यु के बीच है वो शरीर सात अवस्था गर्भा, शैशवा,बाल्या,किशोरा प्रौढ़ा, वृद्धा और मृत्यु अवस्था बड़ा सुन्दर है जीवन यार मां- बाप कर दिया चार पार एक बीबी और एक बेटे साथ सातवां सामाज कर देगा उधार ©Pawan Munda सात समंदर क्या है
सात समंदर क्या है #विचार
read moreमोरध्वज सिंह
सुबह 7:00 बजे से पहले यह सात काम अवश्य कर लें। Love Life #शायरी #viral #मोटिवेशनल
read moreRavendra
*जंगल मे फैली आग वन संपदा जल कर हुई खाक* बाबागंज, बहराईच :- सीमावर्ती क्षेत्र के अब्दुल्लागंज रेंज अंतर्गत आज निम्निहारा बिट 7 व 10 में #वीडियो
read moreRavendra
*जंगल मे फैली आग वन संपदा जल कर हुई खाक* बाबागंज, बहराईच :- सीमावर्ती क्षेत्र के अब्दुल्लागंज रेंज अंतर्गत आज निम्निहारा बिट 7 व 10 में #वीडियो
read moreK R SHAYER
White तेरे साथ जिऊंगा, तेरे साथ ही मरूंगा में! न दुनियां से न जमाने से, अब डरूंगा में ! यू न करना वहम कोई, मेरी मोहब्बत पर जां,, और सात जन्म बाद भी भी,अगले की दुआ करूंगा मैं ©K R SHAYER #Couple सात जन्म बाद भी अगले की दुआ करूंगा मैं SONA DEVI kavita pramar Kumar Shaurya Muna Uncle RAHUL Nitin GUPTA
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
चौपई /जयकारी छन्द १ मातु-पिता को करूँ प्रणाम । वो ही रघुवर है घनश्याम ।। थाम चले वह मेरा हाथ । और न देता जग में साथ ।। २ जीवन की बस इतनी चाह । पिता दिखाए हमको राह ।। पाकर गुरुवर से मैं ज्ञान । बन जाऊँ मैं भी इंसान ।। ३ जीवन साथी है अनमोल । मीठे प्यारे उसके बोल ।। घर उसके ले गया बरात । पूर्ण किया फिर फेरे सात ।। ४ मानूँ उसकी सारी बात । कभी न मिलता मुझको घात ।। कहती दुनिया मुझे गुलाम । लेकिन जग में होता नाम ।। ०३/०४/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR चौपई /जयकारी छन्द १ मातु-पिता को करूँ प्रणाम । वो ही रघुवर है घनश्याम ।। थाम चले वह मेरा हाथ । और न देता जग में साथ ।। २
चौपई /जयकारी छन्द १ मातु-पिता को करूँ प्रणाम । वो ही रघुवर है घनश्याम ।। थाम चले वह मेरा हाथ । और न देता जग में साथ ।। २ #कविता
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