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dark O.G
Tere jaane k bad hr buri chiz khudpe azmayi Ek maut k siva Maar to tu roj mujhe andr se rhi thi Ab Bhr to m hu lash sa ©dark O.G #Death
Subam Deep Rasaily
White The Whisper of Death Like twilight’s hush on weary skies, Death comes with silent, tender sighs. Not as a thief, but as a guide, To lead us where the stars reside. A candle flickers, fades to rest, Yet dawn still rises in the west. For though we leave, we do not cease, We walk the winds and rest in peace. ©Subam Deep Rasaily #Death
suresh gulia
तेरा हर इल्जाम सह गये दर्द चाहे जितना हो चुप रह गये मगर तेरा ये इल्जाम अब सहा नहीं जाता हम तेरे लिए बद्दुआ करते है ये सुन कर चुप रहा नहीं जाता काश ये सुनने से पहले............| ©suresh gulia #Death
Deepak Kumar 'Deep'
प्रियजनों की मौत का दुःख सिर्फ़ अपनों को ही होता है, औरों के लिए यह सिर्फ़ एक घटना है... ©Deepak Kumar 'Deep' #Death
Ritesh Gadam
White उसके होठों की मुस्कुराहट जैसे मेरे दिल की चाहत। उसकी वो सुनहरे बाल जो बिगाड़े मेरे दिल का हाल। उसकी आवाज जैसे कोयल उसकी बातोंमें मैं घायल। उसके चेहरे का नूर जैसे चमकता हुवा कोहिनूर। हर बात में उसका जिक्र हर वक्त सताए उसकी फिक्र। हर वक्त तेरी बात का मारा तू ही मेरी नजर का सितारा। — रितेश ✨ ©Ritesh Gadam # poem#love poem #love❤️#crush
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read moreMr. Eram
ایک دن ایسا بھی آئے گا جب غسل، کفن، دفن، دعا اور پھر کہانی ختم ہو جائے گی 💔 . ©Mr. Eram #Death
Pooja Rai
इंतजार एक सवारी का था और मसला दो रोटी का था मुर्शीद मौत ने दोनो सवाल एक साथ खत्म कर दिऐ..? 💔🩶 © Pooja Rai #Death
Junaid Pinjari
پھر ایک ہجوم نے سرپر اٹھالیا مجھ کو میرے سرہانے ہوتی رہی تیلاوتیں کتنی۔ ©Junaid Pinjari #Death
Akash Mohan
रुखसती का वक्त था हम जा रहे थे उनका पता नहीं मुझे वो याद आ रहे थे, हंसने भी नहीं दिया जिन्होंने कभी वो मेरी मौत पर आंसू बहा रहे थे, रुखसती का वक्त था हम जा रहे थे मुझे उठाया चार लोगों ने किसी के नाम को दोहरा रहे थे रोते रोते चुप हो गए सब खिले रहते थे जिनके चेहरे, आज मुरझा रहे थे रुखसती का वक्त था हम जा रहे थे देखने आ रहे थे वो लोग जो मेरे जीते जी मेरा जी जला रहे थे मुझे लिटा दिया चिता पर फिर मेरे ही चक्कर लगा रहे थे रुखसती का वक्त था हम जा रहे थे मौत जिसके नाम से आई थी उसका घर फूलों से सजा था शादी थी उसकी मेरा मातम था उसे चार लोग हंसा रहे थे मुझे चार लोग जला रहे थे इतनी ही कहानी थी मेरी उसका फोटो का एल्बम बन रहा था मेरी फ़ोटो पर सब फूल चढ़ा रहे थे रुखसती का वक्त था हम जा रहे थे ©Akash Mohan #Death